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November 3, 2025

Key line times

Key Line Times राष्ट्रीय हिंदी पाक्षिक समाचार पत्र है जो राजधानी दिल्ली से प्रकाशित होता है एंव भारत सरकार के सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आर.एन.आई. से रजिस्ट्रड है। इसका आर.एन.आई.न. DELHIN/2017/72528 है। यह समाचार पत्र 2017 से लगातार प्रकाशित हो रहा है।
जैसलमेर के फलसूंड तहसील अंतर्गत कई गावों के निचले इलाको में बाढ़ के हालात…गणेश जैन जैसलमेर,फलसूड़ तहसील क्षेत्र में पिछले दो दिन से लगातार जारी रिमझिम बारिश के बाद क्षेत्र के फलसूड़ तहसील क्षेत्र में भारी बारिश हुई। फलसूड़ के रातड़िया गांव के हाफली नाडी और रातिया नाडा की ढाणियों में बारिश का पानी घुस गया। जिसके बाद सूचना पर भणियाणा थाना प्रभारी ओमोराम माली पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुँचे फलसूड़ सरपंच रतन सिंह जी जोधा तहसीलदार सुनील कुमार विश्नोई और जेसीबी की सहायता से ढाणियों के पास से पानी निकालने का काम शुरू • किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त पोकरण डिप्टी भवानी सिंह जी भी मौजूद रहे। प्रशासन ने जल भराव की जगह से आमजन को दूर रहने अपील की है। पानी भरने के कारण क्षेत्र की दर्जनो ढाणियों के रास्ते में पानी भर गया है जिसको अब ग्रामीण लोगों के द्वारा हटाया जा रहा है। घरों के आस पास बारिश का पानी भरने के कारण ग्रामीण लोगों का मुख्य कस्बों से आवागमन बंद हो गया है। पिछले हफ़्ते हुई भारी बारिश के बाद अब पांच दिन से बारिश का दौर बंद है । पानी तेज गांव बहाव से चल रहा पानी फलसूण्ड की तरफ आने से बाबो की बस्ती निवासी जोगभारती के मकान में जलभराव हो गया।घरवाले मकान में रखा सामान हटा रहे थे इस दौरान आंगन में बैठी 4 वर्षीय बच्ची अचानक घर मे आये 2 फिट गहरे पानी मे गिर गयी।गिरने के बाद पानी के साथ 100 फिट पानी के साथ चल गई पानी के साथ जातें देखते हुए दादी मां ने पोती के पिछे भांग कर पानी में से पोती को बाहर निकाल कर देखा तो जब तक बच्ची पुरी तरह से बेहोशी हालत में देखा परिजनों ने देखा तो बच्ची को अचेतावस्था में मोके पर मौजूद गणेश जैन ने तत्काल अपनी जान कि परवाह नहीं पानी में से लेकर फलसूण्ड के राजकीय अस्पताल पहुंचाया।जहां पर बच्ची का उपचार जांच कर तुरन्त 108 एम्बुलेंस से पोकरण रेफर कर दिया। पानी का तेज बहाव, घरा- दुकानों में पहुंचा पानी। फलसूण्ड में फुलासर रावतानी नाड़ी में जमा बारिश के पानी का तेज बहाव फलसूण्ड की तरफ पहुंचा। शिव व बायतु मार्ग पर स्थित दुकानों व घरों में पानी घुसने • से ग्रामीणों व दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को प्रशासन व पुलिस की ओर से कड़ी मशक्कत करते हुए धोरा बांधकर पानी को गांव की तरफ जाने से रोकने के भी प्रयास किए गए, लेकिन मध्य रात्रि बाद पानी आगे निकल गया और फलसूंड गांव में शिव मार्ग से बायतु रोड की तरफ स्थित आबादी में प्रवेश कर गया। ऐसे में यहां स्थित दुकानों व मकानों के आसपास एक से दो फीट तक पानी जमा हो गया है। सुबह जब ग्रामीणों की जाग हुई तो घरों के आसपास व भीतर पानी भरा देखा तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने प्रशासन व पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर राहत व बचाव कार्य शुरू किए गए है, लेकिन घरों में जमा हुए पानी के कारण आमजन का हाल बेहाल हो गया है और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणो के लिए आफत एक। फलसूड़ सरपंच तहसीलदार प्रशासन कि मेहनत पर फिरा पानी चार दिन रात एक कर जेसीबीयो से घोडा के बड़े बड़े बन्दे बनाया गया मगर पानी ने नहीं मानी हार बनघे टोंड कर पानी निकाल कर दिया गांव कि ओर फलसुंड. पानी घरों में आ जाने से लोगों को घर छोड़कर बाहर रहना पड़ा। लगाते हुए कहा कि रविवार के दिन पानी के तेज बहाव को धोरा बांध कर रोका गया, जिससे पानी पेट्रोल पंप के पास जमा हो गया। मध्यरात्रि को पानी का तेज और बहाव होने के कारण पूरा पानी फलसूण्ड के शिव मार्ग होते हुए बायतु रोड की तरफ आबादी में प्रवेश करने से कई घर व दुकानें जल से घिर गए। ग्रामीणो व प्रशासन ने कड़ी मशक्कत कर पानी की निकासी व राहत बचाव कार्य शुरू किया। लगातार बरसात से दुर दुर से पानी कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में बिगड़ने लगे हालात बारिश से फलसूड़ कस्बे में गिरे कच्चे पक्के मकान,केई घर अभी भी पानी धीरे हुए हैं । भारी बारिश का पानी आते देखते हुए लोगों के होच उड़ गए अभी तक हमारे ज़िन्दगी में पहली बार पानी देखा गया करना पड़ा रहा है भारी परेशानियों का सामना, गामिण भुर्जगढ सरपंच जसवंत सिंह जोधा मेरे मुकान व फसल की बुवाई पूरी तरह से बर्बाद हो गई। खेतों में जल भराव होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है ।जितेंद्र सिंह जी जोधा

जैसलमेर के फलसूंड तहसील अंतर्गत कई गावों के निचले इलाको में बाढ़ के हालात…गणेश जैन जैसलमेर,फलसूड़ तहसील क्षेत्र में पिछले दो दिन से लगातार जारी रिमझिम बारिश के बाद क्षेत्र के फलसूड़ तहसील क्षेत्र में भारी बारिश हुई। फलसूड़ के रातड़िया गांव के हाफली नाडी और रातिया नाडा की ढाणियों में बारिश का पानी घुस गया। जिसके बाद सूचना पर भणियाणा थाना प्रभारी ओमोराम माली पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुँचे फलसूड़ सरपंच रतन सिंह जी जोधा तहसीलदार सुनील कुमार विश्नोई और जेसीबी की सहायता से ढाणियों के पास से पानी निकालने का काम शुरू • किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त पोकरण डिप्टी भवानी सिंह जी भी मौजूद रहे। प्रशासन ने जल भराव की जगह से आमजन को दूर रहने अपील की है। पानी भरने के कारण क्षेत्र की दर्जनो ढाणियों के रास्ते में पानी भर गया है जिसको अब ग्रामीण लोगों के द्वारा हटाया जा रहा है। घरों के आस पास बारिश का पानी भरने के कारण ग्रामीण लोगों का मुख्य कस्बों से आवागमन बंद हो गया है। पिछले हफ़्ते हुई भारी बारिश के बाद अब पांच दिन से बारिश का दौर बंद है । पानी तेज गांव बहाव से चल रहा पानी फलसूण्ड की तरफ आने से बाबो की बस्ती निवासी जोगभारती के मकान में जलभराव हो गया।घरवाले मकान में रखा सामान हटा रहे थे इस दौरान आंगन में बैठी 4 वर्षीय बच्ची अचानक घर मे आये 2 फिट गहरे पानी मे गिर गयी।गिरने के बाद पानी के साथ 100 फिट पानी के साथ चल गई पानी के साथ जातें देखते हुए दादी मां ने पोती के पिछे भांग कर पानी में से पोती को बाहर निकाल कर देखा तो जब तक बच्ची पुरी तरह से बेहोशी हालत में देखा परिजनों ने देखा तो बच्ची को अचेतावस्था में मोके पर मौजूद गणेश जैन ने तत्काल अपनी जान कि परवाह नहीं पानी में से लेकर फलसूण्ड के राजकीय अस्पताल पहुंचाया।जहां पर बच्ची का उपचार जांच कर तुरन्त 108 एम्बुलेंस से पोकरण रेफर कर दिया। पानी का तेज बहाव, घरा- दुकानों में पहुंचा पानी। फलसूण्ड में फुलासर रावतानी नाड़ी में जमा बारिश के पानी का तेज बहाव फलसूण्ड की तरफ पहुंचा। शिव व बायतु मार्ग पर स्थित दुकानों व घरों में पानी घुसने • से ग्रामीणों व दुकानदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को प्रशासन व पुलिस की ओर से कड़ी मशक्कत करते हुए धोरा बांधकर पानी को गांव की तरफ जाने से रोकने के भी प्रयास किए गए, लेकिन मध्य रात्रि बाद पानी आगे निकल गया और फलसूंड गांव में शिव मार्ग से बायतु रोड की तरफ स्थित आबादी में प्रवेश कर गया। ऐसे में यहां स्थित दुकानों व मकानों के आसपास एक से दो फीट तक पानी जमा हो गया है। सुबह जब ग्रामीणों की जाग हुई तो घरों के आसपास व भीतर पानी भरा देखा तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने प्रशासन व पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर राहत व बचाव कार्य शुरू किए गए है, लेकिन घरों में जमा हुए पानी के कारण आमजन का हाल बेहाल हो गया है और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणो के लिए आफत एक। फलसूड़ सरपंच तहसीलदार प्रशासन कि मेहनत पर फिरा पानी चार दिन रात एक कर जेसीबीयो से घोडा के बड़े बड़े बन्दे बनाया गया मगर पानी ने नहीं मानी हार बनघे टोंड कर पानी निकाल कर दिया गांव कि ओर फलसुंड. पानी घरों में आ जाने से लोगों को घर छोड़कर बाहर रहना पड़ा। लगाते हुए कहा कि रविवार के दिन पानी के तेज बहाव को धोरा बांध कर रोका गया, जिससे पानी पेट्रोल पंप के पास जमा हो गया। मध्यरात्रि को पानी का तेज और बहाव होने के कारण पूरा पानी फलसूण्ड के शिव मार्ग होते हुए बायतु रोड की तरफ आबादी में प्रवेश करने से कई घर व दुकानें जल से घिर गए। ग्रामीणो व प्रशासन ने कड़ी मशक्कत कर पानी की निकासी व राहत बचाव कार्य शुरू किया। लगातार बरसात से दुर दुर से पानी कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में बिगड़ने लगे हालात बारिश से फलसूड़ कस्बे में गिरे कच्चे पक्के मकान,केई घर अभी भी पानी धीरे हुए हैं । भारी बारिश का पानी आते देखते हुए लोगों के होच उड़ गए अभी तक हमारे ज़िन्दगी में पहली बार पानी देखा गया करना पड़ा रहा है भारी परेशानियों का सामना, गामिण भुर्जगढ सरपंच जसवंत सिंह जोधा मेरे मुकान व फसल की बुवाई पूरी तरह से बर्बाद हो गई। खेतों में जल भराव होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है ।जितेंद्र सिंह जी जोधा

