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सूरत के होमगार्ड्सों को शांतिदूत ने कराई संकल्पत्रयी…सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत (गुजरात) , जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में रविवार को श्रद्धालु जनता के अलावा सूरत शहर के होमगार्ड्स के जवान भी काफी संख्या में उपस्थित थे। इसके बेंगलुरु से समागत ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी भी उपस्थित थे। महावीर समवसरण में आचार्यश्री के मंगल महामंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। साध्वीवर्याजी ने जनता को किया सम्बोधित किया। नित्य की भांति युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित विशाल जनमेदिनी को आध्यात्मिक अनुष्ठान के अंतर्गत मंत्र जप का प्रयोग कराया। तदुपरान्त सिद्ध साधक आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित जनता को ‘आयारो’ आगम के दूसरे अध्ययन के माध्यम से पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि दुनिया में धनवान व्यक्ति भी मिलते हैं और गरीब व्यक्ति भी मिलते हैं। कहीं विशाल अट्टालिकाएं होती हैं, कहीं झुग्गी-झोपड़ी तो कहीं कोई फुटपाथ पर भी सोने वाले देख सकते हैं। धनवत्ता व दरिद्रता एक दूसरे से विपरीत होती हैं। सधनता और निर्धनता सांसारिक संदर्भ में होती है। शास्त्रकार ने बताया है कि कौन दरिद्र होता होता और कौन धनवान होता है। साधु को तपोधन कहा गया है। साधु के लिए तप, योग, उपशम आदि साधु का धन होता है। निर्धन साधु वह होता है, जो आज्ञा में नहीं चलता है। तीर्थंकर की आज्ञा में नहीं चलने वाला साधु दरिद्र होता है। साधु के लिए आज्ञा है कि शब्द, कष्ट आदि सहन करो, निर्जरा करो, आहार का संयम हो। इस आज्ञा में चलने वाला साधु सधन साधु है और आज्ञा से दूर होने वाला साधु निर्धन और दरिद्र साधु हो जाता है। आदमी को अपने जीवन में स्वयं पर अनुशासन करने का प्रयास करना चाहिए। आदमी स्वयं को अनुशासित बनाएं। मन, वाणी और इन्द्रियों पर संयम है तो कल्याण की बात हो सकती है। संयम और तप से स्वयं को भावित बनाने वाला स्वयं का कल्याण कर सकता है। साधु की अकिंचनता ही उसका धन है। तपस्या साधु का धन होता है। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के छठवा दिन अनुशासन दिवस के रूप में समायोजित था। इस संदर्भ में आचार्यश्री ने जनता को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि अनुशासन सभी के जीवन के लिए आवश्यक होती है। आदमी को स्वयं पर अनुशासन करने का प्रयास करना चाहिए, फिर दूसरों पर भी अनुशासन की बात हो सकती है। विद्यार्थियों के साथ कोई छोटा हो या बड़ा, सभी में अनुशासन होना चाहिए। निज पर शासन, फिर अनुशासन के सूत्र को आत्मसात करने का प्रयास होना चाहिए। अनुशासन को अपने जीवन में समुचित महत्त्व देने का प्रयास करना चाहिए। उपस्थित जनता को साध्वीप्रमुखाजी ने उद्बोधित किया। आज आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में सूरत के होमगार्ड्स काफी संख्या में पहुंचे हुए थे। होमगार्ड्स के आफिसर श्री सी.बी. बोहरा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी और आचार्यश्री से पावन आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री संजय बोथरा ने कार्यक्रम की जानकारी दी। आचार्यश्री ने उपस्थित होमगार्ड्स के जवानों को सद्भावना, नैतिकता की प्रेरणा देते हुए इनके संकल्प स्वीकार कराए। सौराष्ट्र से आए लोगों ने आचार्यश्री के दर्शन किए तो आचार्यश्री ने राजकोट में वर्धमान महोत्सव करने की घोषणा की। बेंगलुरु से समागत श्री माणकचंद संचेती ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। बेंगलुरु ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी प्रस्तुति दी तथा ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने गीत का संगान किया। आचार्यश्री ने सभी को मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
