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November 3, 2025

Key line times

Key Line Times राष्ट्रीय हिंदी पाक्षिक समाचार पत्र है जो राजधानी दिल्ली से प्रकाशित होता है एंव भारत सरकार के सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आर.एन.आई. से रजिस्ट्रड है। इसका आर.एन.आई.न. DELHIN/2017/72528 है। यह समाचार पत्र 2017 से लगातार प्रकाशित हो रहा है।
जोधपुर के गांव सुवालिया मे सामाजिक अंकेक्षण ग्राम सभा आयोजित…मदा राम,जिला संवाददाता जोधपुर, Key Line Times सामाजिक लेखा परीक्षा जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोसायटी जिला कार्यक्रम जोधपुर के तत्वाधान में ग्राम पंचायत सुवालिया में ग्राम सभा का आयोजन किया गया ब्लॉक संसाधन प्रभारी मदाराम सियाग ने बताया कि सरपंच रामसिंह की अध्यक्षता में ग्राम सभा आयोजित की गई जिसमें वित्तीय वर्ष 2023 24 मे मनरेगा जिसमें ग्रेवल सड़क व नाड़ी खुदाई कार्य, टांका निर्माण , स्वस्थ भारत मिशन 15 वा वित आयोग आदि योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण सफल हुआ ग्राम विकास अधिकारी हनुमानराम शर्मा ने अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए ग्राम रोजगार सहायक रावलसिंह वीआरपी , चैनीकुमारी ममता व मीमा देवी उपस्थित रहें

जोधपुर के गांव सुवालिया मे सामाजिक अंकेक्षण ग्राम सभा आयोजित…मदा राम,जिला संवाददाता जोधपुर, Key Line Times सामाजिक लेखा परीक्षा जवाबदेही एवं पारदर्शिता सोसायटी जिला कार्यक्रम जोधपुर के तत्वाधान में ग्राम पंचायत सुवालिया में ग्राम सभा का आयोजन किया गया ब्लॉक संसाधन प्रभारी मदाराम सियाग ने बताया कि सरपंच रामसिंह की अध्यक्षता में ग्राम सभा आयोजित की गई जिसमें वित्तीय वर्ष 2023 24 मे मनरेगा जिसमें ग्रेवल सड़क व नाड़ी खुदाई कार्य, टांका निर्माण , स्वस्थ भारत मिशन 15 वा वित आयोग आदि योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण सफल हुआ ग्राम विकास अधिकारी हनुमानराम शर्मा ने अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए ग्राम रोजगार सहायक रावलसिंह वीआरपी , चैनीकुमारी ममता व मीमा देवी उपस्थित रहें

— चंडीगढ़ सीनियर सिटिजन्स ऐसोसिएशन ने महिला सशक्तिकरण परियोजना का किया शुभारंभ….सतविंदर कौर,ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times चंडीगढ़,चंडीगढ़ सीनियर सिटिज़न्स एसोसिएशन ने आज अपने महिला सशक्तिकरण परियोजना की शुरुआत कम्युनिटी सेंटर रामदरबार में की। इसका उद्घाटन क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती नीना द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया और उन्हें हमारे महिला स्वयंसेवक श्रीमती रीना वालिया, सचिव वेलफेयर और ओशन सोसाइटी सचिव द्वारा सैनिटरी नैपकिन, बिस्कुट और फल वितरित किए गए। श्री सुभाष अग्रवाल, अध्यक्ष और श्री ब्रिगेडियर सप्रा, उपाध्यक्ष ने बताया कि यह परियोजना 4 साल बाद फिर से शुरू की गई है। हर महीने रामदरबार में एक बैठक आयोजित की जाएगी, और परियोजना-23 वेलफेयर सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि क्षेत्र में रहने वाली अधिकतम महिलाएं इसमें भाग लें। पार्षद श्रीमती नीना से एक सिलाई शिक्षा केंद्र की शुरुआत के लिए भी अनुरोध किया गया, और उन्होंने इस परियोजना के लिए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। श्री एस के माहेश्वरी, श्री विकास गोयल, श्रीमती मीनू, श्री विवेक शर्मा, श्रीमती स्वीटी और श्री पी.के. सूरी ने भी उद्घाटन कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज की। —

— चंडीगढ़ सीनियर सिटिजन्स ऐसोसिएशन ने महिला सशक्तिकरण परियोजना का किया शुभारंभ….सतविंदर कौर,ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times चंडीगढ़,चंडीगढ़ सीनियर सिटिज़न्स एसोसिएशन ने आज अपने महिला सशक्तिकरण परियोजना की शुरुआत कम्युनिटी सेंटर रामदरबार में की। इसका उद्घाटन क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती नीना द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया और उन्हें हमारे महिला स्वयंसेवक श्रीमती रीना वालिया, सचिव वेलफेयर और ओशन सोसाइटी सचिव द्वारा सैनिटरी नैपकिन, बिस्कुट और फल वितरित किए गए। श्री सुभाष अग्रवाल, अध्यक्ष और श्री ब्रिगेडियर सप्रा, उपाध्यक्ष ने बताया कि यह परियोजना 4 साल बाद फिर से शुरू की गई है। हर महीने रामदरबार में एक बैठक आयोजित की जाएगी, और परियोजना-23 वेलफेयर सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि क्षेत्र में रहने वाली अधिकतम महिलाएं इसमें भाग लें। पार्षद श्रीमती नीना से एक सिलाई शिक्षा केंद्र की शुरुआत के लिए भी अनुरोध किया गया, और उन्होंने इस परियोजना के लिए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। श्री एस के माहेश्वरी, श्री विकास गोयल, श्रीमती मीनू, श्री विवेक शर्मा, श्रीमती स्वीटी और श्री पी.के. सूरी ने भी उद्घाटन कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज की। —

गुजरात के सुरत मे आचार्य महाश्रमणजी के सानिध्य में सुप्रसिद्ध लेखिका डा.कुसुम लुनिया द्वारा लिखित “सर्वोत्तम जीवनशैली” का हुआ लोकार्पण… आर.के.जैन, मुख्य संपादक, Key Line Times “सर्वोत्तम जीवनशैली” सत्प्रेरणा और सन्मार्ग दर्शक ग्रन्थ सिद्ध हो* *आचार्य महाश्रमण* सुरत , गुजरात भारत के स्वर्णिम वर्तमान आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सानिध्य में सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ. कुसुम लुनिया द्वारा लिखित जैन विश्व भारती -आदर्श साहित्य संघ विभाग द्वारा प्रकाशित जैन जीवनशैली पर आधारित शौध ग्रन्थ “सर्वोत्तम जीवनशैली “का लोकार्पण सुरत ,गुजरात में हुआ। इस अवसर पर आचार्य श्री महाश्रमण जी ने अमृत देशना में फरमाया कि “सर्वोत्तम जीवनशैली “ग्रन्थ पुस्तक आज सामने आया है। मनुष्य की जीवनशैली अच्छी रहे ,उसमें त्याग संयम तप स्वाध्याय ये तत्व भी सन्निहित हों। आदमी का रहन-रहन ,खान -पान ,चिन्तन-मनन , सोना – जागना- उठना* सब क्रियाओं में संयम एवं विवेक हो। आध्यात्मिकता -धार्मिकता जीवनशैली के साथ जुडी हुई हो तो जीवनशैली भी सर्वोत्तम बन सकती है*।यह बहुत ही अच्छी बात है।सर्वोत्तम बहुत ऊंचा शब्द है परन्तु यह असम्भव भी नहीं लगता। आपने आशीर्वचन के साथ उदबोधन फरमाया कि *सर्वोत्तम जीवनशैली” पुस्तक पाठक को सत्प्रेरणा और सन्मार्ग दर्शन देने वाला ग्रन्थ सिद्ध हो।*यह ग्रन्थ सफलता को प्राप्त हो*। लेखिका की प्रतिभा का उपयोग लेखन , भाषण, चिन्तन एवं सलाह देने में भी हो सकता है, कर्मजा शक्ति का, पुरूषार्थ शक्ति का उपयोग होता रहे। खूब अच्छा काम चलता रहे।अणुव्रत का भी काम चलता रहे। मुनि श्री दिनेश कुमार जी के कुशल संचालन में, मुनिश्री कीर्ति कुमार जी के आध्यात्मिक पर्यवेक्षण में श्री जैयन्ति लाल सुराना, डॉ धनपत लुनिया, श्री संजय सुराना, श्री संजय भंसाली अवधेश भाई को लोकार्पण हेतु आंमत्रित किया गया।वतन -विशाल लुनिया एवं अंजु सुराणा की विशेष उपस्थिति रही। इस अवसर पर विदुषी लेखिका ने कृतज्ञ भावों से ह्रदय के उदगार व्यक्त किये।जैन तेरापंथ धर्म के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी से भरपूर आशीर्वाद पाकर जैन विश्व भारती एवं लुनिया तथा बोथरा परिवार कृत्य कृत्य हो गया।

गुजरात के सुरत मे आचार्य महाश्रमणजी के सानिध्य में सुप्रसिद्ध लेखिका डा.कुसुम लुनिया द्वारा लिखित “सर्वोत्तम जीवनशैली” का हुआ लोकार्पण… आर.के.जैन, मुख्य संपादक, Key Line Times “सर्वोत्तम जीवनशैली” सत्प्रेरणा और सन्मार्ग दर्शक ग्रन्थ सिद्ध हो* *आचार्य महाश्रमण* सुरत , गुजरात भारत के स्वर्णिम वर्तमान आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सानिध्य में सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ. कुसुम लुनिया द्वारा लिखित जैन विश्व भारती -आदर्श साहित्य संघ विभाग द्वारा प्रकाशित जैन जीवनशैली पर आधारित शौध ग्रन्थ “सर्वोत्तम जीवनशैली “का लोकार्पण सुरत ,गुजरात में हुआ। इस अवसर पर आचार्य श्री महाश्रमण जी ने अमृत देशना में फरमाया कि “सर्वोत्तम जीवनशैली “ग्रन्थ पुस्तक आज सामने आया है। मनुष्य की जीवनशैली अच्छी रहे ,उसमें त्याग संयम तप स्वाध्याय ये तत्व भी सन्निहित हों। आदमी का रहन-रहन ,खान -पान ,चिन्तन-मनन , सोना – जागना- उठना* सब क्रियाओं में संयम एवं विवेक हो। आध्यात्मिकता -धार्मिकता जीवनशैली के साथ जुडी हुई हो तो जीवनशैली भी सर्वोत्तम बन सकती है*।यह बहुत ही अच्छी बात है।सर्वोत्तम बहुत ऊंचा शब्द है परन्तु यह असम्भव भी नहीं लगता। आपने आशीर्वचन के साथ उदबोधन फरमाया कि *सर्वोत्तम जीवनशैली” पुस्तक पाठक को सत्प्रेरणा और सन्मार्ग दर्शन देने वाला ग्रन्थ सिद्ध हो।*यह ग्रन्थ सफलता को प्राप्त हो*। लेखिका की प्रतिभा का उपयोग लेखन , भाषण, चिन्तन एवं सलाह देने में भी हो सकता है, कर्मजा शक्ति का, पुरूषार्थ शक्ति का उपयोग होता रहे। खूब अच्छा काम चलता रहे।अणुव्रत का भी काम चलता रहे। मुनि श्री दिनेश कुमार जी के कुशल संचालन में, मुनिश्री कीर्ति कुमार जी के आध्यात्मिक पर्यवेक्षण में श्री जैयन्ति लाल सुराना, डॉ धनपत लुनिया, श्री संजय सुराना, श्री संजय भंसाली अवधेश भाई को लोकार्पण हेतु आंमत्रित किया गया।वतन -विशाल लुनिया एवं अंजु सुराणा की विशेष उपस्थिति रही। इस अवसर पर विदुषी लेखिका ने कृतज्ञ भावों से ह्रदय के उदगार व्यक्त किये।जैन तेरापंथ धर्म के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी से भरपूर आशीर्वाद पाकर जैन विश्व भारती एवं लुनिया तथा बोथरा परिवार कृत्य कृत्य हो गया।