सुरत मे चातुर्मास के दौरान आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि मंदता व मोह की प्रबलता साधुत्व में बाधक ….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत,(गुजरात) , डायमण्ड नगरी सूरत वर्तमान में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के देदीप्यमान महासूर्य, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो रही है। देश-विदेश से भले ही लोग सूरत शहर में हीरे और कपड़े के लिए व्यवसाय के लिए पहुंचते होंगे और यहां की चकाचौंध देखकर हर्षित होते होंगे, वर्तमान समय तो देश ही दुनिया के विभिन्न देशों से श्रद्धालु केवल मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के दर्शन करने व उनकी कल्याणी वाणी का श्रवण करने के लिए पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की उपस्थिति से चतुर्मास स्थल तीर्थस्थल जैसा बना हुआ है। प्रतिदिन की भांति अबाध रूप से महावीर समवसरण में उपस्थित श्रद्धालु जनता को युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अपनी अमृतवाणी का रसपान कराते हुए कहा कि आयारो आगम में बताया गया है कि कई भव्य आत्माएं संयम जीवन को स्वीकार कर लेती हैं, दीक्षित हो जाती हैं। उनमें से कई चारित्रात्माएं साधुपन को छोड़कर वापस गृहस्थ भी बन जाती हैं। प्रश्न हो सकता है कि ऐसा क्यों होता है? इसके दो कारण बताए गए हैं- एक कारण मति मंदता और दूसरा कारण मोह का आवरण है। जो मंद होते हैं, जिनका चिंतन-मनन गहरा नहीं होता, एकबार उत्साह में साधु तो बन गए, किन्तु जब बाह्य जगत को देखने से मन में चिंतन बदलता है तो वह पुनः गृहस्थावस्था की ओर लौट जाता है। दूसरा कारण होता है कि आदमी को चिंतनशील होता है, सोच अच्छी होती है, किन्तु मोह के कारण वह साधुवस्था को छोड़कर गृहस्थ बन जाता है। जिस प्रकार तेजस्वी सूर्य के समाने बादल आ जाते हैं तो उसकी तेजस्विता मंद हो जाती है, उसी प्रकार आत्मा की तेजस्वी चेतना के आगे मंदता और मोह रूपी बादल आ जाते हैं तो आत्म चेतना की तेजस्विता मंद हो जाती है। आदमी के भीतर जब वैराग्य की भावना से प्रबल मोह का भाव हो जाता है तो वे गृहस्थावस्था में चले जाते हैं। उनमें से अनेक ऐसे भी हो सकते हैं तो बाहर जाने के बाद पुनः पश्चाताप भी करते हैं। कई बार लोग पुनः आकर दीक्षित हो जाते हैं और फिर जीवन का अंतिम श्वास साधुपन में लेते हैं। कई बार दुबारा आकर भी पुनः चले जाते हैं तो मन की मंदता और मोह की प्रबलता उन्हें ऐसा करने में सहायक बन जाती है। भगवान महावीर के समय मुनि मेघकुमार के मन में भी एक बार विचलन आया था, किन्तु उन्हें पुनः संभाल लिया था। और पूर्वजन्म का स्मरण होते ही पुनः साधुत्व में सुस्थिर हो गए। कभी विचलन की स्थिति बने तो उसे संभालने का प्रयास करना चाहिए। साधुपन का आध्यात्मिक वैभव को छोड़कर चले जाने वाला मानों कष्ट को प्राप्त हो सकता है। बचपन में साधुपन को स्वीकार कर अखण्ड रूप में पालन कर लेना बहुत बड़ी बात होती है। मानों वह जीवन धन्य हो जाता है, जो अखण्ड रूप में साधना के पथ पर आगे बढ़ जाता है। प्रयास यह करना चाहिए कि साधुपन के प्रति निष्ठा और मनोभाव पुष्ट बना रहे ताकि आत्मकल्याण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री ने ‘चन्दन की चुटकी भली’ पुस्तक से आख्यान का वाचन किया। तदुपरान्त कार्यक्रम में तेरापंथ किशोर मण्डल-सूरत चौबीसी के सातवें सुपार्श्व स्तवन का संगान किया।

सुरत मे चातुर्मास के दौरान आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि मंदता व मोह की प्रबलता साधुत्व में बाधक ….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत,(गुजरात) , डायमण्ड नगरी सूरत वर्तमान में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के देदीप्यमान महासूर्य, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो रही है। देश-विदेश से भले ही लोग सूरत शहर में हीरे और कपड़े के लिए व्यवसाय के लिए पहुंचते होंगे और यहां की चकाचौंध देखकर हर्षित होते होंगे, वर्तमान समय तो देश ही दुनिया के विभिन्न देशों से श्रद्धालु केवल मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी के दर्शन करने व उनकी कल्याणी वाणी का श्रवण करने के लिए पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की उपस्थिति से चतुर्मास स्थल तीर्थस्थल जैसा बना हुआ है। प्रतिदिन की भांति अबाध रूप से महावीर समवसरण में उपस्थित श्रद्धालु जनता को युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अपनी अमृतवाणी का रसपान कराते हुए कहा कि आयारो आगम में बताया गया है कि कई भव्य आत्माएं संयम जीवन को स्वीकार कर लेती हैं, दीक्षित हो जाती हैं। उनमें से कई चारित्रात्माएं साधुपन को छोड़कर वापस गृहस्थ भी बन जाती हैं। प्रश्न हो सकता है कि ऐसा क्यों होता है? इसके दो कारण बताए गए हैं- एक कारण मति मंदता और दूसरा कारण मोह का आवरण है। जो मंद होते हैं, जिनका चिंतन-मनन गहरा नहीं होता, एकबार उत्साह में साधु तो बन गए, किन्तु जब बाह्य जगत को देखने से मन में चिंतन बदलता है तो वह पुनः गृहस्थावस्था की ओर लौट जाता है। दूसरा कारण होता है कि आदमी को चिंतनशील होता है, सोच अच्छी होती है, किन्तु मोह के कारण वह साधुवस्था को छोड़कर गृहस्थ बन जाता है। जिस प्रकार तेजस्वी सूर्य के समाने बादल आ जाते हैं तो उसकी तेजस्विता मंद हो जाती है, उसी प्रकार आत्मा की तेजस्वी चेतना के आगे मंदता और मोह रूपी बादल आ जाते हैं तो आत्म चेतना की तेजस्विता मंद हो जाती है। आदमी के भीतर जब वैराग्य की भावना से प्रबल मोह का भाव हो जाता है तो वे गृहस्थावस्था में चले जाते हैं। उनमें से अनेक ऐसे भी हो सकते हैं तो बाहर जाने के बाद पुनः पश्चाताप भी करते हैं। कई बार लोग पुनः आकर दीक्षित हो जाते हैं और फिर जीवन का अंतिम श्वास साधुपन में लेते हैं। कई बार दुबारा आकर भी पुनः चले जाते हैं तो मन की मंदता और मोह की प्रबलता उन्हें ऐसा करने में सहायक बन जाती है। भगवान महावीर के समय मुनि मेघकुमार के मन में भी एक बार विचलन आया था, किन्तु उन्हें पुनः संभाल लिया था। और पूर्वजन्म का स्मरण होते ही पुनः साधुत्व में सुस्थिर हो गए। कभी विचलन की स्थिति बने तो उसे संभालने का प्रयास करना चाहिए। साधुपन का आध्यात्मिक वैभव को छोड़कर चले जाने वाला मानों कष्ट को प्राप्त हो सकता है। बचपन में साधुपन को स्वीकार कर अखण्ड रूप में पालन कर लेना बहुत बड़ी बात होती है। मानों वह जीवन धन्य हो जाता है, जो अखण्ड रूप में साधना के पथ पर आगे बढ़ जाता है। प्रयास यह करना चाहिए कि साधुपन के प्रति निष्ठा और मनोभाव पुष्ट बना रहे ताकि आत्मकल्याण की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री ने ‘चन्दन की चुटकी भली’ पुस्तक से आख्यान का वाचन किया। तदुपरान्त कार्यक्रम में तेरापंथ किशोर मण्डल-सूरत चौबीसी के सातवें सुपार्श्व स्तवन का संगान किया।

