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November 1, 2025

Key line times

Key Line Times राष्ट्रीय हिंदी पाक्षिक समाचार पत्र है जो राजधानी दिल्ली से प्रकाशित होता है एंव भारत सरकार के सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आर.एन.आई. से रजिस्ट्रड है। इसका आर.एन.आई.न. DELHIN/2017/72528 है। यह समाचार पत्र 2017 से लगातार प्रकाशित हो रहा है।
नगर पालिका बिजयनगर द्वारा नवरात्र एवं दशहरे के पावन अवसर पर भव्य ऐतिहासिक कार्यक्रमों का आयोजन…. बिजयनगर सतीशचंद लुणावत संवाददाता, Key Line Times. नगर...
नगर पालिका बिजयनगर द्वारा नवरात्र एवं दशहरे के पावन अवसर पर भव्य ऐतिहासिक कार्यक्रमों का आयोजन…. बिजयनगर सतीशचंद लुणावत संवाददाता, Key Line Times. नगर पालिका विजयनगर द्वारा 10 से 12 अक्टूबर 2024 के मध्य इंद्रा मंच प्रांगण में विभिन्न भव्य और ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे *10 अक्टूबर 2024 को शाम 6:15 बजे से इंद्रा मंच प्रांगण* में एक *भव्य सांस्कृतिक संध्या* का आयोजन होगा, जिसमें प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय भजन गायक जॉन अजमेरी, प्रवीण प्रजापत, नाथूलाल राजस्थानी, बॉलीवुड एंकर शिवानी (मुंबई), और जीरो ग्रेविटी ग्रुप (मुंबई) अपनी रंगारंग प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। इसके साथ ही, *11 अक्टूबर 2024 को विशाल सामूहिक गरबा नृत्य* का आयोजन किया जाएगा। इस गरबा महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय गरबा सिंगर *आशा वैष्णव* और *सवाई भाट* अपने सुरों से समां बांधेंगे। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अनीता मेवाड़ा ने नगरवासियों से आग्रह किया है कि वे अपने परिवार सहित इस गरबा महोत्सव में शामिल हों और इसे ऐतिहासिक बनाएं। 12 अक्टूबर 2024 को इंद्रा मंच प्रांगण में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के विशालकाय पुतलों का भव्य दहन किया जाएगा। रावण का पुतला 51 फीट ऊंचा होगा, जबकि कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले 41-41 फीट ऊंचे होंगे। इस अवसर पर *भव्य इलेक्ट्रॉनिक ग्रीन आतिशबाजी* का आयोजन भी किया जाएगा, जो कार्यक्रम को और भी आकर्षक बनाएगी। इसके साथ ही, विभिन्न राज्यों के प्रतिष्ठित समूहों द्वारा मनमोहक झांकियों का प्रदर्शन होगा। मुंबई, दिल्ली, मथुरा-वृंदावन और हिमाचल से आए समूह इन झांकियों की प्रस्तुतियां देंगे। *नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अनीता मेवाड़ा ने सभी नागरिकों, माताओं और बहनों से अनुरोध किया है कि वे इन आयोजनों में अपनी उपस्थिति देकर इन्हें सफल और ऐतिहासिक बनाएं।*

नगर पालिका बिजयनगर द्वारा नवरात्र एवं दशहरे के पावन अवसर पर भव्य ऐतिहासिक कार्यक्रमों का आयोजन…. बिजयनगर सतीशचंद लुणावत संवाददाता, Key Line Times. नगर पालिका विजयनगर द्वारा 10 से 12 अक्टूबर 2024 के मध्य इंद्रा मंच प्रांगण में विभिन्न भव्य और ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे *10 अक्टूबर 2024 को शाम 6:15 बजे से इंद्रा मंच प्रांगण* में एक *भव्य सांस्कृतिक संध्या* का आयोजन होगा, जिसमें प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय भजन गायक जॉन अजमेरी, प्रवीण प्रजापत, नाथूलाल राजस्थानी, बॉलीवुड एंकर शिवानी (मुंबई), और जीरो ग्रेविटी ग्रुप (मुंबई) अपनी रंगारंग प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। इसके साथ ही, *11 अक्टूबर 2024 को विशाल सामूहिक गरबा नृत्य* का आयोजन किया जाएगा। इस गरबा महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय गरबा सिंगर *आशा वैष्णव* और *सवाई भाट* अपने सुरों से समां बांधेंगे। नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अनीता मेवाड़ा ने नगरवासियों से आग्रह किया है कि वे अपने परिवार सहित इस गरबा महोत्सव में शामिल हों और इसे ऐतिहासिक बनाएं। 12 अक्टूबर 2024 को इंद्रा मंच प्रांगण में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के विशालकाय पुतलों का भव्य दहन किया जाएगा। रावण का पुतला 51 फीट ऊंचा होगा, जबकि कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले 41-41 फीट ऊंचे होंगे। इस अवसर पर *भव्य इलेक्ट्रॉनिक ग्रीन आतिशबाजी* का आयोजन भी किया जाएगा, जो कार्यक्रम को और भी आकर्षक बनाएगी। इसके साथ ही, विभिन्न राज्यों के प्रतिष्ठित समूहों द्वारा मनमोहक झांकियों का प्रदर्शन होगा। मुंबई, दिल्ली, मथुरा-वृंदावन और हिमाचल से आए समूह इन झांकियों की प्रस्तुतियां देंगे। *नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अनीता मेवाड़ा ने सभी नागरिकों, माताओं और बहनों से अनुरोध किया है कि वे इन आयोजनों में अपनी उपस्थिति देकर इन्हें सफल और ऐतिहासिक बनाएं।*