आचार्य महाश्रमणजी ने अपने प्रवचन मे कहा कि बच्चों के लिए वरदान साबित हो ज्ञानशाला….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times 25.08.2024, रविवार, वेसु, सूरत (गुजरात) , युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में डायमण्ड सिटि सूरत में भगवान महावीर युनिवर्सिटि में बने संयम विहार रविवार को ज्ञानशाला दिवस के अवसर पर तेरापंथ ज्ञानशाला के नन्हें ज्ञानार्थियों की विशाल उपस्थिति गुंजायमान हो उठा। विभिन्न वेशों में सजे में नन्हें ज्ञानार्थियों की बटालियन अपने आराध्य के समक्ष अपनी भावात्मक प्रस्तुति देने को आतुर दिखाई दे रहे थे। भगवान महावीर समवसरण में नित्य की भांति जब युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी पावन प्रवचन हेतु उपस्थित हुए तो उपस्थित विशाल जनमेदिनी ने बुलंद जयघोष किया। तदुपरान्त आरम्भ ज्ञानशाला दिवस पर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों की भावपूर्ण प्र्रस्तुति का क्रम। यह इस प्रकार समायोजित था मानों आज महावीर समवसरण भारत का राजपथ बन गया हो। जिस प्रकार 26 जनवरी को भारत की शौर्यगाथा जिस प्रकार भारतीय सेना तथा भारत के लोग प्रस्तुत करते हैं, उसी प्रकार तेरापंथ अनुशास्ता के समक्ष तेरापंथ के वैभवपूर्ण विशालता को ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी प्रस्तुत कर रहे थे। अनेकानेक बटालियन के रूप में अपने आराध्य के समक्ष उपस्थित होते ज्ञानार्थी तेरापंथ धर्मसंघ के विभिन्न संगठनों व संस्थाओं के एक-एक आयाम को बखूबी प्रस्तुत कर रहे थे। ज्ञानार्थियों का उपक्रम जन-जन को मंत्रमुग्ध बनाने वाला था। लगभग एक घंटे चला यह उपक्रम जन-जन को मानों सम्मोहित-सा कर लिया था। एक घंटे की अनवरत मोहक प्रस्तुति के उपरान्त साध्वीवर्या सम्बुद्धयशाजी ने उपस्थित जनता को अभिप्रेरित करते हुए ज्ञानशाला और ज्ञानार्थियों के प्रति मंगलकामना अभिव्यक्त की। ज्ञानशाला के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि उदितकुमारजी ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति दी। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने इस अवसर पर उपस्थित विशाल जनमेदिनी और ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों को आयारो आगम के आधार पर पावन देशना प्रदान करते हुए कहा कि दुनिया में अहिंसा भी जीवित है तो हिंसा भी विद्यमान है। अहिंसा कभी भी पूर्णतया समाप्त नहीं होती और हिंसा भी पूर्णतया समाप्त हो जाए, यह भी संभव नहीं है। कहीं हिंसा ज्यादा दिखाई दे सकता है तो कहीं अहिंसा व शांति का साम्राज्य भी दिखाई दे सकता है। हिंसा है तो अहिंसा का दीप जलाने का प्रयास हो। अंधकार है तो दीपक से प्रकाश फैलाने का प्रयास किया जा सकता है। आदमी को झटपट निराश नहीं होना चाहिए। कोई व्यक्ति अपने विचार से हिंसा में प्रवृत्त हो सकता है तो कोई भय के कारण हिंसा में संलग्न हो सकता है। अपनी रक्षा के संदर्भ में भी आदमी हिंसा में जा सकता है। बच्चों में अच्छे संस्कार कैसे उजागर हों और गलत संस्कार क्षीण हों, इसका प्रयास करना चाहिए। विद्यालयों के माध्यम से बच्चों में अच्छे संस्कार दिए जा सकते हैं। परम पूज्य आचार्यश्री महाप्रज्ञजी और आचार्यश्री तुलसी द्वारा जीवनविज्ञान की बात बताई गई। विद्या संस्थान विद्यार्थियों व बच्चों में अच्छे संस्कार पुष्पित और पल्लवित करने के लिए सशक्त माध्यम हैं। माता-पिता व परिवार के लोग भी बच्चों को सुन्दर संस्कारों के निर्माण में अच्छे सहायक बनते हैं। दादा-दादी, नाना-नानी, माता-पिता व अन्य परिजन बच्चों पर संस्कारों की बरसात करते रहें। जिस प्रकार बरसात से खेत की फसल अच्छी होती है, उसी प्रकार चारों ओर से बच्चों पर संस्कारों की बरसात हो तो बच्चे संस्कारी बन सकते हैं। मीडिया, सोशल मीडिया, अखबार आदि के द्वारा भी अच्छे संस्कार आ सकते हैं तो साधु-साध्वियां व समणियां भी अच्छे संस्कार देने में सहायक बन सकती हैं। ज्ञानशाला एक धर्म-संप्रदाय से जुड़ा हुआ उपक्रम है। गुरुदेव तुलसी के समय से ज्ञानशाला का बीज वपन हुआ था। महासभा के तत्त्वावधान में चलने वाला एक उपक्रम है। इसमें सभा और अन्य संस्थाएं भी सहयोगी के रूप में अपना योगदान देने वाली हो सकती हैं। ज्ञानशाला का उपक्रम बच्चों के लिए बहुत अच्छा विकास किया है। छोटे-छोटे बच्चे भी धार्मिक गतिविधि से जुड़ते हैं, ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों के द्वारा अनेक प्रस्तुतियां होती हैं, अपने प्रदर्शनी आदि के द्वारा अपने अनेक ज्ञानों को प्रदर्शित करते हैं। बच्चे उसकी व्याख्या भी करते हैं। भाद्रव महीने का पहला रविवार ज्ञानशाला दिवस के रूप में 6आज का यह कार्यक्रम हो रहा है। धार्मिक ज्ञान इन्हें मिलता रहे तो बच्चे बुराइयों से बच सकते हैं। ज्ञानशाला एक सुंदर कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से कितने-कितने बच्चों को धर्म से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। पहले बच्चों को स्कूल व बाद में ज्ञानशाला के उपक्रम का अध्ययन करना भी बहुत अच्छी बात है। ज्ञानशाला में सेवा देने वाली प्रशिक्षिकाएं भी अपना कितना अच्छा योगदान देती हैं। बच्चे समाज व देश का भविष्य होते हैं। बच्चों में अच्छे संस्कार मजबूती से आ जाएं और उनका अच्छा विकास हो जाए तो वे आगे जाकर समाज की अच्छी सेवा कर सकते हैं और देश की अच्छी सेवा भी कर सकते हैं और उनमें अच्छी धार्मिक-आध्यात्मिक सेवा भी कर सकते हैं। ये संकल्प बच्चों का अच्छा निर्माण करने में योगदायी बन सकते हैं। गुरुदेव तुलसी के समय इसका क्रम प्रारम्भ हुआ, बाद में इसने अपना बहुत अच्छा विकास किया। एक-एक ज्ञानशाला में कितने-कितने प्रशिक्षण देने वाले और कितने-कितने व्यवस्थातंत्र में अपनी सेवा देने वाले होते हैं। अभिभावकों का भी योगदान होता है और कई चीजें मिलती हैं, तब यह ज्ञानशाला का सुन्दर रूप सामने आता है। माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने का प्रयास करते रहें। ज्ञानशाला के बच्चे संस्थाओं के अध्यक्ष बनें या अथवा न बनें, कोई पद अथवा न पाएं, किन्तु तेरापंथ समाज के अच्छे श्रावक-श्राविका अथवा साधु, साध्वी समण-समणियां अवश्य बनें। हमारे अनेक ज्ञानशाला से जुड़े लोग धर्मसंघ में चारित्रात्माओं के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सूरत जैसे शहर की ज्ञानशाला और ज्ञानशाला के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक भी सूरत में हैं तो फिर कहना ही क्या। ज्ञानशाला के बच्चों का अच्छा रूप सामने आया है। प्रशिक्षण देने वाले अपनी सेवा देते रहें, व्यवस्थातंत्र के लिए तेरापंथी सभाएं ध्यान देती हैं, नियोजन करती रहें, ज्ञानार्थियों की संख्या भी बढ़ती रहे। ज्ञानशाला खूब अच्छा विकास करती रहे और बच्चों के लिए वरदान साबित हो, मंगलकामना। ज्ञानशाला के गुजरात के आंचलिक संयोजक श्री प्रवीण मेड़तवाल, महासभा के ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के संयोजक श्री सोहनराज चौपड़ा तथा चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री संजय सुराणा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में शासनपक्ष नेता श्रीमती शशिबेन त्रिपाठी, सूरत के डिप्युटी मेयर श्री नरेन्द्र भाई पाटिल, चेयरमेन श्री विक्रम भाई पटेल, जितो के जेटीएफ के प्रेसिडेंट श्री विनोद दुगड़, श्रमण आरोग्यम् के प्रेसिडेंट श्री प्रकाश संघवी, जितो एपेक्स के वाइस चेयरमेन श्री राजेन्द्र जैन ने आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किए।