डा. मोहन भागवत ने कहा कि विश्व में भारत की प्रतिष्ठा देश के सबल होने से है….सतीश चन्द लुणावत, जिला संवाददाता अजमेर, Key Line Times *गांव, बस्ती, परिवार तक अच्छे आचरण का संदेश लेकर जाना है: डॉ मोहन भागवत* *पंच परिवर्तन से हर घर और हर बस्ती में परिवर्तन दिखाई दे: डॉ मोहन भागवत* *राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाराँ नगर का स्वयंसेवक एकत्रीकरण सम्पन्न* बांरा सतीशचंद लुणावत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाराँ नगर का स्वयंसेवक एकत्रीकरण शनिवार सायं कृषि उपज मण्डी में आयोजित हुआ। प्रवास के तीसरे दिन संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि स्वयंसेवक का बस्ती में सर्वत्र संपर्क हो। समाज को संबल देकर बस्ती के अभावो को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। समाज में सामाजिक समरसता, सामाजिक न्याय, सामाजिक आरोग्य, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन के लिए आग्रह रहना चाहिए। स्वयंसेवक गतिविधि कार्य में भी सक्रिय रहे। समाज की छोटी इकाई परिवार में समरसता-सद्भावना, पर्यावरण, कुटुम्ब प्रबोधन, स्वदेशी एवं नागरिक बोध को सहज बना सकते है। जीवन में छोटी-छोटी बातों को आचरण में लाने से समाज एवं राष्ट्र की उन्नति में बड़ा योगदान दिया जा सकता है। उन्होने कहा कि हिन्दु समाज को अपनी सुरक्षा के लिए भाषा, जाति, प्रांत के भेद व विवाद मिटाकर संगठित होना होगा। समाज ऐसा हो जहां संगठन, सद्भावना एवं आत्मीयता का व्यवहार हो। समाज में आचरण का अनुशासन, राज्य के प्रति कर्तव्य एवं ध्येय निष्ठ होने का गुण आवश्यक है। मैं व मेरा परिवार मात्र से समाज नहीं बनता, बल्कि हमें समाज की सर्वांगीण चिंता से अपने जीवन में भगवान को प्राप्त करना है। उन्होने कहा कि संघ कार्य यंत्रवत नहीं, बल्कि विचार आधारित है। संघ कार्य की तुलना योग्य कार्य विश्व में नहीं है। उपमा के तौर पर सागर सागर जैसा है, गगन गगन जैसा है, वैसा ही संघ भी संघ जैसा ही है। संघ की किसी से तुलना नहीं हो सकती। संघ से संस्कार गटनायक में जाते है, गटनायक से स्वयंसेवक और स्वयंसेवक से परिवार तक जाते है। परिवार से मिलकर समाज बनता है। संघ में व्यक्ति निर्माण की यही पद्धति है। डॉ मोहन भागवत ने कहा कि विश्व में भारत की प्रतिष्ठा अपने देश के सबल होने से है। सबल राष्ट्र के प्रवासियों की सुरक्षा भी तब ही जब उनका राष्ट्र सबल है। वरना निर्बल राष्ट्र के प्रवासियो को देश छोड़ने के आदेश दे दिये जाते है। भारत का बड़ा होना प्रत्येक नागरिक के लिए भी उतना ही आवश्यक है। उन्होने कहा कि भारत हिन्दू राष्ट्र है। प्राचीन समय से हम यहा रहते आये है, भले हिन्दू नाम बाद में आया। यहां रहने वाले भारत के सभी पंथो के लिए हिन्दु प्रयोग हुआ। हिन्दू जो सबको अपना मानते है और सबको स्वीकार करते है। हिन्दु कहता है हम भी सही और तुम भी अपनी जगह सही। आपस में निरंतर संवाद करते हुए सद्भाव से रहे। मंच पर सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत के साथ, राजस्थान क्षेत्र संघचालक डॉ रमेश अग्रवाल, चित्तौड़ प्रांत संघचालक जगदीश सिंह राणा, बाराँ विभाग संघचालक रमेश चंद मेहता और बारां जिला संघचालक वैद्य राधेश्याम गर्ग उपस्थित रहे। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के मंच पर आते ही ध्वजारोहण हुआ। सभी स्वयंसेवकों ने सामूहिक सुभाषित, अमृत वचन और गीत उच्चारण किया। स्वयंसेवक एकत्रीकरण कार्यक्रम में अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरूण जैन, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश चन्द्र, वरिष्ठ प्रचारक राजेन्द्र, क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, क्षेत्र सेवा प्रमुख शिव लहरी सहभागी रहे। विभाग कार्यवाह ने प्रतिवेदन रखा। नगर कार्यवाह ने मंचासीन अतिथियों का विस्तृत परिचय करवाया। सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत के उद्बोधन के पूर्व नगर के स्वयंसेवक ने काव्यगीत “मैं जग में संघ बसाऊ” का गायन किया। उद्बोधन के पश्चात प्रार्थना हुई और शाखा विकीर हुई। नगर एकत्रीकरण में 3827 स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