सुरत मे चातुर्मास के दौरान अपने प्रवचन मे आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि आगम का स्वाध्याय है अमृत के समान …सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत (गुजरात), शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने रविवार को महावीर समवसरण में उपस्थित जनता तथा चतुर्दशी के संदर्भ में उपस्थित चारित्रात्माओं को आयारो आगम के माध्यम से पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि मेधावी शब्द का प्रयोग होता है। ऐसी बुद्धि जो धारण करने में सक्षम हो, वह मेधावी होता है। कोई ज्ञान की दृष्टि से भी मेधावी होता है। जिनके पास प्रतिभा, ग्रहण शक्ति, स्मरण शक्ति, धारण शक्ति होती है और ऐसे व्यक्ति पुरुषार्थ करते हैं तो अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। ज्ञानावरणीय कर्म के उदय के कारण जीव की ज्ञान चेतना आवृत्त हो जाती है, किन्तु ज्ञानावरणीय कर्म आत्मा को पाप लगाने वाली नहीं होती। ज्ञानावरणीय कर्म का क्षयोशम होता है तो ज्ञान चेतना अनावृत्त हो सकती है। इससे कितने-कितने विद्यार्थी मेधावी होते हैं, जिनमें ज्ञान व समझ सकती का बहुत अच्छा विकास होता है। हमारे साधु-साध्वियों में कितने-कितने मेधावी हो सकते हैं। चतुर्मास के समय चारित्रात्माओं व समणियों को आगम आदि के स्वाध्याय में समय का नियोजन करने का प्रयास करना चाहिए। आगम का स्वाध्याय तो मानों साधु एक खुराक होती है। आगम के स्वाध्याय से संयम रूपी वृक्ष को अमृत का चिंतन प्राप्त होता है। दसवेआलियं जैसा छोटा ग्रंथ कंठस्थ हो जाए तो उसका पुनः-पुनः स्मरण व उसके अर्थ का बोध होता रहे, तो कितना अच्छा हो सकता है। गुरुदेव तुलसी तो कई बार उत्तरझय्यणाणी खड़े-खड़े स्वाध्याय करते थे। ज्ञानावरणीय कर्म का प्रखर क्षयोपशम होता है तो ज्ञान की प्रखर स्थितियां भी प्राप्त हो सकती हैं। जो अरति का निवर्तन करता है, वह मेधावी होता है। साधु के मन में संयम के प्रति अच्छा उत्साह बना रहना चाहिए। आचार्यश्री ने चतुर्दशी के दिन समुपस्थित चारित्रात्माओं को विशेष प्रेरणा देते हुए कहा कि हाजरी के माध्यम से कुछ प्रेरणा, स्मारणा प्राप्त कर सकें, ऐसा करने का प्रयास होना चाहिए। इससे साधुओं को अरति को निकालने का प्रयास करना चाहिए। संयम के प्रति अरति को नहीं आने देना चाहिए, संयम के प्रति अनुत्साह न जागे और संयम के प्रति उत्साह का भाव बना रहे, ऐसा प्रयास करना चाहिए। साधु आजीवन संयम रूपी हीरे की सुरक्षा के प्रति पहरेदारी करने का प्रयास करना चाहिए। बहुत बड़े सौभाग्य की बात है कि किसी-किसी को संयम रूपी हीरा प्राप्त होता है। मुनि उदितकुमारजी व मुनि धर्मरुचिजी के विषय में फरमाते हुए कहा कि इनसे भी प्रेरणा आदि ली जा सकती है। आचार्यश्री ने साध्वीप्रमुखाजी, मुख्यमुनिश्री व साध्वीवर्याजी को भी उत्प्रेरित किया। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री के हाजरी वाचन क्रम को संपादित किया। आचार्यश्री की अनुज्ञा से मुनि वीतराग कुमार जी व मुनि संयम कुमार जी ने लेखपत्र का वाचन किया। आचार्यश्री ने मुनिद्वय को 21-21 कल्याणक बक्सीस किए। तदुपरान्त चारित्रात्माओं ने अपने स्थान पर खड़े होकर लेखपत्र का उच्चारण किया। अनेकानेक तपस्वियों ने अपनी-अपनी धारणा के अनुसार आचार्यश्री से अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान किया। आज आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में जोधपुर व जयपुर के नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक श्री घनश्याम सोनी पहुंचे। उन्होंने आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

सुरत मे चातुर्मास के दौरान अपने प्रवचन मे आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि आगम का स्वाध्याय है अमृत के समान …सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत (गुजरात), शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने रविवार को महावीर समवसरण में उपस्थित जनता तथा चतुर्दशी के संदर्भ में उपस्थित चारित्रात्माओं को आयारो आगम के माध्यम से पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि मेधावी शब्द का प्रयोग होता है। ऐसी बुद्धि जो धारण करने में सक्षम हो, वह मेधावी होता है। कोई ज्ञान की दृष्टि से भी मेधावी होता है। जिनके पास प्रतिभा, ग्रहण शक्ति, स्मरण शक्ति, धारण शक्ति होती है और ऐसे व्यक्ति पुरुषार्थ करते हैं तो अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। ज्ञानावरणीय कर्म के उदय के कारण जीव की ज्ञान चेतना आवृत्त हो जाती है, किन्तु ज्ञानावरणीय कर्म आत्मा को पाप लगाने वाली नहीं होती। ज्ञानावरणीय कर्म का क्षयोशम होता है तो ज्ञान चेतना अनावृत्त हो सकती है। इससे कितने-कितने विद्यार्थी मेधावी होते हैं, जिनमें ज्ञान व समझ सकती का बहुत अच्छा विकास होता है। हमारे साधु-साध्वियों में कितने-कितने मेधावी हो सकते हैं। चतुर्मास के समय चारित्रात्माओं व समणियों को आगम आदि के स्वाध्याय में समय का नियोजन करने का प्रयास करना चाहिए। आगम का स्वाध्याय तो मानों साधु एक खुराक होती है। आगम के स्वाध्याय से संयम रूपी वृक्ष को अमृत का चिंतन प्राप्त होता है। दसवेआलियं जैसा छोटा ग्रंथ कंठस्थ हो जाए तो उसका पुनः-पुनः स्मरण व उसके अर्थ का बोध होता रहे, तो कितना अच्छा हो सकता है। गुरुदेव तुलसी तो कई बार उत्तरझय्यणाणी खड़े-खड़े स्वाध्याय करते थे। ज्ञानावरणीय कर्म का प्रखर क्षयोपशम होता है तो ज्ञान की प्रखर स्थितियां भी प्राप्त हो सकती हैं। जो अरति का निवर्तन करता है, वह मेधावी होता है। साधु के मन में संयम के प्रति अच्छा उत्साह बना रहना चाहिए। आचार्यश्री ने चतुर्दशी के दिन समुपस्थित चारित्रात्माओं को विशेष प्रेरणा देते हुए कहा कि हाजरी के माध्यम से कुछ प्रेरणा, स्मारणा प्राप्त कर सकें, ऐसा करने का प्रयास होना चाहिए। इससे साधुओं को अरति को निकालने का प्रयास करना चाहिए। संयम के प्रति अरति को नहीं आने देना चाहिए, संयम के प्रति अनुत्साह न जागे और संयम के प्रति उत्साह का भाव बना रहे, ऐसा प्रयास करना चाहिए। साधु आजीवन संयम रूपी हीरे की सुरक्षा के प्रति पहरेदारी करने का प्रयास करना चाहिए। बहुत बड़े सौभाग्य की बात है कि किसी-किसी को संयम रूपी हीरा प्राप्त होता है। मुनि उदितकुमारजी व मुनि धर्मरुचिजी के विषय में फरमाते हुए कहा कि इनसे भी प्रेरणा आदि ली जा सकती है। आचार्यश्री ने साध्वीप्रमुखाजी, मुख्यमुनिश्री व साध्वीवर्याजी को भी उत्प्रेरित किया। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री के हाजरी वाचन क्रम को संपादित किया। आचार्यश्री की अनुज्ञा से मुनि वीतराग कुमार जी व मुनि संयम कुमार जी ने लेखपत्र का वाचन किया। आचार्यश्री ने मुनिद्वय को 21-21 कल्याणक बक्सीस किए। तदुपरान्त चारित्रात्माओं ने अपने स्थान पर खड़े होकर लेखपत्र का उच्चारण किया। अनेकानेक तपस्वियों ने अपनी-अपनी धारणा के अनुसार आचार्यश्री से अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान किया। आज आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में जोधपुर व जयपुर के नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक श्री घनश्याम सोनी पहुंचे। उन्होंने आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया।

कनक पारख की रक्षाबंधन के अवसर पर अनुपम कृति “आया धागों का त्यौहार”……सुरेन्द्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times सजे हैं धागे रंग -बिरंगे उठ रही मन में प्रेम तरंगे गली-मोहल्ले ,हाट , बाजार आया धागों का त्यौंहार । सावन की पूनम शुभ आई भाई की सजी है कलाई देख बहना का प्यार आया धागों का त्यौंहार । अक्षत, कुमकुम तिलक लगाऊं हाथ कलाई राखी सजाऊं नेह-तार, बांधे संसार आया धागों का त्यौंहार । जन्म -जन्म का गहरा नाता प्रेम -बन्ध है सबको भाता अंतर्मन भ्रात-मनुहार आया धागों का त्यौंहार । रक्षा कवच भैया का वादा निर्मल, निश्चल प्रेम है सादा दहलीज करे, पल-पल इंतजार आया धागों का त्यौंहार । रिश्ता है अनमोल अनुराग जैसे झूमे मधुप-पराग भैया -भाभी का अनुपम उपहार आया धागों का त्यौंहार । शुभ भविष्य का थाल सजाऊं जन्म -जन्म का साथ निभाऊं भगिनी करे पुकार आया धागों का त्यौंहार । बंधा है रिश्ता रेशम डोर पलके भीगी, भगिनी कोर खुले हैं बहना, दिल के द्वार आया धागों का त्यौंहार । कनक पारख विशाखापट्टनम