आचार्य महाश्रमणजी ने अपने प्रवचन मे कहा कि बच्चों के लिए वरदान साबित हो ज्ञानशाला….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times 25.08.2024, रविवार, वेसु, सूरत (गुजरात) , युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में डायमण्ड सिटि सूरत में भगवान महावीर युनिवर्सिटि में बने संयम विहार रविवार को ज्ञानशाला दिवस के अवसर पर तेरापंथ ज्ञानशाला के नन्हें ज्ञानार्थियों की विशाल उपस्थिति गुंजायमान हो उठा। विभिन्न वेशों में सजे में नन्हें ज्ञानार्थियों की बटालियन अपने आराध्य के समक्ष अपनी भावात्मक प्रस्तुति देने को आतुर दिखाई दे रहे थे। भगवान महावीर समवसरण में नित्य की भांति जब युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी पावन प्रवचन हेतु उपस्थित हुए तो उपस्थित विशाल जनमेदिनी ने बुलंद जयघोष किया। तदुपरान्त आरम्भ ज्ञानशाला दिवस पर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों की भावपूर्ण प्र्रस्तुति का क्रम। यह इस प्रकार समायोजित था मानों आज महावीर समवसरण भारत का राजपथ बन गया हो। जिस प्रकार 26 जनवरी को भारत की शौर्यगाथा जिस प्रकार भारतीय सेना तथा भारत के लोग प्रस्तुत करते हैं, उसी प्रकार तेरापंथ अनुशास्ता के समक्ष तेरापंथ के वैभवपूर्ण विशालता को ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी प्रस्तुत कर रहे थे। अनेकानेक बटालियन के रूप में अपने आराध्य के समक्ष उपस्थित होते ज्ञानार्थी तेरापंथ धर्मसंघ के विभिन्न संगठनों व संस्थाओं के एक-एक आयाम को बखूबी प्रस्तुत कर रहे थे। ज्ञानार्थियों का उपक्रम जन-जन को मंत्रमुग्ध बनाने वाला था। लगभग एक घंटे चला यह उपक्रम जन-जन को मानों सम्मोहित-सा कर लिया था। एक घंटे की अनवरत मोहक प्रस्तुति के उपरान्त साध्वीवर्या सम्बुद्धयशाजी ने उपस्थित जनता को अभिप्रेरित करते हुए ज्ञानशाला और ज्ञानार्थियों के प्रति मंगलकामना अभिव्यक्त की। ज्ञानशाला के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि उदितकुमारजी ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति दी। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने इस अवसर पर उपस्थित विशाल जनमेदिनी और ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों को आयारो आगम के आधार पर पावन देशना प्रदान करते हुए कहा कि दुनिया में अहिंसा भी जीवित है तो हिंसा भी विद्यमान है। अहिंसा कभी भी पूर्णतया समाप्त नहीं होती और हिंसा भी पूर्णतया समाप्त हो जाए, यह भी संभव नहीं है। कहीं हिंसा ज्यादा दिखाई दे सकता है तो कहीं अहिंसा व शांति का साम्राज्य भी दिखाई दे सकता है। हिंसा है तो अहिंसा का दीप जलाने का प्रयास हो। अंधकार है तो दीपक से प्रकाश फैलाने का प्रयास किया जा सकता है। आदमी को झटपट निराश नहीं होना चाहिए। कोई व्यक्ति अपने विचार से हिंसा में प्रवृत्त हो सकता है तो कोई भय के कारण हिंसा में संलग्न हो सकता है। अपनी रक्षा के संदर्भ में भी आदमी हिंसा में जा सकता है। बच्चों में अच्छे संस्कार कैसे उजागर हों और गलत संस्कार क्षीण हों, इसका प्रयास करना चाहिए। विद्यालयों के माध्यम से बच्चों में अच्छे संस्कार दिए जा सकते हैं। परम पूज्य आचार्यश्री महाप्रज्ञजी और आचार्यश्री तुलसी द्वारा जीवनविज्ञान की बात बताई गई। विद्या संस्थान विद्यार्थियों व बच्चों में अच्छे संस्कार पुष्पित और पल्लवित करने के लिए सशक्त माध्यम हैं। माता-पिता व परिवार के लोग भी बच्चों को सुन्दर संस्कारों के निर्माण में अच्छे सहायक बनते हैं। दादा-दादी, नाना-नानी, माता-पिता व अन्य परिजन बच्चों पर संस्कारों की बरसात करते रहें। जिस प्रकार बरसात से खेत की फसल अच्छी होती है, उसी प्रकार चारों ओर से बच्चों पर संस्कारों की बरसात हो तो बच्चे संस्कारी बन सकते हैं। मीडिया, सोशल मीडिया, अखबार आदि के द्वारा भी अच्छे संस्कार आ सकते हैं तो साधु-साध्वियां व समणियां भी अच्छे संस्कार देने में सहायक बन सकती हैं। ज्ञानशाला एक धर्म-संप्रदाय से जुड़ा हुआ उपक्रम है। गुरुदेव तुलसी के समय से ज्ञानशाला का बीज वपन हुआ था। महासभा के तत्त्वावधान में चलने वाला एक उपक्रम है। इसमें सभा और अन्य संस्थाएं भी सहयोगी के रूप में अपना योगदान देने वाली हो सकती हैं। ज्ञानशाला का उपक्रम बच्चों के लिए बहुत अच्छा विकास किया है। छोटे-छोटे बच्चे भी धार्मिक गतिविधि से जुड़ते हैं, ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों के द्वारा अनेक प्रस्तुतियां होती हैं, अपने प्रदर्शनी आदि के द्वारा अपने अनेक ज्ञानों को प्रदर्शित करते हैं। बच्चे उसकी व्याख्या भी करते हैं। भाद्रव महीने का पहला रविवार ज्ञानशाला दिवस के रूप में 6आज का यह कार्यक्रम हो रहा है। धार्मिक ज्ञान इन्हें मिलता रहे तो बच्चे बुराइयों से बच सकते हैं। ज्ञानशाला एक सुंदर कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से कितने-कितने बच्चों को धर्म से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। पहले बच्चों को स्कूल व बाद में ज्ञानशाला के उपक्रम का अध्ययन करना भी बहुत अच्छी बात है। ज्ञानशाला में सेवा देने वाली प्रशिक्षिकाएं भी अपना कितना अच्छा योगदान देती हैं। बच्चे समाज व देश का भविष्य होते हैं। बच्चों में अच्छे संस्कार मजबूती से आ जाएं और उनका अच्छा विकास हो जाए तो वे आगे जाकर समाज की अच्छी सेवा कर सकते हैं और देश की अच्छी सेवा भी कर सकते हैं और उनमें अच्छी धार्मिक-आध्यात्मिक सेवा भी कर सकते हैं। ये संकल्प बच्चों का अच्छा निर्माण करने में योगदायी बन सकते हैं। गुरुदेव तुलसी के समय इसका क्रम प्रारम्भ हुआ, बाद में इसने अपना बहुत अच्छा विकास किया। एक-एक ज्ञानशाला में कितने-कितने प्रशिक्षण देने वाले और कितने-कितने व्यवस्थातंत्र में अपनी सेवा देने वाले होते हैं। अभिभावकों का भी योगदान होता है और कई चीजें मिलती हैं, तब यह ज्ञानशाला का सुन्दर रूप सामने आता है। माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने का प्रयास करते रहें। ज्ञानशाला के बच्चे संस्थाओं के अध्यक्ष बनें या अथवा न बनें, कोई पद अथवा न पाएं, किन्तु तेरापंथ समाज के अच्छे श्रावक-श्राविका अथवा साधु, साध्वी समण-समणियां अवश्य बनें। हमारे अनेक ज्ञानशाला से जुड़े लोग धर्मसंघ में चारित्रात्माओं के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सूरत जैसे शहर की ज्ञानशाला और ज्ञानशाला के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक भी सूरत में हैं तो फिर कहना ही क्या। ज्ञानशाला के बच्चों का अच्छा रूप सामने आया है। प्रशिक्षण देने वाले अपनी सेवा देते रहें, व्यवस्थातंत्र के लिए तेरापंथी सभाएं ध्यान देती हैं, नियोजन करती रहें, ज्ञानार्थियों की संख्या भी बढ़ती रहे। ज्ञानशाला खूब अच्छा विकास करती रहे और बच्चों के लिए वरदान साबित हो, मंगलकामना। ज्ञानशाला के गुजरात के आंचलिक संयोजक श्री प्रवीण मेड़तवाल, महासभा के ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के संयोजक श्री सोहनराज चौपड़ा तथा चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री संजय सुराणा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में शासनपक्ष नेता श्रीमती शशिबेन त्रिपाठी, सूरत के डिप्युटी मेयर श्री नरेन्द्र भाई पाटिल, चेयरमेन श्री विक्रम भाई पटेल, जितो के जेटीएफ के प्रेसिडेंट श्री विनोद दुगड़, श्रमण आरोग्यम् के प्रेसिडेंट श्री प्रकाश संघवी, जितो एपेक्स के वाइस चेयरमेन श्री राजेन्द्र जैन ने आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किए।

आचार्य महाश्रमणजी ने आज अपने प्रवचनों मे कहा कि मानव के भीतर संतोष की भावना हो पुष्ट ….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times 24.08.2024, शनिवार, वेसु, सूरत (गुजरात) , जन-जन के कल्याण के लिए, जन-जन को सन्मार्ग दिखाने के लिए निरंतर अपनी मंगलवाणी प्रदान करने जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता भारत की डायमण्ड सिटि व सिल्क सिटि सूरत में वर्ष 2024 का मंगल चतुर्मास कर रहे हैं। चतुर्मास के दौरान आचार्यश्री की कल्याणवाणी का निरंतर प्रवाहित हो रही है और देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से गुरु सन्निधि में पहुंचने वाले श्रद्धालु इसका पूर्ण लाभ उठा रहे हैं। वर्षा का समय है तो यदा-कदा वर्षा का दौर भी जारी शनिवार को सुबह से ही वर्षा का क्रम जारी था, तो इस कारण महावीर समवसरण में युगप्रधान आचार्यश्री का पदार्पण संभव नहीं हो पाया तो आचार्यश्री ने अपने प्रवास स्थल प्रेक्षा भवन से जनता को पावन पाथेय ही नहीं, आख्यान से भी लाभान्वित किया। आचार्यश्री की कल्याणी वाणी का श्रवण कर श्रद्धालु जनता निहाल थी। मंगल प्रवचन से पूर्व आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में भाजपा के पुरी सांसद श्री संबित पात्रा पहुंचे। उन्होंने आचार्यश्री को वंदन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। तदुपरान्त उनका आचार्यश्री से वार्तालाप का क्रम भी रहा। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आयारो आगम के आधार पर पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि मानव की चेतना में लोभ भी विद्यमान है तो साथ ही अलोभ की चेतना भी भीतर में स्थित होती है। लोभ की एक भाव है और अलोभ भी चित्त का एक धर्म है। वीतराग बनने के लिए लोभ से मुक्त होना होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति के लिए वीतरागता की प्राप्ति आवश्यक होती है। मोक्ष की प्राप्ति के लिए वीतरागता एक कसौटी है। लोभ की वृत्ति सामान्य मनुष्यों में होती है। यहां तक की साधु में भी लोभ की चेतना विद्यमान होता है। कहा गया है कि दसवें गुणस्थान तक भी लोभ का अंश रहता ही है। भले ही वह कमजोर अवस्था में होता है, किन्तु दसवें गुणस्थान में भी उसकी विद्यमानता होती है। आदमी लोभ को कैसे प्रतनु बनाए, इसका प्रयास करना चाहिए। आयारो आगम में एक निर्देश दिया गया है कि कैसे लोभ की वृत्ति को कम किया जा सकता है। लोभ पर विजय प्राप्त करने के लिए मानव को अलोभ की साधना करने का प्रयास करना चाहिए। अलोभ की भावना को जगाने का प्रयास करना चाहिए। अलोभ की चेतना को जागृत करने के लिए आदमी को संतोष की चेतना का प्रयास करना चाहिए। पदार्थों की प्राप्ति में संतोष की भावना हो। आदमी को नित्य प्रति अलोभ की भावना को जागृत करने का प्रयास करना चाहिए। अलोभ की भावना जितना-जितना पुष्ट होता जाएगा, संतोष की अनुप्रेक्षा जितनी पुष्ट होगी, लोभ उतना प्रतनु हो सकता है। श्रावक के बारह व्रतों में पांचवां व्रत है इच्छा परिमाण। इसमें आदमी ऐसा त्याग करे कि इतने स्थान के अलावा स्थान रखने का त्याग है। पदार्थों के उपभोग में सीमा करना और संतोष रखने का प्रयास हो। गृहस्थ भी अपने जीवन में कभी ज्यादा कमाई नहीं हुई तो भी आदमी को संतोष रखने का प्रयास करना चाहिए। ज्यादा कमाई के लिए आदमी को ठगी, चोरी और बेईमानी से बचने का प्रयास करना चाहिए। मानव के जीवन में संतोष रूपी धन का विकास होना चाहिए। संतोष की भावना पुष्ट बनाने का प्रयास करना चाहिए। गृहस्थ भी अपने जीवन में लोभ को अलोभ से जितने का प्रयास करे। अपने विचारों को संतोष की भावना से भावित करने का प्रयास करना चाहिए। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री मुनि गजसुकुमाल के जीवन प्रसंगों का सुन्दर रूप में वर्णन किया। पावन प्रवचन व आख्यान के उपरान्त अनेक तपस्वियों ने अपनी-अपनी तपस्या का आचार्यश्री के श्रीमुख से प्रत्याख्यान किया। तेरापंथ कन्या मण्डल-सूरत ने चौबीसी के गीत का संगान किया। श्री प्रताप सिंह सिंघी ने अपनी पुस्तक ‘सचित्र प्रज्ञावान बनो’ आचार्यश्री के समक्ष लोकार्पित की। आचार्यश्री ने इस संदर्भ में पावन आशीर्वाद प्रदान किया। डॉ. कुसुम लुणिया ने अपनी लिखित पुस्तक ‘सर्वोत्तम जीवनशैली’ को आचार्यश्री के समक्ष लोकार्पित किया। इस संदर्भ में डॉ. लुणिया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री ने उन्हें पावन आशीर्वाद प्रदान किया।