पूष्कर के जिलाधिकारी ने कहा कि जनसुनवाई करें, निश्चित समय में काम हों…..सतीश चन्द लुणावत, जिला संवाददाता अजमेर, Key Line Times. राजस्थान, पुष्कर में उपखण्ड कार्यालय, मेला ग्राउण्ड एवं अन्नपूर्णा रसोई का निरिक्षण अजमेर, 5 अक्टूबर। जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आमजन को राहत देने के लिए नियमित जनसुनवाई करें एवं तय समयावधि में काम हो। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करें। लम्बित प्रकरणों का त्वरित एवं तार्किक निस्तारण करें। जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने शनिवार शाम को पुष्कर में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय, मेला ग्राउंड एवं अन्नपूर्णा रसोई का निरीक्षण किया। जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप आमजन को राहत देने के लिए पूरी गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करें। उनकी समस्याओं को सुनकर तय समय सीमा में राहत प्रदान करें। अधिकारी नियमित एवं निश्चित समय पर जन सुनवाई करें ताकि आमजन अपनी समस्याएं उन्हें बता सके। जन सुनवाई में प्राप्त परिवादों को तार्किक समाधान हो। विभिन्न स्तर के राजस्व न्यायालयों में जितने वाद एवं प्रकरण लम्बित हैं, उनका समयबद्ध निराकरण किया जाए। जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने उपखण्ड अधिकारी से उपखण्ड स्तर पर पेंडेंसी के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कार्यालय में प्राप्त होने वाले परिवादों के निस्तारण के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कार्यालय की विभिन्न शाखाओं का भी निरीक्षण कर कार्यप्रणाली की जानकारी ली। उन्होंने रिकॉर्ड भी चैक किया। उन्होंने राजस्व सम्बन्धी कामकाज, परिवादों का निस्तारण के बारे में जानकारी ली। जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि समस्याएं लेकर आने वाले शहरी व ग्रामीण नागरिकों की परिवेदना पर तुरन्त एक्शन हो, उन्हें राहत मिले। जिला कलक्टर ने मेला ग्राउंड का निरीक्षण कर नवम्बर में आयोजित होने वाले अन्र्तराष्ट्रीय श्री पुष्कर पशु मेला 2024 की तैयारियों पर चर्चा की। नवीन मेला मैदान में पशुपालकों को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं के बारे में अधिकारियों के साथ चर्चा की। ब्रह्मा मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही लिफ्ट कार्य का निरीक्षण भी किया। जिला कलक्टर ने होलीका चौक स्थित अन्नपूर्णा रसोई का निरीक्षण कर भोजन की गुणवत्ता, साफ-सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने निर्देश दिए कि भोजन में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी श्री गौरव मित्तल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
सिख समाज द्वारा सहज सेवा के अंतर्गत 239 बॉलपेन वितरित किये गए….. बिजयनगर सतीशचंद लुणावत,जिला संवाददाता अजमेर, Key Line Times सिख समाज द्वारा ध्यान में रखते हुए सहज सेवा के अंतर्गत महात्मा गांधी गवर्नमेंट स्कूल इंग्लिश स्कूल कृषि मंडी बिजयनगर जिला ब्यावर में विद्यार्थियों को 239 बॉल पेन वितरित की गई। इस अवसर पर बिजयनगर अमरजीत सिंह ने अरदास कर इस सेवा की शुरुवात की और इस सेवा में सिख समाज पूर्व पार्षद गुरुभेज सिंह टुटेजा, राजन सिंह टुटेजा, रामस्वरूप दाधीच,आलोक पवार, संदेश मेवाड़ा ,राजवीर सिंह राठौड़ ,सुमन सिंह चौहान, रजत कुमावत, रवि राजपुरोहित, कुलदीप सिंह शेखावत,अंकित दाधीच,सौरभ राजपुरोहित, नवनीत सिंह टुटेजा अपना योगदान दे रहे हैं पूर्व पार्षद गुरुभेज सिंह टुटेजा ने बताया कि यह सेवा अनवरत जारी रहेगी !