कनक पारख की रक्षाबंधन के अवसर पर अनुपम कृति “आया धागों का त्यौहार”……सुरेन्द्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times सजे हैं धागे रंग -बिरंगे उठ रही मन में प्रेम तरंगे गली-मोहल्ले ,हाट , बाजार आया धागों का त्यौंहार । सावन की पूनम शुभ आई भाई की सजी है कलाई देख बहना का प्यार आया धागों का त्यौंहार । अक्षत, कुमकुम तिलक लगाऊं हाथ कलाई राखी सजाऊं नेह-तार, बांधे संसार आया धागों का त्यौंहार । जन्म -जन्म का गहरा नाता प्रेम -बन्ध है सबको भाता अंतर्मन भ्रात-मनुहार आया धागों का त्यौंहार । रक्षा कवच भैया का वादा निर्मल, निश्चल प्रेम है सादा दहलीज करे, पल-पल इंतजार आया धागों का त्यौंहार । रिश्ता है अनमोल अनुराग जैसे झूमे मधुप-पराग भैया -भाभी का अनुपम उपहार आया धागों का त्यौंहार । शुभ भविष्य का थाल सजाऊं जन्म -जन्म का साथ निभाऊं भगिनी करे पुकार आया धागों का त्यौंहार । बंधा है रिश्ता रेशम डोर पलके भीगी, भगिनी कोर खुले हैं बहना, दिल के द्वार आया धागों का त्यौंहार । कनक पारख विशाखापट्टनम

सुरत मे चातुर्मास के दौरान आचार्य महाश्रमणजी ने अपने प्रवचन मे कहा कि मोक्ष का प्रवेश द्वार है मानव जीवन ….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times गुजरात,वेसु, सूरत,गत तीन दिनों जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्त्वावधान में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के देदीप्यमान महासूर्य, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुपावन सन्निधि में आयोजित तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन मानवता के मसीहा के श्रीमुख से पावन आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ सम्पन्न हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन भी महासभा ने जहां समाज के विशिष्ट व्यक्तित्वों को पुरस्कृत व सम्मानित किया वहीं दूसरी ओर अपने-अपने क्षेत्र में अच्छे कार्य करने वाली सभाओं व उपसभाओं को भी श्रेष्ठ, उत्तम व विशिष्ट श्रेणी के अंतर्गत पुरस्कृत किया। आचार्यश्री ने लोगों को पावन आशीर्वाद प्रदान किया। शनिवार को महावीर समवसरण से भगवान महावीर के प्रतिनिधि युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन संदेश प्रदान करते हुए कहा कि आयारो आगम में बताया गया है कि हे पंडित! तुम समय को जानो। मनुष्य के जीवन में एक-एक क्षण का महत्त्व होता है। पता नहीं किस क्षण में अतिमहत्त्वपूर्ण विचार उत्पन्न हो जाए। चौरासी लाख जीव योनियों में मानव जन्म प्राप्त कर लेना बहुत विशिष्ट बात होती है क्योंकि मोक्ष की प्राप्ति केवल मानव जीवन से ही हो सकती है। अन्य किसी भी योनि में मोक्ष की प्राप्ति संभव नहीं होती। आगम में तो यहां तक कहा गया कि अनुत्तर गति के देव भी मोक्ष नहीं जा सकते। उन्हें मोक्ष पाना है तो पहले मनुष्य के जीवन में आना ही होता है। मानव बनने के उपरान्त ही वे मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए इसलिए इस मनुष्य जीवन को मोक्ष का प्रवेश द्वार भी कहा जा सकता है। मानव जीवन प्राप्त करना और उसमें भी साधुत्व को स्वीकार कर लेना मानों कितने सौभाग्य की बात होती है। वृद्धावस्था में कोई साधु बने तो कोई बड़ी बात नहीं, किन्तु छोटी वय में साधु बन जाना, संयम के पथ पर अग्रसर हो जाना बड़ी बात होती है। आचार्यश्री तुलसी, आचार्यश्री महाप्रज्ञजी अपने जीवन की छोटी अवस्था में ही मुनि दीक्षा स्वीकार कर ली थी। हमारे धर्मसंघ में सबसे छोटी उम्र में महासती गुलाबांजी ने दीक्षा ली। लगभग साढे सात वर्ष की अवस्था में उन्होंने साध्वी दीक्षा स्वीकार कर ली थी। कितने-कितने लोग यहां चतुर्मास में रहकर सेवा करते हैं। इस कहा गया है कि आदमी को हर क्षण जागरूक रहने का प्रयास करना चाहिए। जितना संभव हो सके, धर्म की आराधना, गुरु की पर्युपासना और सेवा का लाभ लेने का प्रयास करना चाहिए। जब तक शरीर शरीर सक्षम है, आदमी को धर्म, ध्यान, तपस्या व सेवा कर आत्मकल्याण कर लेना चाहिए। समझदार आदमी को समय का मूल्यांकन कर समय को सार्थक बनाने का प्रयास करना चाहिए। समय सबको एक समान ही मिलता है। एक दिन में 24 घंटे सभी को प्राप्त होता है, किन्तु इन प्राप्त घंटों का कौन कितना और कैसे उपयोग करता है, वह खास बात होती है। शनिवार को सायं सात से आठ बजे के बीच सामायिक करना भी क्षण का कितना अच्छा उपयोग हो जाता है। प्रवचन के साथ सामायिक और उपवास के साथ पौषध हो जाता है तो समय का और अधिक सार्थक बनाने का प्रयास हो जाता है। हम सभी क्षण का धार्मिक-आध्यात्मिक लाभ उठाने का प्रयास करें, यह काम्य है। आचार्यश्री ने कहा कि चतुर्मास का खूब अच्छा क्रम चल रहा है। धर्म को जानने, तपस्या का क्रम, ज्ञान के आराधना से आगे बढ़ता रहे। तदुपरान्त आचार्यश्री ने आख्यान क्रम को संपादित किया। अनेकानेक तपस्वियों ने अपनी-अपनी तपस्याओं का प्रत्याख्यान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। राज्यसभा सांसद व एस.आर.आर. डायमण्ड के डायरेक्टर श्री गोविंद ढोलकिया ने आचार्यश्री के दर्शन करने के उपरान्त अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि हमारा कोई पूर्व के पुण्य का प्रभाव है कि मुझे आचार्यश्री महाश्रमणजी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुझे यहां आने का अवसर मिला, यह बड़े भाग्य की बात है। इस दौरान ग्रीन लिप डायमण्ड के चेयरमेन श्री मुकेश पटेल ने भी आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्त्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन के तीसरे दिन मंचीय उपक्रम रहा। पुरस्कार व सम्मान अर्पण समारोह में महासभा के पूर्व मुख्य न्यासी श्री सुरेशचन्द गोयल को तेरापंथ संघ सेवा सम्मान, उपसभा के राष्ट्रीय संयोजक श्री लक्ष्मीलाल बाफना को आचार्य तुलसी समाज सेवा पुरस्कार व तेरापंथ एन.आर.आई. समिट के संयोजक श्री सुरेन्द्र पटावरी (बोरड़) को तेरापंथ विशिष्ट प्रतिभा पुरस्कार प्रदान किया गया। सभी सम्मान/पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को महासभा के पदाधिकारियों व चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों आदि ने प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह आदि प्रदान किए गए। श्री गोयल के प्रशस्ति पत्र का वाचन महासभा के उपाध्यक्ष श्री बसंत सुराणा, श्री बाफना के प्रशस्ति पत्र का वाचन महासभा के उपाध्यक्ष श्री फूलचन्द छत्रावत तथा श्री पटावरी के प्रशस्ति पत्र का वाचन महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हितेन्द्र मेहता ने किया। सम्मान/पुरस्कार प्राप्तकर्ता महानुभावों ने आचार्यश्री महाश्रमणजी के समक्ष अपनी श्रद्धासिक्त भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। इस संदर्भ में आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन आशीष प्रदान करते हुए कहा कि सभा प्रतिनिधि सम्मेलन के समापन की निकटता है। सभाएं अपने-अपने क्षेत्रों में खूब धार्मिक-आध्यात्मिक कार्य संपादित करने का प्रयास करती रहें। इस जीवन में आत्म उत्थान के लिए जो कर सकें, करने का प्रयास हो। जितना हो सके दूसरों की सेवा और तेरापंथ धर्मसंघ की सेवा देने का प्रयास होता रहे। आज सम्मानित व पुरस्कृत तीनों व्यक्ति अच्छा पुरुषार्थ करते रहें, धार्मिक-आध्यात्मिक विकास का प्रयास करते रहें। तेरापंथी महासभा समाज की अद्वितीय संस्था है, वह अपने ढंग से धार्मिक-आध्यात्मिक कार्य को आगे बढ़ाती रहे। महासभा के अध्यक्ष श्री मनसुखलाल सेठिया ने श्रेष्ठ उपसभा भिलोड़ा, उत्तम वीरपुर-बिहार व माणगांव-महाराष्ट्र, विशिष्ट उपसभा एसडी कोटे-कर्नाटक व प्रान्तीज-गुजरात को चुना गया। सभाओं के तीन श्रेणियों में लघु के अंतर्गत श्रेष्ठ इचलकरंजी, उत्तम रेलमगरा व विशिष्ट शालिमारबाग व धुलाबाड़ी, मध्यम में श्रेष्ठ सभा भुज, उत्तम गुलाबबाग व विशिष्ट राजाजी नगर-बेंगलुरु व बृहद् सभाओं में श्रेष्ठ सभा गुवाहाटी, उत्तम कांकरिया-मणिनगर व विशिष्ट सभा कांदिवली-मुम्बई के नामों की घोषणा की। चयनित सभी सभा व उपसभाओं को पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन महासभा के उपाध्यक्ष श्री संजय खटेड़ ने किया।