आचार्य महाश्रमणजी ने आज अपने प्रवचनों मे कहा कि मानव के भीतर संतोष की भावना हो पुष्ट ….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times 24.08.2024, शनिवार, वेसु, सूरत (गुजरात) , जन-जन के कल्याण के लिए, जन-जन को सन्मार्ग दिखाने के लिए निरंतर अपनी मंगलवाणी प्रदान करने जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता भारत की डायमण्ड सिटि व सिल्क सिटि सूरत में वर्ष 2024 का मंगल चतुर्मास कर रहे हैं। चतुर्मास के दौरान आचार्यश्री की कल्याणवाणी का निरंतर प्रवाहित हो रही है और देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से गुरु सन्निधि में पहुंचने वाले श्रद्धालु इसका पूर्ण लाभ उठा रहे हैं। वर्षा का समय है तो यदा-कदा वर्षा का दौर भी जारी शनिवार को सुबह से ही वर्षा का क्रम जारी था, तो इस कारण महावीर समवसरण में युगप्रधान आचार्यश्री का पदार्पण संभव नहीं हो पाया तो आचार्यश्री ने अपने प्रवास स्थल प्रेक्षा भवन से जनता को पावन पाथेय ही नहीं, आख्यान से भी लाभान्वित किया। आचार्यश्री की कल्याणी वाणी का श्रवण कर श्रद्धालु जनता निहाल थी। मंगल प्रवचन से पूर्व आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में भाजपा के पुरी सांसद श्री संबित पात्रा पहुंचे। उन्होंने आचार्यश्री को वंदन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। तदुपरान्त उनका आचार्यश्री से वार्तालाप का क्रम भी रहा। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आयारो आगम के आधार पर पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि मानव की चेतना में लोभ भी विद्यमान है तो साथ ही अलोभ की चेतना भी भीतर में स्थित होती है। लोभ की एक भाव है और अलोभ भी चित्त का एक धर्म है। वीतराग बनने के लिए लोभ से मुक्त होना होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति के लिए वीतरागता की प्राप्ति आवश्यक होती है। मोक्ष की प्राप्ति के लिए वीतरागता एक कसौटी है। लोभ की वृत्ति सामान्य मनुष्यों में होती है। यहां तक की साधु में भी लोभ की चेतना विद्यमान होता है। कहा गया है कि दसवें गुणस्थान तक भी लोभ का अंश रहता ही है। भले ही वह कमजोर अवस्था में होता है, किन्तु दसवें गुणस्थान में भी उसकी विद्यमानता होती है। आदमी लोभ को कैसे प्रतनु बनाए, इसका प्रयास करना चाहिए। आयारो आगम में एक निर्देश दिया गया है कि कैसे लोभ की वृत्ति को कम किया जा सकता है। लोभ पर विजय प्राप्त करने के लिए मानव को अलोभ की साधना करने का प्रयास करना चाहिए। अलोभ की भावना को जगाने का प्रयास करना चाहिए। अलोभ की चेतना को जागृत करने के लिए आदमी को संतोष की चेतना का प्रयास करना चाहिए। पदार्थों की प्राप्ति में संतोष की भावना हो। आदमी को नित्य प्रति अलोभ की भावना को जागृत करने का प्रयास करना चाहिए। अलोभ की भावना जितना-जितना पुष्ट होता जाएगा, संतोष की अनुप्रेक्षा जितनी पुष्ट होगी, लोभ उतना प्रतनु हो सकता है। श्रावक के बारह व्रतों में पांचवां व्रत है इच्छा परिमाण। इसमें आदमी ऐसा त्याग करे कि इतने स्थान के अलावा स्थान रखने का त्याग है। पदार्थों के उपभोग में सीमा करना और संतोष रखने का प्रयास हो। गृहस्थ भी अपने जीवन में कभी ज्यादा कमाई नहीं हुई तो भी आदमी को संतोष रखने का प्रयास करना चाहिए। ज्यादा कमाई के लिए आदमी को ठगी, चोरी और बेईमानी से बचने का प्रयास करना चाहिए। मानव के जीवन में संतोष रूपी धन का विकास होना चाहिए। संतोष की भावना पुष्ट बनाने का प्रयास करना चाहिए। गृहस्थ भी अपने जीवन में लोभ को अलोभ से जितने का प्रयास करे। अपने विचारों को संतोष की भावना से भावित करने का प्रयास करना चाहिए। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री मुनि गजसुकुमाल के जीवन प्रसंगों का सुन्दर रूप में वर्णन किया। पावन प्रवचन व आख्यान के उपरान्त अनेक तपस्वियों ने अपनी-अपनी तपस्या का आचार्यश्री के श्रीमुख से प्रत्याख्यान किया। तेरापंथ कन्या मण्डल-सूरत ने चौबीसी के गीत का संगान किया। श्री प्रताप सिंह सिंघी ने अपनी पुस्तक ‘सचित्र प्रज्ञावान बनो’ आचार्यश्री के समक्ष लोकार्पित की। आचार्यश्री ने इस संदर्भ में पावन आशीर्वाद प्रदान किया। डॉ. कुसुम लुणिया ने अपनी लिखित पुस्तक ‘सर्वोत्तम जीवनशैली’ को आचार्यश्री के समक्ष लोकार्पित किया। इस संदर्भ में डॉ. लुणिया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री ने उन्हें पावन आशीर्वाद प्रदान किया।

*फलसुण्ड (जैसलमेर)* *23 अगस्त 2024* *फलसुंड मे आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर किसानों का पुलिस थाना फलसुंड पर धरना प्रदर्शन… गणेश जैन,राज्य संवाददाता राजस्थान, Key Line Times गणेश जैन फलसूड़ जिला जैसलमेर फलसूंड तहसील के सेकड़ो किसानों ने शुक्रवार थाना अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की ग्राम सेवा सहकारी समिति मानासर, फलसुंड, स्वामीजी की ढाणी, पदमपुरा, भुर्जगढ़, दातल सोसायटीयो दी सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक शाखा राजमथाई के अंतर्गत करीब 2021 से 2022 तक 30 करोड़ का घोटाले के मामले में किसानों ने सोसायटी संचालको की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि तहसीलदार फलसूंड को ज्ञापन सौंपा था, भणियाणा उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की रिपार्ट किसानों को उपलब्ध करवाने। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि दी सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक राजमथाई में करोड़ों रुपए के गबन करने के आरोपियों को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। कोऑपरेटिव मानासर , फलसूंड , स्वामीजी कि ढाणी ,पदमपुरा एंव दातल के व्यवस्थापको एवं सचिवो ने मिलकर फर्जी बटाईदार के दस्तावेजों बनाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के डीसी की राशि के करोड़ों रुपए का घोटाला कर राशि उठाई थी। साथ ही उन्होंने किसानों के रुपए उठाकर अपने चहेतों के खातों में जमा करवाई है। इसमें साफ लिखा कि बटाईदार के जो दस्तावेज ऑन रिकॉर्ड पेश किए हैं, वो फर्जी तैयार किए गए हैं। इसके संबंध में पुलिस थाना फलसूड में 25 अगस्त2023 को मुकदमा दर्ज करवाया गया था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई , ग्रामीणों ने बताया कि इसकी जाच रिपोर्ट सार्वजनिक हो। सोसायटी संचालक गिरफ्तार हो। सोसायटी भग हो। किसान को हक दो। फर्जी बंटाईदारों को गिरफ्तार किया जाए। समय रहते यदि कोई कार्यवाही नहीं होती है। तो फिर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा तहसील स्तर पर जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। किसानों ने फसल बीमा राशि के नाम पर हुए करोड़ों रुपए के घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। किसानों का आरोप है कि हम पिछले एक साल से जगह जगह ठोकर खा रहे हैं। कोई हमारी सुनवाई नहीं कर रहे है। जिला प्रशासन राजनेता, आखिरकार परेशान होकर मजबूर जयपुर जाकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा मुख्यमंत्री कार्यालय ।
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*फलसुण्ड (जैसलमेर)* *23 अगस्त 2024* *फलसुंड मे आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर किसानों का पुलिस थाना फलसुंड पर धरना प्रदर्शन… गणेश जैन,राज्य संवाददाता राजस्थान, Key Line Times गणेश जैन फलसूड़ जिला जैसलमेर फलसूंड तहसील के सेकड़ो किसानों ने शुक्रवार थाना अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की ग्राम सेवा सहकारी समिति मानासर, फलसुंड, स्वामीजी की ढाणी, पदमपुरा, भुर्जगढ़, दातल सोसायटीयो दी सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक शाखा राजमथाई के अंतर्गत करीब 2021 से 2022 तक 30 करोड़ का घोटाले के मामले में किसानों ने सोसायटी संचालको की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि तहसीलदार फलसूंड को ज्ञापन सौंपा था, भणियाणा उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की रिपार्ट किसानों को उपलब्ध करवाने। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि दी सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक राजमथाई में करोड़ों रुपए के गबन करने के आरोपियों को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। कोऑपरेटिव मानासर , फलसूंड , स्वामीजी कि ढाणी ,पदमपुरा एंव दातल के व्यवस्थापको एवं सचिवो ने मिलकर फर्जी बटाईदार के दस्तावेजों बनाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के डीसी की राशि के करोड़ों रुपए का घोटाला कर राशि उठाई थी। साथ ही उन्होंने किसानों के रुपए उठाकर अपने चहेतों के खातों में जमा करवाई है। इसमें साफ लिखा कि बटाईदार के जो दस्तावेज ऑन रिकॉर्ड पेश किए हैं, वो फर्जी तैयार किए गए हैं। इसके संबंध में पुलिस थाना फलसूड में 25 अगस्त2023 को मुकदमा दर्ज करवाया गया था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई , ग्रामीणों ने बताया कि इसकी जाच रिपोर्ट सार्वजनिक हो। सोसायटी संचालक गिरफ्तार हो। सोसायटी भग हो। किसान को हक दो। फर्जी बंटाईदारों को गिरफ्तार किया जाए। समय रहते यदि कोई कार्यवाही नहीं होती है। तो फिर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा तहसील स्तर पर जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। किसानों ने फसल बीमा राशि के नाम पर हुए करोड़ों रुपए के घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। किसानों का आरोप है कि हम पिछले एक साल से जगह जगह ठोकर खा रहे हैं। कोई हमारी सुनवाई नहीं कर रहे है। जिला प्रशासन राजनेता, आखिरकार परेशान होकर मजबूर जयपुर जाकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा मुख्यमंत्री कार्यालय ।