*भारत विकास परिषद मुख्य शाखा एवम् विवेकानंद शाखा का भारत को जानो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया* *8 छात्र प्रांत स्तरीय प्रतियोगिता मे दोनो शाखाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे* बिजयनगर सतीशचंद लुणावत भारत विकास परिषद मुख्य शाखा एवम् विवेकानंद शाखा का शाखा स्तरीय भारत को जानो प्रतियोगिता का द्वितीय चरण कार्यक्रम प्रश्न मंच का आयोजन महेश शिक्षा सदन संजय नगर रोड विजयनगर में किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत मां भारती एवम् स्वामी विवेकानंद की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्जावलन कर वंदे मातरम गायन के साथ किया गया । कार्यक्रम में दोनो शाखाओं की कुल 25 टीमों ने भाग लिया , इनमे से वरिष्ठ वर्ग में राजकीय उ मा विद्यालय सथाना बाजार विजयनगर के टीकम लोहार तथा मोहित सोनी एवम् राज उ मा विद्यालय बाड़ी के गौरव जांगिड़ तथा निर्मल गुजर की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी तरह कनिष्ठ वर्ग में राज उ. मा. विद्यालय बाड़ी के लक्की जांगिड़ तथा कुलदीप ने एवम संजीवनी उ मा विद्यालय की हिमानी साहू तथा शशि सिखवाल की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। उक्त 8 छात्रो को परितोषिक रूप में चांदी के सिक्के एवम् प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।उक्त 8 छात्र 20 अक्टूबर 2024 को अजमेर में होने वाली प्रांत स्तरीय प्रतियोगिता मे दोनो शाखाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। शेष सभी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र एवम् पेन प्रदान कर उत्साह वर्धन किया गया। कार्यक्रम पूर्णरूपेण डिजिटल माध्यम से भीलवाड़ा से आए टीम सदस्य श्री पंकज जी अग्रवाल एवम् आदित्यजी व्यास द्वारा संपन्न करवाया गया। कार्यक्रम में परिषद परिवार से शाखा प्रभारी के डी मिश्रा, प्रांतीय संरक्षक रतन लाल नाहर, जिला सचिव जितेंद्र पीपाड़ा ,दिनेश कोगटा ,सत्य नारायण जोशी , बृजेश बाल्दी, विमल भंसाली , ज्ञान चन्द नाहर,प्रहलाद रायसिंघानी, डी सी जैन , लक्ष्मण लाल शर्मा , बुद्धिप्रकाश पारीक ,वीर चंद जैन ,वैभव गर्ग प्रीतेश बडोला एवम् अन्य सदस्य उपस्थित थे ।
मुमुक्षु करुणा जी गुलेछा का करा बहुमान आनंद भवन मे …… सतीशचंद लुणावत,जिला संवाददाता अजमेर, Key Line Times ब्यावर, साधूमार्गि जैन संघ के आचार्य श्री रामेश व उपाध्याय प्रवर श्री राजेश मुनि जी म सा की महती कृपा से भीलवाड़ा शिखर महोत्सव के दौरान एक साथ 5 दीक्षा होगी। .आचार्य रामेश के मुखारविंद से 7 अक्टूबर को होने वाली एक साथ 5 दीक्षा मे से मुमुक्षु सुश्री करुणा जी सुपुत्री ऊषा हीरालाल गुलेछा के ब्यावर आगमन पर साधुमार्गी जैन संघ,समता महिला मंडल व समता युवा संघ ब्यावर द्वारा मेवाडी गेट स्थित आनंद भवन मे आये मुमुक्षु का साल माला पहनाकर बहुमान किया गया इस दौरान महिला मंडल ने मुमुक्षु के वीर माता पिता उषा हीरालाल का बहुमान करा गया। इस अवसर पर अध्यक्ष विनय रांका,पारसमल खेतपालिया,भंवर लाल औस्तवाल, उपाध्यक्ष गोतम चौधरी,रविन्द्र मकाणा, चंदूरांका,अशौक