सुरत मे चातुर्मास के दौरान आचार्य महाश्रमणजी ने अपने प्रवचन मे कहा कि मोक्ष का प्रवेश द्वार है मानव जीवन ….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times गुजरात,वेसु, सूरत,गत तीन दिनों जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्त्वावधान में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के देदीप्यमान महासूर्य, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुपावन सन्निधि में आयोजित तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन मानवता के मसीहा के श्रीमुख से पावन आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ सम्पन्न हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन भी महासभा ने जहां समाज के विशिष्ट व्यक्तित्वों को पुरस्कृत व सम्मानित किया वहीं दूसरी ओर अपने-अपने क्षेत्र में अच्छे कार्य करने वाली सभाओं व उपसभाओं को भी श्रेष्ठ, उत्तम व विशिष्ट श्रेणी के अंतर्गत पुरस्कृत किया। आचार्यश्री ने लोगों को पावन आशीर्वाद प्रदान किया। शनिवार को महावीर समवसरण से भगवान महावीर के प्रतिनिधि युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन संदेश प्रदान करते हुए कहा कि आयारो आगम में बताया गया है कि हे पंडित! तुम समय को जानो। मनुष्य के जीवन में एक-एक क्षण का महत्त्व होता है। पता नहीं किस क्षण में अतिमहत्त्वपूर्ण विचार उत्पन्न हो जाए। चौरासी लाख जीव योनियों में मानव जन्म प्राप्त कर लेना बहुत विशिष्ट बात होती है क्योंकि मोक्ष की प्राप्ति केवल मानव जीवन से ही हो सकती है। अन्य किसी भी योनि में मोक्ष की प्राप्ति संभव नहीं होती। आगम में तो यहां तक कहा गया कि अनुत्तर गति के देव भी मोक्ष नहीं जा सकते। उन्हें मोक्ष पाना है तो पहले मनुष्य के जीवन में आना ही होता है। मानव बनने के उपरान्त ही वे मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए इसलिए इस मनुष्य जीवन को मोक्ष का प्रवेश द्वार भी कहा जा सकता है। मानव जीवन प्राप्त करना और उसमें भी साधुत्व को स्वीकार कर लेना मानों कितने सौभाग्य की बात होती है। वृद्धावस्था में कोई साधु बने तो कोई बड़ी बात नहीं, किन्तु छोटी वय में साधु बन जाना, संयम के पथ पर अग्रसर हो जाना बड़ी बात होती है। आचार्यश्री तुलसी, आचार्यश्री महाप्रज्ञजी अपने जीवन की छोटी अवस्था में ही मुनि दीक्षा स्वीकार कर ली थी। हमारे धर्मसंघ में सबसे छोटी उम्र में महासती गुलाबांजी ने दीक्षा ली। लगभग साढे सात वर्ष की अवस्था में उन्होंने साध्वी दीक्षा स्वीकार कर ली थी। कितने-कितने लोग यहां चतुर्मास में रहकर सेवा करते हैं। इस कहा गया है कि आदमी को हर क्षण जागरूक रहने का प्रयास करना चाहिए। जितना संभव हो सके, धर्म की आराधना, गुरु की पर्युपासना और सेवा का लाभ लेने का प्रयास करना चाहिए। जब तक शरीर शरीर सक्षम है, आदमी को धर्म, ध्यान, तपस्या व सेवा कर आत्मकल्याण कर लेना चाहिए। समझदार आदमी को समय का मूल्यांकन कर समय को सार्थक बनाने का प्रयास करना चाहिए। समय सबको एक समान ही मिलता है। एक दिन में 24 घंटे सभी को प्राप्त होता है, किन्तु इन प्राप्त घंटों का कौन कितना और कैसे उपयोग करता है, वह खास बात होती है। शनिवार को सायं सात से आठ बजे के बीच सामायिक करना भी क्षण का कितना अच्छा उपयोग हो जाता है। प्रवचन के साथ सामायिक और उपवास के साथ पौषध हो जाता है तो समय का और अधिक सार्थक बनाने का प्रयास हो जाता है। हम सभी क्षण का धार्मिक-आध्यात्मिक लाभ उठाने का प्रयास करें, यह काम्य है। आचार्यश्री ने कहा कि चतुर्मास का खूब अच्छा क्रम चल रहा है। धर्म को जानने, तपस्या का क्रम, ज्ञान के आराधना से आगे बढ़ता रहे। तदुपरान्त आचार्यश्री ने आख्यान क्रम को संपादित किया। अनेकानेक तपस्वियों ने अपनी-अपनी तपस्याओं का प्रत्याख्यान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। राज्यसभा सांसद व एस.आर.आर. डायमण्ड के डायरेक्टर श्री गोविंद ढोलकिया ने आचार्यश्री के दर्शन करने के उपरान्त अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि हमारा कोई पूर्व के पुण्य का प्रभाव है कि मुझे आचार्यश्री महाश्रमणजी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मुझे यहां आने का अवसर मिला, यह बड़े भाग्य की बात है। इस दौरान ग्रीन लिप डायमण्ड के चेयरमेन श्री मुकेश पटेल ने भी आचार्यश्री के दर्शन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्त्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन के तीसरे दिन मंचीय उपक्रम रहा। पुरस्कार व सम्मान अर्पण समारोह में महासभा के पूर्व मुख्य न्यासी श्री सुरेशचन्द गोयल को तेरापंथ संघ सेवा सम्मान, उपसभा के राष्ट्रीय संयोजक श्री लक्ष्मीलाल बाफना को आचार्य तुलसी समाज सेवा पुरस्कार व तेरापंथ एन.आर.आई. समिट के संयोजक श्री सुरेन्द्र पटावरी (बोरड़) को तेरापंथ विशिष्ट प्रतिभा पुरस्कार प्रदान किया गया। सभी सम्मान/पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को महासभा के पदाधिकारियों व चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों आदि ने प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह आदि प्रदान किए गए। श्री गोयल के प्रशस्ति पत्र का वाचन महासभा के उपाध्यक्ष श्री बसंत सुराणा, श्री बाफना के प्रशस्ति पत्र का वाचन महासभा के उपाध्यक्ष श्री फूलचन्द छत्रावत तथा श्री पटावरी के प्रशस्ति पत्र का वाचन महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हितेन्द्र मेहता ने किया। सम्मान/पुरस्कार प्राप्तकर्ता महानुभावों ने आचार्यश्री महाश्रमणजी के समक्ष अपनी श्रद्धासिक्त भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। इस संदर्भ में आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन आशीष प्रदान करते हुए कहा कि सभा प्रतिनिधि सम्मेलन के समापन की निकटता है। सभाएं अपने-अपने क्षेत्रों में खूब धार्मिक-आध्यात्मिक कार्य संपादित करने का प्रयास करती रहें। इस जीवन में आत्म उत्थान के लिए जो कर सकें, करने का प्रयास हो। जितना हो सके दूसरों की सेवा और तेरापंथ धर्मसंघ की सेवा देने का प्रयास होता रहे। आज सम्मानित व पुरस्कृत तीनों व्यक्ति अच्छा पुरुषार्थ करते रहें, धार्मिक-आध्यात्मिक विकास का प्रयास करते रहें। तेरापंथी महासभा समाज की अद्वितीय संस्था है, वह अपने ढंग से धार्मिक-आध्यात्मिक कार्य को आगे बढ़ाती रहे। महासभा के अध्यक्ष श्री मनसुखलाल सेठिया ने श्रेष्ठ उपसभा भिलोड़ा, उत्तम वीरपुर-बिहार व माणगांव-महाराष्ट्र, विशिष्ट उपसभा एसडी कोटे-कर्नाटक व प्रान्तीज-गुजरात को चुना गया। सभाओं के तीन श्रेणियों में लघु के अंतर्गत श्रेष्ठ इचलकरंजी, उत्तम रेलमगरा व विशिष्ट शालिमारबाग व धुलाबाड़ी, मध्यम में श्रेष्ठ सभा भुज, उत्तम गुलाबबाग व विशिष्ट राजाजी नगर-बेंगलुरु व बृहद् सभाओं में श्रेष्ठ सभा गुवाहाटी, उत्तम कांकरिया-मणिनगर व विशिष्ट सभा कांदिवली-मुम्बई के नामों की घोषणा की। चयनित सभी सभा व उपसभाओं को पुरस्कृत किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन महासभा के उपाध्यक्ष श्री संजय खटेड़ ने किया।

महर्षि शुकदेव इंटर कॉलेज मोरना भी धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस…ओमेशवर ब्यूरो चीफ़मुजफ्फरनगर, Key Line Times मुजफ्फरनगर ,जहाँ देश का हर व्यक्ति अपने अन्दाज में स्वतंत्रता दिवस मनाने में लगा था वहीं जनपद-मुजफ्फरनगर के मोरना गांव में स्थित महर्षि शुकदेव इंटर कॉलेज में भी 78वां स्वतंत्रता दिवस बडे ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया गया मुख्य अतिथि के रूप में माननीय सांसद श्री चन्दन चौहान जी ने कार्यक्रम में चार-चांद लगा दिए उधर छात्र छात्राओं ने भी देश भक्ति गीतों पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के समापन के दौरान प्रबंधक महोदय श्री अनुज कुमार जी द्वारा खेलकूद के साथ साथ सत्र 2023-24 में हाई स्कूल व इण्टरमीडीयट बोर्ड परीक्षा में कालेज टाॅप करने वाले छात्र छात्राओं को ट्राफी देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रबंध समिति के साथ साथ गांव मोरना व आस पास के गांवों से आऐ गणमान्य व्यक्तियों ने स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर उपस्थित होकर कार्यक्रम कि शोभ बढाई।