आचार्य श्री महाश्रमणजी ने आज कहा कि स्वयं के भीतर है साधना की ऊंचाई …सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times *- राग-द्वेष से मुक्त होकर इन्द्रिय संयम की आचार्यश्री ने दी पावन प्रेरणा* *-भाजपा युवामोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या पहुंचे पूज्य सन्निधि में* *-अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के 58वें अधिवेशन का पूज्य सन्निधि में मंगल शुभारम्भ* 23.08.2024, शुक्रवार, वेसु, सूरत (गुजरात),शुक्रवार को महावीर समवसरण से महातपस्वी, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आयारो आगम के आधार पर पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि शब्द, रूप, रस, गन्ध व स्पर्श ये पांच विषय हैं। इन पांच विषयों के पांच इन्द्रियां भी होती हैं। कान का विषय शब्द, आंख का विषय रूप, जिह्वा का विषय रस, नाक का विषय गन्ध व त्वचा का विषय स्पर्श होता है। इन पांच विषयों के प्रति जिसका मोह हो जाता है, वह आदमी उन विषयों के सेवन में निमग्न हो जाता है और उसमें डूब जाता है। विषयों के प्रति आसक्ति हो जाने आदमी फंस जाता है। अध्यात्म की साधना और आत्मकल्याण के लिए इन्द्रियों का संयम करना आवश्यक होता है। संयम करने के लिए दो प्रकार-इन्द्रियों का निरोध करना अर्थात् इन्द्रियों के विषयों से दूर हो जाना। इन्द्रियां ही आदमी को बाहर के जगत से जोड़ने वाली होती हैं। जो मनुष्य इन्द्रियों का निरोध कर लेता है, मानों इसका बाह्य जगत से सम्पर्क टूट-सा जाता है। बाहर से सम्पर्क तोड़कर मनुष्य जब भीतर की ओर जाता है तो वह साधना की ऊंचाई की ओर बढ़ सकता है। दूसरी विधि बताई गयी है कि इन्द्रिय विषयों में राग-द्वेष नहीं करना। शब्द कान में पड़े, उसके प्रति राग-द्वेष न हो। आंख से देखने के बाद भी राग-द्वेष न हो, भोजन किया, किन्तु उनके प्रति राग-द्वेष न हो। इस प्रकार पांच विषयों के प्रति राग-द्वेष न हो तो संयम की साधना हो सकती है। जितना संभव हो सके इन्द्रियों का निरोध करने का प्रयास हो, और जहां इन्द्रियों का उपयोग हो, वहां राग और द्वेष की भावना से बचने का प्रयास हो। इस प्रकार मानव इन्द्रियों के संयम की साधना कर सकता है। विषयासक्त होकर आदमी जीवन में अनेक कष्ट झेलता है तो उससे आत्मा का भी नुकसान हो सकता है। अपनी आत्मा के कल्याण और जीवन को दुःख से मुक्त बनाने के लिए इन्द्रियों की साधना करने का प्रयास करना चाहिए। साधक लोग भी अपने जीवन में राग-द्वेष से मुक्त होकर साधना करे तो वह साधना निष्पत्तिदायक हो सकती है। चतुर्मास का समय चल रहा है। कितने-कितने लोग तपस्या कर रहे हैं, कितने लोग कर लिए होंगे। तपस्या करने से रसनेन्द्रिय का निरोध हो जाता है। पारणा हो जाए तो भी रसनेन्द्रिय का संयम रखने का प्रयास होना चाहिए। मंगल प्रवचन के उपरान्त शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मुनि गजसुकुमाल के आख्यान का संगान व वाचन किया। गुरुमुख से सुन्दर आख्यान का श्रवण का लाभ प्राप्त कर श्रद्धालु भावविभोर नजर आ रहे थे। मंगल प्रवचन, सुन्दर आख्यान का श्रवण करने के उपरान्त अनेक श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान अपने महातपस्वी गुरु से कर अपने जीवन को धन्य बनाया। तदुपरान्त युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का 58वां वार्षिक अधिवेशन प्रारम्भ हुआ। इस संदर्भ में अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा तथा अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि योगेशकुमारजी ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में बेंगलुरु दक्षिण के सांसद व भाजपा युवामोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि मैं परम पूज्य संत आचार्यश्री महाश्रमणजी को वंदन करता हूं। मेरा सौभाग्य है कि मुझे आपके दर्शन करने व आशीर्वाद प्राप्त करने का सुअवसर मिला है। भारत की आत्मा आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ी हुई हैं और इसमें साधु-संतों के आशीर्वाद और गुरु परंपरा का बड़ा महत्त्व है। भारत को हमेशा भारत बनाए रखने की जिम्मेदारी युवाओं की है। मैं पुनः आपके चरणों में प्रणाम अर्पित करता हूं। युवाओं को साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने पावन प्रेरणा प्रदान की। महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी ने युवाओं को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि मनुष्य को यह ध्यान देना चाहिए अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास करे। युवावस्था बहुत उपयोगी हो सकती है। जिनके पास शारीरिक, बौद्धिक क्षमता आदि होती है, इसका बढिया उपयोग करने का प्रयास हो और वैसा पुरुषार्थ किया जाए तो जीवन में कुछ प्राप्त भी हो सकता है। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का अधिवेशन हो रहा है। इसके द्वारा अनेक गतिविधियां संचालित कर जा रही हैं। यह धर्मसंघ से जुड़ी हुई संस्था है। अपने कार्यों के साथ गतिविधियों के समय देना भी बड़ी बात होती है। कितने-कितने युवाओं को हमारी रास्ते की सेवा में युवावाहिनी का अच्छा उपयोग हो सकता है। युवाओं में अच्छा उत्साह बना रहे। अधिवेशन के आलावा भी समीक्षा करते रहने का प्रयास करना चाहिए। परम पूज्य आचार्यश्री तुलसी के जन्मी संस्था यह अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद है। यह संस्था धार्मिक दृष्टि से सेना के समान है। इसके सभी सदस्यों में अच्छी धार्मिक भावना पुष्ट होती रहे। युवा अपने जीवन में सद्भावना, ईमानदारी और नशामुक्ति की भावना बनी रहे और भी अच्छा कार्य चलता रहे। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्य महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार श्री अनिल बैद (गुडगांव) को अभातेयुप द्वारा प्रदान किया गया। प्रशस्ति पत्र का वाचन अभातेयुप के उपाध्यक्ष श्री पवन माण्डोत ने किया। पुरस्कार प्राप्तकर्ता श्री अनिल बैद ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री ने उन्हें शुभाशीर्वाद प्रदान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने गीत का संगान किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेशकुमारजी ने किया तथा पुरस्कार अलंकरण सम्मान समारोह कार्यक्रम का संचालन अभातेयुप के महामंत्री श्री अमित नाहटा ने किया।

आचार्य श्री महाश्रमणजी ने आज कहा कि स्वयं के भीतर है साधना की ऊंचाई …सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times *- राग-द्वेष से मुक्त होकर इन्द्रिय संयम की आचार्यश्री ने दी पावन प्रेरणा* *-भाजपा युवामोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या पहुंचे पूज्य सन्निधि में* *-अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के 58वें अधिवेशन का पूज्य सन्निधि में मंगल शुभारम्भ* 23.08.2024, शुक्रवार, वेसु, सूरत (गुजरात),शुक्रवार को महावीर समवसरण से महातपस्वी, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आयारो आगम के आधार पर पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि शब्द, रूप, रस, गन्ध व स्पर्श ये पांच विषय हैं। इन पांच विषयों के पांच इन्द्रियां भी होती हैं। कान का विषय शब्द, आंख का विषय रूप, जिह्वा का विषय रस, नाक का विषय गन्ध व त्वचा का विषय स्पर्श होता है। इन पांच विषयों के प्रति जिसका मोह हो जाता है, वह आदमी उन विषयों के सेवन में निमग्न हो जाता है और उसमें डूब जाता है। विषयों के प्रति आसक्ति हो जाने आदमी फंस जाता है। अध्यात्म की साधना और आत्मकल्याण के लिए इन्द्रियों का संयम करना आवश्यक होता है। संयम करने के लिए दो प्रकार-इन्द्रियों का निरोध करना अर्थात् इन्द्रियों के विषयों से दूर हो जाना। इन्द्रियां ही आदमी को बाहर के जगत से जोड़ने वाली होती हैं। जो मनुष्य इन्द्रियों का निरोध कर लेता है, मानों इसका बाह्य जगत से सम्पर्क टूट-सा जाता है। बाहर से सम्पर्क तोड़कर मनुष्य जब भीतर की ओर जाता है तो वह साधना की ऊंचाई की ओर बढ़ सकता है। दूसरी विधि बताई गयी है कि इन्द्रिय विषयों में राग-द्वेष नहीं करना। शब्द कान में पड़े, उसके प्रति राग-द्वेष न हो। आंख से देखने के बाद भी राग-द्वेष न हो, भोजन किया, किन्तु उनके प्रति राग-द्वेष न हो। इस प्रकार पांच विषयों के प्रति राग-द्वेष न हो तो संयम की साधना हो सकती है। जितना संभव हो सके इन्द्रियों का निरोध करने का प्रयास हो, और जहां इन्द्रियों का उपयोग हो, वहां राग और द्वेष की भावना से बचने का प्रयास हो। इस प्रकार मानव इन्द्रियों के संयम की साधना कर सकता है। विषयासक्त होकर आदमी जीवन में अनेक कष्ट झेलता है तो उससे आत्मा का भी नुकसान हो सकता है। अपनी आत्मा के कल्याण और जीवन को दुःख से मुक्त बनाने के लिए इन्द्रियों की साधना करने का प्रयास करना चाहिए। साधक लोग भी अपने जीवन में राग-द्वेष से मुक्त होकर साधना करे तो वह साधना निष्पत्तिदायक हो सकती है। चतुर्मास का समय चल रहा है। कितने-कितने लोग तपस्या कर रहे हैं, कितने लोग कर लिए होंगे। तपस्या करने से रसनेन्द्रिय का निरोध हो जाता है। पारणा हो जाए तो भी रसनेन्द्रिय का संयम रखने का प्रयास होना चाहिए। मंगल प्रवचन के उपरान्त शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मुनि गजसुकुमाल के आख्यान का संगान व वाचन किया। गुरुमुख से सुन्दर आख्यान का श्रवण का लाभ प्राप्त कर श्रद्धालु भावविभोर नजर आ रहे थे। मंगल प्रवचन, सुन्दर आख्यान का श्रवण करने के उपरान्त अनेक श्रद्धालुओं ने अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान अपने महातपस्वी गुरु से कर अपने जीवन को धन्य बनाया। तदुपरान्त युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का 58वां वार्षिक अधिवेशन प्रारम्भ हुआ। इस संदर्भ में अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा तथा अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि योगेशकुमारजी ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में बेंगलुरु दक्षिण के सांसद व भाजपा युवामोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री तेजस्वी सूर्या ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि मैं परम पूज्य संत आचार्यश्री महाश्रमणजी को वंदन करता हूं। मेरा सौभाग्य है कि मुझे आपके दर्शन करने व आशीर्वाद प्राप्त करने का सुअवसर मिला है। भारत की आत्मा आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ी हुई हैं और इसमें साधु-संतों के आशीर्वाद और गुरु परंपरा का बड़ा महत्त्व है। भारत को हमेशा भारत बनाए रखने की जिम्मेदारी युवाओं की है। मैं पुनः आपके चरणों में प्रणाम अर्पित करता हूं। युवाओं को साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने पावन प्रेरणा प्रदान की। महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी ने युवाओं को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि मनुष्य को यह ध्यान देना चाहिए अपने जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास करे। युवावस्था बहुत उपयोगी हो सकती है। जिनके पास शारीरिक, बौद्धिक क्षमता आदि होती है, इसका बढिया उपयोग करने का प्रयास हो और वैसा पुरुषार्थ किया जाए तो जीवन में कुछ प्राप्त भी हो सकता है। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद का अधिवेशन हो रहा है। इसके द्वारा अनेक गतिविधियां संचालित कर जा रही हैं। यह धर्मसंघ से जुड़ी हुई संस्था है। अपने कार्यों के साथ गतिविधियों के समय देना भी बड़ी बात होती है। कितने-कितने युवाओं को हमारी रास्ते की सेवा में युवावाहिनी का अच्छा उपयोग हो सकता है। युवाओं में अच्छा उत्साह बना रहे। अधिवेशन के आलावा भी समीक्षा करते रहने का प्रयास करना चाहिए। परम पूज्य आचार्यश्री तुलसी के जन्मी संस्था यह अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद है। यह संस्था धार्मिक दृष्टि से सेना के समान है। इसके सभी सदस्यों में अच्छी धार्मिक भावना पुष्ट होती रहे। युवा अपने जीवन में सद्भावना, ईमानदारी और नशामुक्ति की भावना बनी रहे और भी अच्छा कार्य चलता रहे। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्य महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार श्री अनिल बैद (गुडगांव) को अभातेयुप द्वारा प्रदान किया गया। प्रशस्ति पत्र का वाचन अभातेयुप के उपाध्यक्ष श्री पवन माण्डोत ने किया। पुरस्कार प्राप्तकर्ता श्री अनिल बैद ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री ने उन्हें शुभाशीर्वाद प्रदान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने गीत का संगान किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेशकुमारजी ने किया तथा पुरस्कार अलंकरण सम्मान समारोह कार्यक्रम का संचालन अभातेयुप के महामंत्री श्री अमित नाहटा ने किया।

पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी महाराज ने फलसूंड बाढ़ग्रस्त इलाकों का किया दौरा जैसलमेर एडीएम सहित अधिकारी रहे मौजुद ….गणेश जैन जैसलमेर,पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी महराज ,जैसलमेर एडीएम मुन्नीराम बागड़िया पोकरण एसडीएम, तहसीलदार सुनील कुमार विश्नोई फलसूंड सरपंच रतन सिंह जी जोधा, बीडीओ नरपत सिंह, हजारी कुमावत संयोजक विधानसभा पोकरण, कुलदीप सिंह जिला महामंत्री भाजयुमो, मदन सिंह भाजपा मंडल अध्यक्ष,भुर्जगढ सरपंच प्रतिनिधि जसवंत सिंह जोधा, फलसूंड थाना प्रभारी ओमोराम माली वह प्रशासन ने जेसीबी ,ट्रैक्टर की मदद से हालातों का जायजा लिया। विधायक, एडीएम ने ट्रैक्टर, जेसीबी से किया दौरा फलसूड़ गांव में बने बाढ़ के हालातों के बाद जैसलमेर के एडीएम मुन्नीराम बागड़िया पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी जी एसडीएम, सरपंच रतन सिंह जी जोधा,हजारी कुमावत संयोजक विधानसभा पोकरण, कुलदीप सिंह जिला महामंत्री भाजयुमो, मदन सिंह भाजपा मंडल अध्यक्ष,भुर्जगढ सरपंच प्रतिनिधि जसवंत सिंह जोधा तहसीलदार सुनील कुमार ग्रामिण आनंद सिंह, महिपाल सिंह, जितेन्द्र सिंह ने दौरा किया। सभी अधिकारी, विधायक गुरुवार को ट्रैक्टर जेसीबी से प्रभावित इलाकों तक पहुंचे और भराव क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों से संपर्क करके हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया विधायक ने अधिकारियों के साथ सैणि मैया मन्दिर में बैठक लेकर पानी की निकासी के बेहतर प्रयास के निर्देश दिए। सैणि मैया कोलोनि में ज्यादा पानी नजर आता है। प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर पानी से घिरे घरों से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया है। साथ ही बाकी लोगों को भी सेफ जगह जाने की सलाह दी है ताकि मकान आदि गिरने पर कोई अनहोनी ना हो फलसूड़ गांव सैणि मैया कोलोनि का हाल कुछ ऐसा है। सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है गांव वालों को जैसलमेर के उप खंड भणियाणा इलाके में इस सीजन में सबसे ज्यादा बारिश होने के बाद हालात बिगड़ गए हैं। पूरा गांव टापू बन गया है। फुलासर, सांगा बेरा, दांतल, फलसूंड में पानी घर में पूरी तरह से पानी से घिर चुकी है। लोगों को वहां से सुरक्षित स्थानों पर भेजा सैणि मैया कोलोनि में 4 से 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। ट्रैक्टरों से यहां के लोग सुरक्षित स्थानों तक जा रहे हैं। जय भवानी पेट्रोल पंप व घरों पुरा पानी भरने के बाद जिला प्रशासन एवम ग्राम पंचायत भेजी दो हिटेसी भी पानी में फंस गया है। जिसको आज बाहर निकलवाया गया रिश्तेदारों के यहां जा रहे प्रभावित इलाकों के लोग मकान है, जो पानी से घिर चुके हैं। इस इलाके में 4 से 5 फीट तक पानी भरा है। यहां के लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। तमाम लोग अपने रिश्तेदारों के यहां जा रहे हैं। प्रशासन ने पूरे इलाके को खाली करने के निर्देश दिए हैं। फलसूड़ गांव के निजी स्कूल लिटीन ड्रीम चिल्ड्रेन एकेडमी फलसुण्ड में भी 5-5 फीट तक जलभराव है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों कि पढ़ाई खराब हो रही है उसके लिए आने जाने के रास्ते खोलने के लिए मिट्टी डालने के विधायक ने दिए ग्राम पंचायत एवम् तहसीलदार को दिए निर्देश कई दिन से फलसूंड सेणि कोलोनि में बिजली गुल फलसूड़ में पहुंचे विधायक व प्रशासन सभी ने वहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिए।भ्रमण के दौरान पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी जी अतिरिक्त कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का जायजा लिया और स्थानीय अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी। उन्होंने क्षेत्र में जल भराव क्षेत्रों में पानी निकलने के कार्य में तेजी लाने को कहा। जिला कलेक्टर ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाएगी। हमारी प्राथमिकता प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाना और उनके जीवन को सामान्य बनाना है। इस दौरान विधायक महंत प्रताप पुरी जी के साथ अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुन्नीराम बगडिया सहित स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे। विधायक महंत प्रताप पुरी महाराज ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि आपको उचित मुहावजा दिलवाया जायेगा एवम मै आपके लिए हर तरह से आपको आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करवाऊंगा यह एक विपदा है जिससे हमे मिल कर निपटना होगा
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पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी महाराज ने फलसूंड बाढ़ग्रस्त इलाकों का किया दौरा जैसलमेर एडीएम सहित अधिकारी रहे मौजुद ….गणेश जैन जैसलमेर,पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी महराज ,जैसलमेर एडीएम मुन्नीराम बागड़िया पोकरण एसडीएम, तहसीलदार सुनील कुमार विश्नोई फलसूंड सरपंच रतन सिंह जी जोधा, बीडीओ नरपत सिंह, हजारी कुमावत संयोजक विधानसभा पोकरण, कुलदीप सिंह जिला महामंत्री भाजयुमो, मदन सिंह भाजपा मंडल अध्यक्ष,भुर्जगढ सरपंच प्रतिनिधि जसवंत सिंह जोधा, फलसूंड थाना प्रभारी ओमोराम माली वह प्रशासन ने जेसीबी ,ट्रैक्टर की मदद से हालातों का जायजा लिया। विधायक, एडीएम ने ट्रैक्टर, जेसीबी से किया दौरा फलसूड़ गांव में बने बाढ़ के हालातों के बाद जैसलमेर के एडीएम मुन्नीराम बागड़िया पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी जी एसडीएम, सरपंच रतन सिंह जी जोधा,हजारी कुमावत संयोजक विधानसभा पोकरण, कुलदीप सिंह जिला महामंत्री भाजयुमो, मदन सिंह भाजपा मंडल अध्यक्ष,भुर्जगढ सरपंच प्रतिनिधि जसवंत सिंह जोधा तहसीलदार सुनील कुमार ग्रामिण आनंद सिंह, महिपाल सिंह, जितेन्द्र सिंह ने दौरा किया। सभी अधिकारी, विधायक गुरुवार को ट्रैक्टर जेसीबी से प्रभावित इलाकों तक पहुंचे और भराव क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों से संपर्क करके हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया विधायक ने अधिकारियों के साथ सैणि मैया मन्दिर में बैठक लेकर पानी की निकासी के बेहतर प्रयास के निर्देश दिए। सैणि मैया कोलोनि में ज्यादा पानी नजर आता है। प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर पानी से घिरे घरों से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया है। साथ ही बाकी लोगों को भी सेफ जगह जाने की सलाह दी है ताकि मकान आदि गिरने पर कोई अनहोनी ना हो फलसूड़ गांव सैणि मैया कोलोनि का हाल कुछ ऐसा है। सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है गांव वालों को जैसलमेर के उप खंड भणियाणा इलाके में इस सीजन में सबसे ज्यादा बारिश होने के बाद हालात बिगड़ गए हैं। पूरा गांव टापू बन गया है। फुलासर, सांगा बेरा, दांतल, फलसूंड में पानी घर में पूरी तरह से पानी से घिर चुकी है। लोगों को वहां से सुरक्षित स्थानों पर भेजा सैणि मैया कोलोनि में 4 से 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। ट्रैक्टरों से यहां के लोग सुरक्षित स्थानों तक जा रहे हैं। जय भवानी पेट्रोल पंप व घरों पुरा पानी भरने के बाद जिला प्रशासन एवम ग्राम पंचायत भेजी दो हिटेसी भी पानी में फंस गया है। जिसको आज बाहर निकलवाया गया रिश्तेदारों के यहां जा रहे प्रभावित इलाकों के लोग मकान है, जो पानी से घिर चुके हैं। इस इलाके में 4 से 5 फीट तक पानी भरा है। यहां के लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। तमाम लोग अपने रिश्तेदारों के यहां जा रहे हैं। प्रशासन ने पूरे इलाके को खाली करने के निर्देश दिए हैं। फलसूड़ गांव के निजी स्कूल लिटीन ड्रीम चिल्ड्रेन एकेडमी फलसुण्ड में भी 5-5 फीट तक जलभराव है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों कि पढ़ाई खराब हो रही है उसके लिए आने जाने के रास्ते खोलने के लिए मिट्टी डालने के विधायक ने दिए ग्राम पंचायत एवम् तहसीलदार को दिए निर्देश कई दिन से फलसूंड सेणि कोलोनि में बिजली गुल फलसूड़ में पहुंचे विधायक व प्रशासन सभी ने वहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिए।भ्रमण के दौरान पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी जी अतिरिक्त कलेक्टर ने प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का जायजा लिया और स्थानीय अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी। उन्होंने क्षेत्र में जल भराव क्षेत्रों में पानी निकलने के कार्य में तेजी लाने को कहा। जिला कलेक्टर ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाएगी। हमारी प्राथमिकता प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाना और उनके जीवन को सामान्य बनाना है। इस दौरान विधायक महंत प्रताप पुरी जी के साथ अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुन्नीराम बगडिया सहित स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे। विधायक महंत प्रताप पुरी महाराज ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि आपको उचित मुहावजा दिलवाया जायेगा एवम मै आपके लिए हर तरह से आपको आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करवाऊंगा यह एक विपदा है जिससे हमे मिल कर निपटना होगा