बडौला, अंकुश बोहरा, शांति लाल कुकडा, मनीष बंट, विजय औस्तवाल, कैलाश खीचा,हुक्मीचंद औस्तवाल, पंकज डागा,अध्यक्ष प्रवीण बडौला, महिला मंडल की अध्यक्ष आशा बाबेल, रूची कोठारी, मधु मेहता, रिद्धि बोहरा,अनु गुलेछा, किरणमुथा,प्रिति मुथा,सिमा डेढिया,शीलू बोहरा सम्मेत श्रावक श्राविकाओं ने सभी का अथितियों का स्वागत सत्कार किया गया। (यह लेंगे दीक्षा) 1. मुमुक्षु भाई श्री वीरांश जी पितलिया, हैदराबाद 2. मुमुक्षु श्रीमती संगीता जी पितलिया, हैदराबाद 3. मुमुक्षु बहिन सुश्री करुणा जी गुलेच्छा, केतु 4. मुमुक्षु बहिन सुश्री जिया जी कोठारी, बैंगलौर 5. मुमुक्षु बहिन सुश्री काजल जी नाहटा, अतरिया रोड़ प्रवचन पांडाल राजकीय प्राथमिक विद्यालय के पास गेट नं 33, आर. सी. व्यास कालोनी(धान्धोलाई) भीलवाड़ा (राज) में दीक्षा का कार्यक्रम होगा।
शांतिदूत की मंगल सन्निधि में पहुंचे भारत सरकार के कानून एवं न्याय राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल…सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत (गुजरात) , डायमण्ड सिटि व सिल्क सिटि सूरत को आध्यात्मिक नगरी के रूप में स्थापित कर रहे जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु की भारी भीड़ उमड़ रही है तो दूसरी ओर आए दिन कोई न कोई विशिष्ट व्यक्तित्व भी आचार्यश्री के दर्शनार्थ उपस्थित होते हैं। गुजरात के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, शिक्षामंत्री, भारत के जलशक्ति मंत्री आदि-आदि अनेक विशिष्ट लोगों के साथ अनेक संप्रदायों के सर्वोच्च गुुरु भी उपस्थित हो रहे हैं। इनकी उपस्थिति इस चतुर्मास प्रवास को और अधिक वैशिष्ट्य प्रदान कर रही है। नवरात्र के आध्यात्मिक अनुष्ठान व अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के दौरान शनिवार को शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में भारत सरकार के कानून एवं न्याय तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री तथा जैन विश्व भारती मान्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री अर्जुनराम मेघवाल भी उपस्थित हुए। उन्होंने आचार्यश्री के दर्शन किया। साथ आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में आज एनसीसी के सैंकड़ों कैडेट भी अपने मेजर के साथ उपस्थित हुए और आचार्यश्री से नशामुक्ति का संकल्प स्वीकार किया। नित्य की भांति शनिवार को महावीर समवसरण में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी का मंगल पदार्पण हुआ। आचार्यश्री ने चतुर्विध धर्मसंघ को आध्यात्मिक अनुष्ठान के अंतर्गत मंत्रों का जप कराया। लगभग आधे घंटे के इस क्रम में मानों पूरा महावीर समवसरण एक तपोस्थली की भांति प्रतीत हो रही थी। उपस्थित जनता को ‘आयारो’ आगम के माध्यम से युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि आदमी के जीवन में भोजन का भी महत्त्व होता है। शरीर को टिकाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन भी चाहिए। यह जीवन की प्रथम कोटि की आवश्यकताएं हैं। इन तीनों में पहला स्थान हवा का है, दूसरा स्थान जल का और तीसरा स्थान भोजन का है। भोजन किए बिना