महर्षि शुकदेव इंटर कॉलेज मोरना भी धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस…ओमेशवर ब्यूरो चीफ़मुजफ्फरनगर, Key Line Times मुजफ्फरनगर ,जहाँ देश का हर व्यक्ति अपने अन्दाज में स्वतंत्रता दिवस मनाने में लगा था वहीं जनपद-मुजफ्फरनगर के मोरना गांव में स्थित महर्षि शुकदेव इंटर कॉलेज में भी 78वां स्वतंत्रता दिवस बडे ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया गया मुख्य अतिथि के रूप में माननीय सांसद श्री चन्दन चौहान जी ने कार्यक्रम में चार-चांद लगा दिए उधर छात्र छात्राओं ने भी देश भक्ति गीतों पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के समापन के दौरान प्रबंधक महोदय श्री अनुज कुमार जी द्वारा खेलकूद के साथ साथ सत्र 2023-24 में हाई स्कूल व इण्टरमीडीयट बोर्ड परीक्षा में कालेज टाॅप करने वाले छात्र छात्राओं को ट्राफी देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रबंध समिति के साथ साथ गांव मोरना व आस पास के गांवों से आऐ गणमान्य व्यक्तियों ने स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर उपस्थित होकर कार्यक्रम कि शोभ बढाई।

सुरत मे वर्षावास के दौरान अपने प्रवचनों मे आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि यौवन का धार्मिक-आध्यात्मिक क्षेत्र में होता रहे सदुपयोग….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत (गुजरात), जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान देदीप्यमान महासूर्य, अध्यात्मवेत्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी के सूरत शहर में चतुर्मास करने से सूरत की सूरत ही बदल गयी है। डायमण्ड व सिल्क सिटि के रूप में विख्यात यह शहर आध्यात्मिक शहर के रूप में भी ख्यापित हो रहा है। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में वर्तमान में तेरापंथ धर्मसंघ की ‘संस्था शिरोमणि’ तेरापंथी महासभा के त्रिदिवसीय सभा प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इसमें देश-विदेश के लगभग 525 क्षेत्रों 1800 से अधिक संभागी बन रहे हैं। सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को भी महावीर समवसरण उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ प्रतिनिधि संभागियों से जनाकीर्ण बना हुआ था। शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आयारो आगम के माध्यम से उपस्थित विशाल जनमेदिनी को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि आदमी के जीवन में यौवन (युवावस्था) महत्त्वपूर्ण होता है। इस अवस्था में बहुत कार्य किया जा सकता है। गृहस्थ जीवन में अर्थार्जन, सामाज अथवा राजनीति में कार्य कर सकता है। जवानी की अवस्था बहुत कार्यकारी भी हो सकती है और जवानी की अवस्था में रास्ता गलत ले लिया जाए तो यह अवस्था पतन के गर्त में ले जाने वाली भी सिद्ध हो सकती है। इसलिए यौवन भी अनर्थकारी हो सकता है। कहीं धन-सम्पत्ति अनर्थ करने वाली हो सकती है तो कहीं कोई लौकिक सेवा में योगदान देने वाली भी बन सकती है। किसी की चिकित्सा, किसी की शिक्षा, समाज की सेवा में भी लगकर कल्याणकारी भी बन सकता है। एक-एक वस्तु का दुरुपयोग भी हो सकता है और सदुपयोग भी हो सकता है, उसका शुक्लपक्ष भी हो सकता है और कृष्णपक्ष भी हो सकता है। तीसरी बात प्रभुत्व की बताई गई है कि किसी को सत्ता मिल जाए, वर्तमान लोकतंत्र में कोई मंत्री बन जाए, किसी पद पर चला जाए तो इसमें भी कोई सत्ता का सदुपयोग कर सकता है तो कोई सत्ता का दुरुपयोग भी कर सकता है। सत्ता में ईमानदारी से कार्य करना, लोगों का कल्याण करना, जनता का सेवा करना सदुपयोग माना जाता है। इसी प्रकार मानव का अविवेकी हो जाना अनर्थकारी ही होता है। यौवन, सत्ता, प्रभुत्व व धन आदि के साथ विवेक जुड़ जाए तो वह कल्याणकारी हो सकता है। आयारो आगम में बताया गया कि अवस्था जा रही है तो आदमी को यह चिंतन करना चाहिए कि वह अपने जीवन का धार्मिक-आध्यात्मिक उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। आदमी परिवार के भरण-पोषण के लिए कार्य करता है तो उसके साथ-साथ उसे धार्मिक-आध्यात्मिकता के क्षेत्र में भी गति करने का प्रयास करना चाहिए। जीवन और परिवार को चलाने के लिए अन्य कार्य करने के साथ समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान जैसे सामायिक, ध्यान, जप आदि में समय लगाने का प्रयास करना चाहिए। जितना समय मिल सके, अपने धार्मिक कार्य से जुड़ने का प्रयास करना चाहिए। इस प्रकार आदमी के जवानी पर धर्म का अंकुश बना रहे। वृद्धावस्था आने पर तो आदमी को अपना अधिक से अधिक समय धार्मिकता में लगाने का प्रयास करना चाहिए। उम्र और जवानी का जागरूकता के साथ सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री ने आख्यान क्रम को भी संपादित किया। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त साध्वीवर्या सम्बुद्धयशाजी ने जनता को उद्बोधित किया। तदुपरान्त तपस्वियों ने अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान किया। जैन विश्व भारती द्वारा साध्वी मुक्तियशाजी द्वारा लिखित शासनश्री साध्वी रतनश्रीजी के जीवनवृत्त ‘अप्रमत्त ज्योति’ को आचार्यश्री के समक्ष लोकार्पित किया। प्रो. मिश्रीलाल माण्डोत द्वारा लिखित ‘आधुनिक राजस्थान की महान विभूतियां’ के दूसरे भाग को भी आचार्यश्री के सम्मुख लोकार्पित किया गया। आचार्यश्री ने दोनों पुस्तकों के संदर्भ में आशीर्वाद प्रदान किया गया। महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हितेन्द्र मेहता द्वारा तेरापंथ विश्व भारती-मुम्बई के परिसर के प्रस्तावित मास्टर प्लान की वीडियो प्रस्तुत की गई। इस संदर्भ में आचार्यप्रवर ने कहा कि जैन विश्व भारती, अणुव्रत विश्व भारती और प्रेक्षा विश्व भारती भी गुरुदेवश्री तुलसी के सामने आई थी। इस बार तेरापंथ विश्व भारती की सामने आई। जब हमारा चतुर्मास के बाद भ्रमण प्रारम्भ हुआ तो तेरापंथ विश्व भारती का स्थान अधिग्रिहित किया गया, वहां जाना हुआ और कार्यक्रम भी हुआ। मैंने उसकी स्थापना की बात उस दिन बताई थी। यह तेरापंथ विश्व भारती के प्राणतत्त्व धार्मिक-आध्यात्मिक गतिविधियों के रूप में देख रहे हैं। महासभा ट्रस्ट आदि महासभा से जुड़े हुए लोग खूब अच्छा धार्मिक-आध्यात्मिक कार्य करते रहें। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में महासभा के तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन में पुरस्कार एवं सम्मान अर्पण समारोह का आयोजन हुआ। इस संदर्भ में तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष श्री मनसुखलाल सेठिया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ संघ सेवा सम्मान महासभा के पूर्व अध्यक्ष श्री किशनलाल डागलिया, आचार्य तुलसी समाज सेवा पुरस्कार उपासक श्रेणी व्यवस्थापक श्री जयंतीलाल सुराणा व तेरापंथ विशिष्ट प्रतिभा पुरस्कार डॉ. राज सेठिया-ऑस्ट्रिया को प्रदान किया गया। श्री डागलिया के प्रशस्ति पत्र का वाचन महासभा के उपाध्यक्ष श्री निर्मल गोखरू, श्री सुराणा के प्रशस्ती पत्र का वाचन महासभा उपाध्यक्ष श्री नरेन्द्र नखत तथा श्री सेठिया के प्रशस्ती पत्र का वाचन महासभा के उपाध्यक्ष श्री समीर वकील ने किया। महासभा के पदाधिकारियों आदि के द्वारा सम्मान/पुरस्कारप्राप्तकर्ताओं को प्रशस्ती पत्र व स्मृति चिन्ह आदि समर्पित किए गए। सम्मान/पुरस्कारकर्ता महानुभावों ने आचार्यश्री के समक्ष अपने आंतरिक भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। इस संदर्भ में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन आशीष प्रदान करते हुए कहा कि अपने जीवन में धार्मिक-आध्यात्मिक साधना के उपरान्त जितनी सेवा हो सके, करने का प्रयास करना चाहिए। इस कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी महासभा के संगठन मंत्री श्री प्रकाश डाकलिया ने किया।