सुरत मे वर्षावास के दौरान आज आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि आत्मा में रमण करना साधु के श्रेयस्कर ….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times *-आयारो आगम की अमृतवाणी का आचार्यश्री करा रहे रसपान* *-आचार्यश्री ने मुनि गजसुकुमाल के जीवन प्रसंग के आख्यान को बढ़ाया आगे* *-अभातेयुप द्वारा अलंकरण व पुरस्कार सम्मान समारोह का किया गया आयोजन* *22.08.2024, गुरुवार, वेसु, सूरत (गुजरात) :* जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी वर्तमान में सूरत में चतुर्मास कर रहे हैं। चतुर्मास प्रवास स्थल उपस्थित जनता को पावन प्रेरणा तो प्राप्त हो ही रही है, इसके साथ-साथ तेरापंथ धर्मसंघ के विभिन्न संस्थाओं द्वारा अनेक-अनेक उपक्रम भी आयोजित हो रहे हैं। इस क्रम में गुरुवार को अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा अलंकरण एवं पुरस्कार सम्मान समारोह का आयोजन किया। नित्य की भांति गुरुवार को युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आयारो आगम के माध्यम से पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि हर आदमी के पास अतिन्द्रिय ज्ञान होना आवश्यक नहीं लगता। केवलज्ञानी तो सर्वज्ञ होते हैं। वे सम्पूर्ण अतिन्द्रिय के धारक, उत्पन्न ज्ञान-दर्शन के धारक अर्हत् होते हैं। उनके भीतर से ज्ञान उत्पन्न हो गया है। केवलज्ञान प्राप्त करने के लिए कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय में पढ़ने की आवश्यकता नहीं होती। इसके लिए किसी प्रकार के प्रमाण पत्र की भी आवश्यकता नहीं होती। चूकि आदमी के पास ऐसे ज्ञान नहीं होते और तो सभी साधुओं में भी नहीं हो सकता, ऐसी स्थिति अर्हतों का उपदेश, उनकी आज्ञा या आगम एक आधार बन सकते हैं। साधुओं के लिए आगम अथवा दूसरे ग्रंथ ही आलम्बनभूत बन सकते हैं। आगम तो ग्रंथ शिरोमणि होते हैं। आगम का अपना महत्त्व है। उसके बाद हमारे धर्मसंघ के आधारभूत ग्रंथ परम पूज्य आचार्यश्री भिक्षु से प्राप्त हुए। आयारो में बताया गया है कि जो साधु अनाज्ञा में वर्तन करते हैं, आत्मा में रमण नहीं करते हैं, अर्हतों के उपदेश का अनुसरण नहीं करते हैं, वे काम-भोगों में अपने चित्त को लगा सकते हैं। साधु बन जाना अच्छी बात है, परन्तु छठे गुणस्थान में प्रमाद हो सकता है। छठे गुणस्थान प्रमाद आश्रव होता है। आयारो में बताया गया कि जो मुनि अर्हत के उपदेश का अनुसरण नहीं करते हैं, आत्मा में रमण नहीं करते हैं, वे काम-भोग में अपने चित्त को लगा देते हैं। साधु कभी आसक्ति, मोह में चला जा सकता है। और अधिक विषयासक्त हो जाए तो उसका साधुपन भी जा सकता है। छोटी चोरी, गलत बात बोल दे तो साधुपन नहीं जाता, किन्तु दोष लग सकता है। बड़ी चोरी, हिंसा, हत्या में जाने पर साधुपन समाप्त हो जाता है। इसलिए साधु को आत्मरमण करने का प्रयास करना चाहिए। साधु को अपने संयम के प्रति जागरूक रहे। संयम के प्रति साधु की भावना पुष्ट हो जाए तो साधुपन सुरक्षित रह सकता है। दुनिया में अनेक प्रकार के साधु होते हैं। साधु को अपना मन अनासक्ति में लगाए रखने का प्रयास करना चाहिए। जितना संभव हो सके, साधु को अपनी आत्मा में रमण करने का प्रयास करना चाहिए, वह उसके लिए श्रेयस्कर हो सकता है। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री ने मुनि गजसुकुमालजी के आख्यान क्रम को आगे बढ़ाया। अनेक तपस्वियों ने आचार्यश्री से अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान किया। तदुपरान्त आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा अलंकरण एवं पुरस्कार सम्मान समारोह का समायोजन हुआ। इस संदर्भ में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। वर्ष 2024 के युवा गौरव पुरस्कार अभातेयुप के पूर्व अध्यक्ष श्री विमल कटारिया को तथा आचार्यश्री महाश्रमण युवा व्यक्तित्व पुरस्कार श्री विपीन पितलिया को प्रदान किया गया। श्री कटारिया के प्रशस्ति पत्र का वाचन अभातेयुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री पवन माण्डोत, श्री पितलिया के प्रशस्ति पत्र का वाचन उपाध्यक्ष द्वितीय श्री जयेश मेहता ने किया। अलंकरण व पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री ने अलंकरण/पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को पावन आशीर्वाद भी प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन अभातेयुप के महामंत्री श्री अमित नाहटा ने किया। नेशनल रेलवे कमेटी मेम्बर श्री छोटू भाई पाटिल ने आचार्यश्री का दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

सुरत मे वर्षावास के दौरान आज आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि आत्मा में रमण करना साधु के श्रेयस्कर ….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times *-आयारो आगम की अमृतवाणी का आचार्यश्री करा रहे रसपान* *-आचार्यश्री ने मुनि गजसुकुमाल के जीवन प्रसंग के आख्यान को बढ़ाया आगे* *-अभातेयुप द्वारा अलंकरण व पुरस्कार सम्मान समारोह का किया गया आयोजन* *22.08.2024, गुरुवार, वेसु, सूरत (गुजरात) :* जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी वर्तमान में सूरत में चतुर्मास कर रहे हैं। चतुर्मास प्रवास स्थल उपस्थित जनता को पावन प्रेरणा तो प्राप्त हो ही रही है, इसके साथ-साथ तेरापंथ धर्मसंघ के विभिन्न संस्थाओं द्वारा अनेक-अनेक उपक्रम भी आयोजित हो रहे हैं। इस क्रम में गुरुवार को अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा अलंकरण एवं पुरस्कार सम्मान समारोह का आयोजन किया। नित्य की भांति गुरुवार को युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आयारो आगम के माध्यम से पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि हर आदमी के पास अतिन्द्रिय ज्ञान होना आवश्यक नहीं लगता। केवलज्ञानी तो सर्वज्ञ होते हैं। वे सम्पूर्ण अतिन्द्रिय के धारक, उत्पन्न ज्ञान-दर्शन के धारक अर्हत् होते हैं। उनके भीतर से ज्ञान उत्पन्न हो गया है। केवलज्ञान प्राप्त करने के लिए कॉलेज अथवा विश्वविद्यालय में पढ़ने की आवश्यकता नहीं होती। इसके लिए किसी प्रकार के प्रमाण पत्र की भी आवश्यकता नहीं होती। चूकि आदमी के पास ऐसे ज्ञान नहीं होते और तो सभी साधुओं में भी नहीं हो सकता, ऐसी स्थिति अर्हतों का उपदेश, उनकी आज्ञा या आगम एक आधार बन सकते हैं। साधुओं के लिए आगम अथवा दूसरे ग्रंथ ही आलम्बनभूत बन सकते हैं। आगम तो ग्रंथ शिरोमणि होते हैं। आगम का अपना महत्त्व है। उसके बाद हमारे धर्मसंघ के आधारभूत ग्रंथ परम पूज्य आचार्यश्री भिक्षु से प्राप्त हुए। आयारो में बताया गया है कि जो साधु अनाज्ञा में वर्तन करते हैं, आत्मा में रमण नहीं करते हैं, अर्हतों के उपदेश का अनुसरण नहीं करते हैं, वे काम-भोगों में अपने चित्त को लगा सकते हैं। साधु बन जाना अच्छी बात है, परन्तु छठे गुणस्थान में प्रमाद हो सकता है। छठे गुणस्थान प्रमाद आश्रव होता है। आयारो में बताया गया कि जो मुनि अर्हत के उपदेश का अनुसरण नहीं करते हैं, आत्मा में रमण नहीं करते हैं, वे काम-भोग में अपने चित्त को लगा देते हैं। साधु कभी आसक्ति, मोह में चला जा सकता है। और अधिक विषयासक्त हो जाए तो उसका साधुपन भी जा सकता है। छोटी चोरी, गलत बात बोल दे तो साधुपन नहीं जाता, किन्तु दोष लग सकता है। बड़ी चोरी, हिंसा, हत्या में जाने पर साधुपन समाप्त हो जाता है। इसलिए साधु को आत्मरमण करने का प्रयास करना चाहिए। साधु को अपने संयम के प्रति जागरूक रहे। संयम के प्रति साधु की भावना पुष्ट हो जाए तो साधुपन सुरक्षित रह सकता है। दुनिया में अनेक प्रकार के साधु होते हैं। साधु को अपना मन अनासक्ति में लगाए रखने का प्रयास करना चाहिए। जितना संभव हो सके, साधु को अपनी आत्मा में रमण करने का प्रयास करना चाहिए, वह उसके लिए श्रेयस्कर हो सकता है। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री ने मुनि गजसुकुमालजी के आख्यान क्रम को आगे बढ़ाया। अनेक तपस्वियों ने आचार्यश्री से अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान किया। तदुपरान्त आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा अलंकरण एवं पुरस्कार सम्मान समारोह का समायोजन हुआ। इस संदर्भ में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। वर्ष 2024 के युवा गौरव पुरस्कार अभातेयुप के पूर्व अध्यक्ष श्री विमल कटारिया को तथा आचार्यश्री महाश्रमण युवा व्यक्तित्व पुरस्कार श्री विपीन पितलिया को प्रदान किया गया। श्री कटारिया के प्रशस्ति पत्र का वाचन अभातेयुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री पवन माण्डोत, श्री पितलिया के प्रशस्ति पत्र का वाचन उपाध्यक्ष द्वितीय श्री जयेश मेहता ने किया। अलंकरण व पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं ने अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री ने अलंकरण/पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को पावन आशीर्वाद भी प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन अभातेयुप के महामंत्री श्री अमित नाहटा ने किया। नेशनल रेलवे कमेटी मेम्बर श्री छोटू भाई पाटिल ने आचार्यश्री का दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