तो कितने तपस्वी महीने-दो महीने से भी अधिक समय तक रह जाते हैं तो उनका जीवन चलता रहता है। आहार के बिना तो कई महीनों तक मानव जिंदा रह सकता है। जल मानों मानव जीवन के लिए ज्यादा जरूरी है। पानी के बिना ज्यादा लम्बे समय तक जीवित रहना कठिन है। पानी से ज्यादा महत्त्वपूर्ण हवा होती है। हवा न हो तो आदमी श्वास नहीं ले तो कुछ ही मिनट में मृत्यु को प्राप्त हो सकता है। प्रथम कोटि की आवश्यकताओं में हवा उत्कृष्ट, पानी मध्यम और भोजन जघन्य रूप की आवश्यकता होती है। दूसरे कोटि की आवश्यकताओं में देखें तो तन ढकने के कपड़ा और रहने के लिए मकान की आवश्यकता होती है। कितने दिगम्बर मुनि और अन्य परंपराओं के कितने मुनि बिना वस्त्रों के जीवन जीते हैं। मकान नहीं होता है तो भी फुटपाथ और वृक्षों के नीचे रहकर भी जीवन चलाया जा सकता है। तीसरे कोटि की आवश्यकता में शिक्षा और चिकित्सा होती है। इस प्रकार जीवन की इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मानव कई बार चिंतित हो सकता है और दुःखी भी हो सकते हैं। आयारो में बताया गया कि जो वीर होते हैं, वो रूखा-सुखा खाकर भी जीवित रह जाते हैं। आदमी को भोजन चाहिए, सात्विक भोजन की आवश्कता है, किन्तु कई बार आदमी ऐसी चीजों को खा लेता है, जो जीवन को नुक्सान पहुंचाने वाली होती हैं। जैसे मानव जीवन के लिए जल कितना आवश्यक है, लेकिन आदमी शराब पीने लग जाता है। शराब, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी आदि जो शरीर के लिए अहितकर होती है, उसका आसेवन करने लगता है। शाकाहार से काम चलता है तो फिर भोजन मासांहार क्यों शामिल किया जाए। जैन परंपरा में नॉनवेज को निषेध किया गया है। जीवन में नशामुक्ति की बात भी है। अणुव्रत आन्दोलन का एक सूत्र है नशामुक्ति। आचार्यश्री तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन का शुभारम्भ किया था। आज अर्जुनरामजी मेघवाल जी आए हैं। भारत सरकार के मंत्री हैं, अणुव्रत से भी जुड़े हुए हैं और हमारे जैन विश्व भारती मान्य विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। ये इतने बार आ चुके हैं, मानों हमारे बहुत अच्छे परिचित हैं। मानों परिवार के सदस्य की भांति हैं। गुरुदेव तुलसी के समय ये विद्यार्थी के रूप में थे, तब से इनका लगाव रहा है। प्राकृत भाषा को क्लासिकल भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। हमारे शास्त्रों की भाषा प्राकृत, अर्धमागधि में है। संस्कृत, प्राकृत आदि में निर्मित ग्रंथों में इतने गूढ़ रहस्य हैं कि विज्ञान के लिए भी काम आ जाते हैं। ग्रंथों और पंथों का लाभ जनता को मिले। राजनीति भी सेवा बहुत बड़ा माध्यम है। अणुव्रत की अनेक संस्थाएं हैं, इनमें अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी अणुव्रत के कार्यों के लिए जिम्मेवार संस्था है। अभी अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह भी चल रहा है। आज पांचवा दिन है। अणुव्रत का जितना प्रचार-प्रसार हो सके, इसका प्रयास हो। आचार्यश्री ने समुपस्थित एन.सी.सी. के कैडेटों को प्रेरणा देते हुए ड्रग्स और ड्रिंकिंग न करने प्रतिज्ञा करने का आह्वान किया तो एन.