सुरत मे वर्षावास के दौरान अपने प्रवचनों मे आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि यौवन का धार्मिक-आध्यात्मिक क्षेत्र में होता रहे सदुपयोग….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत (गुजरात), जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान देदीप्यमान महासूर्य, अध्यात्मवेत्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी के सूरत शहर में चतुर्मास करने से सूरत की सूरत ही बदल गयी है। डायमण्ड व सिल्क सिटि के रूप में विख्यात यह शहर आध्यात्मिक शहर के रूप में भी ख्यापित हो रहा है। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में वर्तमान में तेरापंथ धर्मसंघ की ‘संस्था शिरोमणि’ तेरापंथी महासभा के त्रिदिवसीय सभा प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इसमें देश-विदेश के लगभग 525 क्षेत्रों 1800 से अधिक संभागी बन रहे हैं। सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को भी महावीर समवसरण उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ प्रतिनिधि संभागियों से जनाकीर्ण बना हुआ था। शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आयारो आगम के माध्यम से उपस्थित विशाल जनमेदिनी को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि आदमी के जीवन में यौवन (युवावस्था) महत्त्वपूर्ण होता है। इस अवस्था में बहुत कार्य किया जा सकता है। गृहस्थ जीवन में अर्थार्जन, सामाज अथवा राजनीति में कार्य कर सकता है। जवानी की अवस्था बहुत कार्यकारी भी हो सकती है और जवानी की अवस्था में रास्ता गलत ले लिया जाए तो यह अवस्था पतन के गर्त में ले जाने वाली भी सिद्ध हो सकती है। इसलिए यौवन भी अनर्थकारी हो सकता है। कहीं धन-सम्पत्ति अनर्थ करने वाली हो सकती है तो कहीं कोई लौकिक सेवा में योगदान देने वाली भी बन सकती है। किसी की चिकित्सा, किसी की शिक्षा, समाज की सेवा में भी लगकर कल्याणकारी भी बन सकता है। एक-एक वस्तु का दुरुपयोग भी हो सकता है और सदुपयोग भी हो सकता है, उसका शुक्लपक्ष भी हो सकता है और कृष्णपक्ष भी हो सकता है। तीसरी बात प्रभुत्व की बताई गई है कि किसी को सत्ता मिल जाए, वर्तमान लोकतंत्र में कोई मंत्री बन जाए, किसी पद पर चला जाए तो इसमें भी कोई सत्ता का सदुपयोग कर सकता है तो कोई सत्ता का दुरुपयोग भी कर सकता है। सत्ता में ईमानदारी से कार्य करना, लोगों का कल्याण करना, जनता का सेवा करना सदुपयोग माना जाता है। इसी प्रकार मानव का अविवेकी हो जाना अनर्थकारी ही होता है। यौवन, सत्ता, प्रभुत्व व धन आदि के साथ विवेक जुड़ जाए तो वह कल्याणकारी हो सकता है। आयारो आगम में बताया गया कि अवस्था जा रही है तो आदमी को यह चिंतन करना चाहिए कि वह अपने जीवन का धार्मिक-आध्यात्मिक उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। आदमी परिवार के भरण-पोषण के लिए कार्य करता है तो उसके साथ-साथ उसे धार्मिक-आध्यात्मिकता के क्षेत्र में भी गति करने का प्रयास करना चाहिए। जीवन और परिवार को चलाने के लिए अन्य कार्य करने के साथ समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान जैसे सामायिक, ध्यान, जप आदि में समय लगाने का प्रयास करना चाहिए। जितना समय मिल सके, अपने धार्मिक कार्य से जुड़ने का प्रयास करना चाहिए। इस प्रकार आदमी के जवानी पर धर्म का अंकुश बना रहे। वृद्धावस्था आने पर तो आदमी को अपना अधिक से अधिक समय धार्मिकता में लगाने का प्रयास करना चाहिए। उम्र और जवानी का जागरूकता के साथ सदुपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। मंगल प्रवचन के उपरान्त आचार्यश्री ने आख्यान क्रम को भी संपादित किया। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त साध्वीवर्या सम्बुद्धयशाजी ने जनता को उद्बोधित किया। तदुपरान्त तपस्वियों ने अपनी-अपनी तपस्या का प्रत्याख्यान किया। जैन विश्व भारती द्वारा साध्वी मुक्तियशाजी द्वारा लिखित शासनश्री साध्वी रतनश्रीजी के जीवनवृत्त ‘अप्रमत्त ज्योति’ को आचार्यश्री के समक्ष लोकार्पित किया। प्रो. मिश्रीलाल माण्डोत द्वारा लिखित ‘आधुनिक राजस्थान की महान विभूतियां’ के दूसरे भाग को भी आचार्यश्री के सम्मुख लोकार्पित किया गया। आचार्यश्री ने दोनों पुस्तकों के संदर्भ में आशीर्वाद प्रदान किया गया। महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हितेन्द्र मेहता द्वारा तेरापंथ विश्व भारती-मुम्बई के परिसर के प्रस्तावित मास्टर प्लान की वीडियो प्रस्तुत की गई। इस संदर्भ में आचार्यप्रवर ने कहा कि जैन विश्व भारती, अणुव्रत विश्व भारती और प्रेक्षा विश्व भारती भी गुरुदेवश्री तुलसी के सामने आई थी। इस बार तेरापंथ विश्व भारती की सामने आई। जब हमारा चतुर्मास के बाद भ्रमण प्रारम्भ हुआ तो तेरापंथ विश्व भारती का स्थान अधिग्रिहित किया गया, वहां जाना हुआ और कार्यक्रम भी हुआ। मैंने उसकी स्थापना की बात उस दिन बताई थी। यह तेरापंथ विश्व भारती के प्राणतत्त्व धार्मिक-आध्यात्मिक गतिविधियों के रूप में देख रहे हैं। महासभा ट्रस्ट आदि महासभा से जुड़े हुए लोग खूब अच्छा धार्मिक-आध्यात्मिक कार्य करते रहें। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में महासभा के तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन में पुरस्कार एवं सम्मान अर्पण समारोह का आयोजन हुआ। इस संदर्भ में तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष श्री मनसुखलाल सेठिया ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। तेरापंथ संघ सेवा सम्मान महासभा के पूर्व अध्यक्ष श्री किशनलाल डागलिया, आचार्य तुलसी समाज सेवा पुरस्कार उपासक श्रेणी व्यवस्थापक श्री जयंतीलाल सुराणा व तेरापंथ विशिष्ट प्रतिभा पुरस्कार डॉ. राज सेठिया-ऑस्ट्रिया को प्रदान किया गया। श्री डागलिया के प्रशस्ति पत्र का वाचन महासभा के उपाध्यक्ष श्री निर्मल गोखरू, श्री सुराणा के प्रशस्ती पत्र का वाचन महासभा उपाध्यक्ष श्री नरेन्द्र नखत तथा श्री सेठिया के प्रशस्ती पत्र का वाचन महासभा के उपाध्यक्ष श्री समीर वकील ने किया। महासभा के पदाधिकारियों आदि के द्वारा सम्मान/पुरस्कारप्राप्तकर्ताओं को प्रशस्ती पत्र व स्मृति चिन्ह आदि समर्पित किए गए। सम्मान/पुरस्कारकर्ता महानुभावों ने आचार्यश्री के समक्ष अपने आंतरिक भावनाओं को अभिव्यक्ति दी। इस संदर्भ में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन आशीष प्रदान करते हुए कहा कि अपने जीवन में धार्मिक-आध्यात्मिक साधना के उपरान्त जितनी सेवा हो सके, करने का प्रयास करना चाहिए। इस कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी महासभा के संगठन मंत्री श्री प्रकाश डाकलिया ने किया।

कबीरा फाउंडेशन टीम को मिला ध्वजारोहण करने का सम्मान… शिवम सेठी,जिला संवाददाता, फिरोजपुर पंजाब, Key Line Times फिरोजपुर,आज कबीरा फाउंडेशन की माननीय टीम को डीसी मॉडल इंटरनेशनल में हमारे राष्ट्र के ध्वजारोहण समारोह के लिए मुख्य अतिथि होने का बहुत बड़ा सम्मान मिला है (शिवम सेठी ) कबीरा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री गोरी मेहता से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि 50 साल के जीवन में अपने हाथों से भारतीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त होना एक बहुत ही सौभाग्यपूर्ण क्षण है। यह अवसर समाज में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने और शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में हमारे समर्पित प्रयासों का प्रमाण है। और यह सम्मान हमे पुण्य कर्मो के लिए मिला है कबीरा फाउंडेशन प्रिंसिपल श्रीमती अनुराधा चंदेल के साथ-साथ सम्मानित स्टाफ सदस्यों- श्रीमती अर्चना मैम, श्रीमती गगनदीप श्री राजेश बेरी, श्री मनमीत श्रीमती कविता शर्मा और पूरी टीम का हार्दिक आभार व्यक्त करता है। कबीरा फाउंडेशन ने समाज में अच्छी शिक्षाप्रद चीजें की हैं। कबीरा फाउंडेशन का हाल में ही हुआ चर्चित आज कबीरा फाउंडेशन की माननीय टीम को डीसी मॉडल इंटरनेशनल में हमारे राष्ट्र के ध्वजारोहण समारोह के लिए मुख्य अतिथि होने का बहुत बड़ा सम्मान मिला है ( कबीरा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री गोरी मेहता से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि 50 साल के जीवन में अपने हाथों से भारतीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त होना एक बहुत ही सौभाग्यपूर्ण क्षण है। यह अवसर समाज में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने और शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में हमारे समर्पित प्रयासों का प्रमाण है। और यह सम्मान हमें पुण्य कर्मो के लिए मिला है कबीरा फाउंडेशन प्रिंसिपल श्रीमती अनुराधा चंदेल के साथ-साथ सम्मानित स्टाफ सदस्यों- श्रीमती अर्चना मैम, श्रीमती गगनदीप श्री राजेश श्री राजेश बेरी, श्री मनमीत श्रीमती कविता शर्मा और पूरी टीम का हार्दिक आभार व्यक्त करता है। कबीरा फाउंडेशन ने समाज में अच्छी शिक्षाप्रद चीजें की हैं। कबीरा फाउंडेशन का हाल में ही हुआ चर्चित स्कॉलरशिप प्रोजेक्ट उम्मीद पूरे समाज के लिए एक वरदान है जिसमे बेटियों और बेटों को ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए लाखों रूपी की स्कॉलरशिप दी गई है देश की आजादी के शुभ अवसर पर कबीरा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री गोरी मेहता, उपाध्यक्ष दीपक नरूला, मोनिका नरूला, सचिव संजीव नरूला, कंचन नरूला, मता कपूर, परमजीत मेहता, अमृत सोढी,नरेंद्र कुमार छाबरा, सुचित्रा छाबरा, आरिज नरूला,सदस्य शिवम सेठी सभी उपस्थित रहे। स्कॉलरशिप प्रोजेक्ट उम्मीद पूरे समाज के लिए एक वरदान है जिसमे बेटियों और बेटों को ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए लाखों रूपी की स्कॉलरशिप दी गई है देश की आजादी के शुभ अवसर पर कबीरा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री गोरी मेहता, उपाध्यक्ष दीपक नरूला, मोनिका नरूला,सचिव संजीव नरूला, कंचन नरूला ,ममता कपूर,परमजीत मेहता,अमृत सोढी,नरेंद्र कुमार छाबरा ,सुचित्रा छाबरा , आरिज नरूला ,सदस्य शिवम सेठी सभी उपस्थित रहे।