जैसलमेर के फलसूंड तहसील अंतर्गत कई गावों के निचले इलाको में बाढ़ के हालात…गणेश जैन जैसलमेर,फलसूड़ तहसील क्षेत्र में पिछले दो दिन से लगातार जारी रिमझिम बारिश के बाद क्षेत्र के फलसूड़ तहसील क्षेत्र में भारी बारिश हुई। फलसूड़ के रातड़िया गांव के हाफली नाडी और रातिया नाडा की ढाणियों में बारिश का पानी घुस गया। जिसके बाद सूचना पर भणियाणा थाना प्रभारी ओमोराम माली पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुँचे फलसूड़ सरपंच रतन सिंह जी जोधा तहसीलदार सुनील कुमार विश्नोई और जेसीबी की सहायता से ढाणियों के पास से पानी निकालने का काम शुरू • किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त पोकरण डिप्टी भवानी सिंह जी भी मौजूद रहे। प्रशासन ने जल भराव की जगह से आमजन को दूर रहने अपील की है। पानी भरने के कारण क्षेत्र की दर्जनो ढाणियों के रास्ते में पानी भर गया है जिसको अब ग्रामीण लोगों के द्वारा हटाया जा रहा है। घरों के आस पास बारिश का पानी भरने के कारण ग्रामीण लोगों का मुख्य कस्बों से आवागमन बंद हो गया है। पिछले हफ़्ते हुई भारी बारिश के बाद अब पांच दिन से बारिश का दौर बंद है । पानी तेज गांव बहाव से चल रहा पानी फलसूण्ड की तरफ आने से बाबो की बस्ती निवासी जोगभारती के मकान में जलभराव हो गया।घरवाले मकान में रखा सामान हटा रहे थे इस दौरान आंगन में बैठी 4 वर्षीय बच्ची अचानक घर मे आये 2 फिट गहरे पानी मे गिर गयी।गिरने के बाद पानी के साथ 100 फिट पानी के साथ चल गई पानी के साथ जातें देखते हुए दादी मां ने पोती के पिछे भांग कर पानी में से पोती को बाहर निकाल कर देखा तो जब तक बच्ची पुरी तरह से बेहोशी हालत में देखा परिजनों ने देखा तो बच्ची को अचेतावस्था में मोके पर मौजूद गणेश जैन ने तत्काल अपनी जान कि परवाह नहीं पानी में से लेकर फलसूण्ड के राजकीय अस्पताल पहुंचाया।जहां पर बच्ची का उपचार जांच कर तुरन्त 108 एम्बुलेंस से पोकरण रेफर कर दिया। पानी का तेज बहाव, घरा- दुकानों में पहुंचा पानी। फलसूण्ड में फुलासर रावतानी नाड़ी में जमा बारिश के पानी का तेज बहाव फलसूण्ड की तरफ पहुंचा। शिव व बायतु मार्ग पर स्थित दुकानों व घरों में पानी घुसने • से ग्रामीणों व दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को प्रशासन व पुलिस की ओर से कड़ी मशक्कत करते हुए धोरा बांधकर पानी को गांव की तरफ जाने से रोकने के भी प्रयास किए गए, लेकिन मध्य रात्रि बाद पानी आगे निकल गया और फलसूंड गांव में शिव मार्ग से बायतु रोड की तरफ स्थित आबादी में प्रवेश कर गया। ऐसे में यहां स्थित दुकानों व मकानों के आसपास एक से दो फीट तक पानी जमा हो गया है। सुबह जब ग्रामीणों की जाग हुई तो घरों के आसपास व भीतर पानी भरा देखा तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने प्रशासन व पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर राहत व बचाव कार्य शुरू किए गए है, लेकिन घरों में जमा हुए पानी के कारण आमजन का हाल बेहाल हो गया है और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणो के लिए आफत एक। फलसूड़ सरपंच तहसीलदार प्रशासन कि मेहनत पर फिरा पानी चार दिन रात एक कर जेसीबीयो से घोडा के बड़े बड़े बन्दे बनाया गया मगर पानी ने नहीं मानी हार बनघे टोंड कर पानी निकाल कर दिया गांव कि ओर फलसुंड. पानी घरों में आ जाने से लोगों को घर छोड़कर बाहर रहना पड़ा। लगाते हुए कहा कि रविवार के दिन पानी के तेज बहाव को धोरा बांध कर रोका गया, जिससे पानी पेट्रोल पंप के पास जमा हो गया। मध्यरात्रि को पानी का तेज और बहाव होने के कारण पूरा पानी फलसूण्ड के शिव मार्ग होते हुए बायतु रोड की तरफ आबादी में प्रवेश करने से कई घर व दुकानें जल से घिर गए। ग्रामीणो व प्रशासन ने कड़ी मशक्कत कर पानी की निकासी व राहत बचाव कार्य शुरू किया। लगातार बरसात से दुर दुर से पानी कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में बिगड़ने लगे हालात बारिश से फलसूड़ कस्बे में गिरे कच्चे पक्के मकान,केई घर अभी भी पानी धीरे हुए हैं । भारी बारिश का पानी आते देखते हुए लोगों के होच उड़ गए अभी तक हमारे ज़िन्दगी में पहली बार पानी देखा गया करना पड़ा रहा है भारी परेशानियों का सामना, गामिण भुर्जगढ सरपंच जसवंत सिंह जोधा मेरे मुकान व फसल की बुवाई पूरी तरह से बर्बाद हो गई। खेतों में जल भराव होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है ।जितेंद्र सिंह जी जोधा

जैसलमेर के फलसूंड तहसील अंतर्गत कई गावों के निचले इलाको में बाढ़ के हालात…गणेश जैन जैसलमेर,फलसूड़ तहसील क्षेत्र में पिछले दो दिन से लगातार जारी रिमझिम बारिश के बाद क्षेत्र के फलसूड़ तहसील क्षेत्र में भारी बारिश हुई। फलसूड़ के रातड़िया गांव के हाफली नाडी और रातिया नाडा की ढाणियों में बारिश का पानी घुस गया। जिसके बाद सूचना पर भणियाणा थाना प्रभारी ओमोराम माली पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुँचे फलसूड़ सरपंच रतन सिंह जी जोधा तहसीलदार सुनील कुमार विश्नोई और जेसीबी की सहायता से ढाणियों के पास से पानी निकालने का काम शुरू • किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त पोकरण डिप्टी भवानी सिंह जी भी मौजूद रहे। प्रशासन ने जल भराव की जगह से आमजन को दूर रहने अपील की है। पानी भरने के कारण क्षेत्र की दर्जनो ढाणियों के रास्ते में पानी भर गया है जिसको अब ग्रामीण लोगों के द्वारा हटाया जा रहा है। घरों के आस पास बारिश का पानी भरने के कारण ग्रामीण लोगों का मुख्य कस्बों से आवागमन बंद हो गया है। पिछले हफ़्ते हुई भारी बारिश के बाद अब पांच दिन से बारिश का दौर बंद है । पानी तेज गांव बहाव से चल रहा पानी फलसूण्ड की तरफ आने से बाबो की बस्ती निवासी जोगभारती के मकान में जलभराव हो गया।घरवाले मकान में रखा सामान हटा रहे थे इस दौरान आंगन में बैठी 4 वर्षीय बच्ची अचानक घर मे आये 2 फिट गहरे पानी मे गिर गयी।गिरने के बाद पानी के साथ 100 फिट पानी के साथ चल गई पानी के साथ जातें देखते हुए दादी मां ने पोती के पिछे भांग कर पानी में से पोती को बाहर निकाल कर देखा तो जब तक बच्ची पुरी तरह से बेहोशी हालत में देखा परिजनों ने देखा तो बच्ची को अचेतावस्था में मोके पर मौजूद गणेश जैन ने तत्काल अपनी जान कि परवाह नहीं पानी में से लेकर फलसूण्ड के राजकीय अस्पताल पहुंचाया।जहां पर बच्ची का उपचार जांच कर तुरन्त 108 एम्बुलेंस से पोकरण रेफर कर दिया। पानी का तेज बहाव, घरा- दुकानों में पहुंचा पानी। फलसूण्ड में फुलासर रावतानी नाड़ी में जमा बारिश के पानी का तेज बहाव फलसूण्ड की तरफ पहुंचा। शिव व बायतु मार्ग पर स्थित दुकानों व घरों में पानी घुसने • से ग्रामीणों व दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को प्रशासन व पुलिस की ओर से कड़ी मशक्कत करते हुए धोरा बांधकर पानी को गांव की तरफ जाने से रोकने के भी प्रयास किए गए, लेकिन मध्य रात्रि बाद पानी आगे निकल गया और फलसूंड गांव में शिव मार्ग से बायतु रोड की तरफ स्थित आबादी में प्रवेश कर गया। ऐसे में यहां स्थित दुकानों व मकानों के आसपास एक से दो फीट तक पानी जमा हो गया है। सुबह जब ग्रामीणों की जाग हुई तो घरों के आसपास व भीतर पानी भरा देखा तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने प्रशासन व पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर राहत व बचाव कार्य शुरू किए गए है, लेकिन घरों में जमा हुए पानी के कारण आमजन का हाल बेहाल हो गया है और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणो के लिए आफत एक। फलसूड़ सरपंच तहसीलदार प्रशासन कि मेहनत पर फिरा पानी चार दिन रात एक कर जेसीबीयो से घोडा के बड़े बड़े बन्दे बनाया गया मगर पानी ने नहीं मानी हार बनघे टोंड कर पानी निकाल कर दिया गांव कि ओर फलसुंड. पानी घरों में आ जाने से लोगों को घर छोड़कर बाहर रहना पड़ा। लगाते हुए कहा कि रविवार के दिन पानी के तेज बहाव को धोरा बांध कर रोका गया, जिससे पानी पेट्रोल पंप के पास जमा हो गया। मध्यरात्रि को पानी का तेज और बहाव होने के कारण पूरा पानी फलसूण्ड के शिव मार्ग होते हुए बायतु रोड की तरफ आबादी में प्रवेश करने से कई घर व दुकानें जल से घिर गए। ग्रामीणो व प्रशासन ने कड़ी मशक्कत कर पानी की निकासी व राहत बचाव कार्य शुरू किया। लगातार बरसात से दुर दुर से पानी कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में बिगड़ने लगे हालात बारिश से फलसूड़ कस्बे में गिरे कच्चे पक्के मकान,केई घर अभी भी पानी धीरे हुए हैं । भारी बारिश का पानी आते देखते हुए लोगों के होच उड़ गए अभी तक हमारे ज़िन्दगी में पहली बार पानी देखा गया करना पड़ा रहा है भारी परेशानियों का सामना, गामिण भुर्जगढ सरपंच जसवंत सिंह जोधा मेरे मुकान व फसल की बुवाई पूरी तरह से बर्बाद हो गई। खेतों में जल भराव होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है ।जितेंद्र सिंह जी जोधा

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