सी.सी. के कैडेटों ने सहर्ष संकल्प स्वीकार किया। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का पांचवा दिन नशामुक्ति दिवस के रूप में समायोजित हुआ। श्री राजेश सुराणा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। एन.सी.सी. की मेजर अरुधंति शाह ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि आज के अवसर पर मैं आचार्यश्री महाश्रमणजी को प्रणाम करती हूं। नशामुक्ति आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है। जैन धर्म को वैज्ञानिक धर्म माना गया है। यहां पर मानव जीवन के विभिन्न समस्याओं का समाधान हो सकता है। आज दुनिया डेटा में फंस गयी है तो उसे सप्ताह में एक दिन डेटा का भी उपवास करे, ऐसा प्रयास होना चाहिए। एलिवेट के कार्य से जुड़े मुनि अभिजितकुमारजी ने अपनी विचाराभिव्यक्ति दी। अणुव्रत समिति-सूरत के अध्यक्ष श्री विमल लोढ़ा ने अपनी अभिव्यक्ति दी। उपस्थित जनता को आज के अवसर पर साध्वीप्रमुखाजी ने भी उद्बोधित किया। भारत सरकार के कानून एवं न्याय तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में पहुंचे और आचार्यश्री को वंदन कर पावन आशीर्वाद प्राप्त करने के उपरान्त अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हुए कहा कि मैं आचार्यश्री महाश्रमणजी को प्रणाम करता हूं। आज अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत नशामुक्ति दिवस है, उस संदर्भ में कहना चाहूंगा कि नशामुक्ति के लिए अणुव्रत एक्सप्रेस में कार्य किया जा सकता है। एन.सी.सी. जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व होता है। आचार्यश्री तुलसी ने अपने से अपना अनुशासन करने की प्रेरणा दी। नॉनवेज छोड़कर सात्विक हो जाएं तो विचारों में कितनी उन्नति हो जाएगी। आचार्यश्री जो आशीर्वाद बरसाया, मेरे लिए बहुत ही प्रेरणास्पद रही है। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के अध्यक्ष श्री अविनाश नाहर ने भी अपनी भावाभिव्यक्ति दी। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति-सूरत की ओर से चतुर्मास के लिए स्थान प्रदान करने वाले वालों को सम्मानित करने का उपक्रम रहा, जिसमें भगवान महावीर युनिवर्सिटि परिवार, श्री विट्ठलभाई परेवियार परिवार, श्री राजेश-तनसुख आहिर परिवार, श्री किरणभाई पटेल परिवार, श्री मोहनभाई छिवंका भाई पटेल परिवार, श्री जयप्रकाश खानचंदजी आसवानी परिवार, श्री शंकरलाल मारवाड़ी परिवार, श्री जीवन केवलभाई पटेल परिवार, श्री रविन्द्रभाई पटेल परिवार, श्री मनीष, महेन्द्र, मुकुल देसाई परिवार, श्री मोहनभाई मोंजानी परिवार, श्री संजयभाई पटेल परिवार, श्री विनीत रणजीतसिंह सुराणा, श्री हिरणभाई देसाई परिवार, श्री अमितभाई देसाई परिवार, श्री दिवेश, मनहर परमार परिवार, चीफ फायर आफिसर श्री बसंतभाई पारिख, जोन आफिसर अठवा जोन श्रीमती मिताबेन गांधी परिवार, भाजपा-सूरत के महामंत्री श्री किशोर बिंदल को सम्मानित किया गया। इस संदर्भ में आचार्यश्री ने पावन आशीर्वाद प्रदान किया। इस कार्यक्रम का संचालन चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के महामंत्री श्री नानालाल राठौड़ ने किया।