कबीरा फाउंडेशन टीम को मिला ध्वजारोहण करने का सम्मान… शिवम सेठी,जिला संवाददाता, फिरोजपुर पंजाब, Key Line Times फिरोजपुर,आज कबीरा फाउंडेशन की माननीय टीम को डीसी मॉडल इंटरनेशनल में हमारे राष्ट्र के ध्वजारोहण समारोह के लिए मुख्य अतिथि होने का बहुत बड़ा सम्मान मिला है (शिवम सेठी ) कबीरा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री गोरी मेहता से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि 50 साल के जीवन में अपने हाथों से भारतीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त होना एक बहुत ही सौभाग्यपूर्ण क्षण है। यह अवसर समाज में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने और शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में हमारे समर्पित प्रयासों का प्रमाण है। और यह सम्मान हमे पुण्य कर्मो के लिए मिला है कबीरा फाउंडेशन प्रिंसिपल श्रीमती अनुराधा चंदेल के साथ-साथ सम्मानित स्टाफ सदस्यों- श्रीमती अर्चना मैम, श्रीमती गगनदीप श्री राजेश बेरी, श्री मनमीत श्रीमती कविता शर्मा और पूरी टीम का हार्दिक आभार व्यक्त करता है। कबीरा फाउंडेशन ने समाज में अच्छी शिक्षाप्रद चीजें की हैं। कबीरा फाउंडेशन का हाल में ही हुआ चर्चित आज कबीरा फाउंडेशन की माननीय टीम को डीसी मॉडल इंटरनेशनल में हमारे राष्ट्र के ध्वजारोहण समारोह के लिए मुख्य अतिथि होने का बहुत बड़ा सम्मान मिला है ( कबीरा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री गोरी मेहता से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि 50 साल के जीवन में अपने हाथों से भारतीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त होना एक बहुत ही सौभाग्यपूर्ण क्षण है। यह अवसर समाज में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने और शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में हमारे समर्पित प्रयासों का प्रमाण है। और यह सम्मान हमें पुण्य कर्मो के लिए मिला है कबीरा फाउंडेशन प्रिंसिपल श्रीमती अनुराधा चंदेल के साथ-साथ सम्मानित स्टाफ सदस्यों- श्रीमती अर्चना मैम, श्रीमती गगनदीप श्री राजेश श्री राजेश बेरी, श्री मनमीत श्रीमती कविता शर्मा और पूरी टीम का हार्दिक आभार व्यक्त करता है। कबीरा फाउंडेशन ने समाज में अच्छी शिक्षाप्रद चीजें की हैं। कबीरा फाउंडेशन का हाल में ही हुआ चर्चित स्कॉलरशिप प्रोजेक्ट उम्मीद पूरे समाज के लिए एक वरदान है जिसमे बेटियों और बेटों को ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए लाखों रूपी की स्कॉलरशिप दी गई है देश की आजादी के शुभ अवसर पर कबीरा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री गोरी मेहता, उपाध्यक्ष दीपक नरूला, मोनिका नरूला, सचिव संजीव नरूला, कंचन नरूला, मता कपूर, परमजीत मेहता, अमृत सोढी,नरेंद्र कुमार छाबरा, सुचित्रा छाबरा, आरिज नरूला,सदस्य शिवम सेठी सभी उपस्थित रहे। स्कॉलरशिप प्रोजेक्ट उम्मीद पूरे समाज के लिए एक वरदान है जिसमे बेटियों और बेटों को ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए लाखों रूपी की स्कॉलरशिप दी गई है देश की आजादी के शुभ अवसर पर कबीरा फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री गोरी मेहता, उपाध्यक्ष दीपक नरूला, मोनिका नरूला,सचिव संजीव नरूला, कंचन नरूला ,ममता कपूर,परमजीत मेहता,अमृत सोढी,नरेंद्र कुमार छाबरा ,सुचित्रा छाबरा , आरिज नरूला ,सदस्य शिवम सेठी सभी उपस्थित रहे।

नोएडा के बदौली बांगर के प्राथमिक विद्यालय में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस समारोह….संवाददाता शिव कुमार शर्मा गौतम बुध नगर, नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले बदौली बांगर नोएडा 154 सेक्टर प्राइमरी सरकारी स्कूल में बच्चों ने स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया स्कूल के सभी अध्यापक व प्रिंसिपल साहब सभी मौजूद है स्कूल के अध्यापकों ने ग्राम वासियों को स्कूल में बुलाया बड़े और सभी ने मिलकर शारदा भाव से झंडे को सलामी दी और 78 वा गणतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मनाया स्कूल की तरफ से अध्यापकों ने बच्चों को मिठाई प्रसाद रबड़ पेंसिल अपनी तरफ से बच्चों को गिफ्ट दिया सभी बच्चों ने मिलकर राष्ट्रीय गान किया और बच्चों ने कहा हम अपने अपने देश के लिए जीना भी सीखेंगे और देश के लिए मरना भी सीखेंगे जय हिंद जय भारत भारत माता की जय जवान जय किसान

नोएडा के बदौली बांगर के प्राथमिक विद्यालय में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस समारोह….संवाददाता शिव कुमार शर्मा गौतम बुध नगर, नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले बदौली बांगर नोएडा 154 सेक्टर प्राइमरी सरकारी स्कूल में बच्चों ने स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया स्कूल के सभी अध्यापक व प्रिंसिपल साहब सभी मौजूद है स्कूल के अध्यापकों ने ग्राम वासियों को स्कूल में बुलाया बड़े और सभी ने मिलकर शारदा भाव से झंडे को सलामी दी और 78 वा गणतंत्र दिवस बड़े धूमधाम से मनाया स्कूल की तरफ से अध्यापकों ने बच्चों को मिठाई प्रसाद रबड़ पेंसिल अपनी तरफ से बच्चों को गिफ्ट दिया सभी बच्चों ने मिलकर राष्ट्रीय गान किया और बच्चों ने कहा हम अपने अपने देश के लिए जीना भी सीखेंगे और देश के लिए मरना भी सीखेंगे जय हिंद जय भारत भारत माता की जय जवान जय किसान

ऐपैक्स क्ल्ब आफ फिरोजपुर ने मनाया स्वतंत्रता दिवस समारोह… शिवम सेठी,जिला संवाददाता फिरोजपुर पंजाब, Key Line Times माँ चिंतपूर्णी जी के सावन मेले के पावन अवसर पर माँ चिंतपूर्णी जी के आशीर्वाद से APEX क्लब ऑफ़ फ़िरोज़पुर की ओर से 78वां आज़ादी दिवस मनाया गया। (शिवम सेठी ) इस अवसर पर APEX क्लब फ़िरोज़पुर के प्रधान श्री मान सिंह जी ने बताया कि माता जी के आशीर्वाद से देश की आज़ादी के पावन अवसर पर प्रसाद का आयोजन किया गया। इस सेवा में सभी APEX क्लब सदस्य सुमित अरोड़ा, राहुल शर्मा, गोपाल भगी, सुशील कक्कड़, हरप्रीत सिंह, अंकुश ठाकुर, दीपक बेरी, बॉबी खुराना, धीरज माथुर, अमनप्रीत सिंह और राजन से उपस्थित रहे। APEX क्लब फ़िरोज़पुर हमेशा समाज सेवा कार्यों में अपना सहयोग देता रहेगा।

ऐपैक्स क्ल्ब आफ फिरोजपुर ने मनाया स्वतंत्रता दिवस समारोह… शिवम सेठी,जिला संवाददाता फिरोजपुर पंजाब, Key Line Times माँ चिंतपूर्णी जी के सावन मेले के पावन अवसर पर माँ चिंतपूर्णी जी के आशीर्वाद से APEX क्लब ऑफ़ फ़िरोज़पुर की ओर से 78वां आज़ादी दिवस मनाया गया। (शिवम सेठी ) इस अवसर पर APEX क्लब फ़िरोज़पुर के प्रधान श्री मान सिंह जी ने बताया कि माता जी के आशीर्वाद से देश की आज़ादी के पावन अवसर पर प्रसाद का आयोजन किया गया। इस सेवा में सभी APEX क्लब सदस्य सुमित अरोड़ा, राहुल शर्मा, गोपाल भगी, सुशील कक्कड़, हरप्रीत सिंह, अंकुश ठाकुर, दीपक बेरी, बॉबी खुराना, धीरज माथुर, अमनप्रीत सिंह और राजन से उपस्थित रहे। APEX क्लब फ़िरोज़पुर हमेशा समाज सेवा कार्यों में अपना सहयोग देता रहेगा।

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