जैन समुदाय ने जताया प्रधानमंत्री का आभार…..सतीश चंद लुणावत, जिला संवाददाता अजमेर, Key Line Times. *केंद्र सरकार द्वारा प्राकृत भाषा शास्त्रीय भाषा घोषित* जयपुर सतीशचंद लुणावत प्राकृत भाषा भारत की एक प्राचीन भाषा है जिससे भारत की अन्यान्य भाषाओं और बोलियों का जन्म हुआ है । इस भाषा में हजारों की संख्या में जैन आगम लिखे गए जो लगभग 2000 वर्ष से भी ज्यादा प्राचीन हैं । प्राकृत भाषा के विद्वानों और राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् की पिछले कई वर्षों से मांग थी कि इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा सरकार द्वारा दिया जाय ताकि इस भाषा का संरक्षण और संवर्धन किया जा सके । विद्वानों और राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के अनुरोध को स्वीकारते हुए भारत सरकार ने प्राकृत भाषा को शास्त्रीय दर्जा प्रदान करने की घोषणा कर अल्पसंख्यक वर्ग के जैन समुदाय को तोहफा प्रदान किया है । इसके साथ साथ उन्होंने पाली,असमिया,मराठी,बंगला भाषा को भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नेतृत्व वाली सरकार ने आरंभ से ही भारतीय भाषाओं के संरक्षण की मुहिम छेड़ रखी है । नई शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं को प्रमुखता प्रदान की गई है तथा अन्यान्य अनेक निर्णय इस पक्ष में लिए गए है । प्राकृत भाषा में ही प्रकाशित होने वाली प्रथम पत्रिका पागद – भासा के संपादक प्रो अनेकांत कुमार जैन ने बताया कि प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अनुरोध किया जा सकेगा कि वह केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शास्त्रीय भाषाओं के लिए व्यावसायिक पीठें बनाए और शास्त्रीय भाषाओं के प्राचीन ग्रंथों के संरक्षण, दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण के लिए रोजगार पैदा होगे l इस अवसर पर राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने बताया की प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से कई फायदे होगे खास तौर पर अकादमिक और शोध के क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर पैदा होगे और शास्त्रीय भाषाओं के प्रतिष्ठित विद्वानों के लिए हर साल दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाएंगे तथा शास्त्रीय भाषाओं के अध्ययन के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे l राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के पदाधिकारियों और प्रो अनेकांत कुमार जैन ने भारत सरकार द्वारा प्राकृत भाषा शास्त्रीय भाषा घोषित करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,अल्पसंख्यक कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन,राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, उपाध्यक्ष एवं राजस्थान प्रभारी केरसी कैखुशरु देबू,सदस्य धन्य कुमार जिनप्पा गुंडे,रिनचेन लम्हो ,सैयद शहजादी का आभार प्रकट करते हुए उनका इस कार्य के लिए धन्यवाद ज्ञापित है ।

जैन समुदाय ने जताया प्रधानमंत्री का आभार…..सतीश चंद लुणावत, जिला संवाददाता अजमेर, Key Line Times. *केंद्र सरकार द्वारा प्राकृत भाषा शास्त्रीय भाषा घोषित* जयपुर सतीशचंद लुणावत प्राकृत भाषा भारत की एक प्राचीन भाषा है जिससे भारत की अन्यान्य भाषाओं और बोलियों का जन्म हुआ है । इस भाषा में हजारों की संख्या में जैन आगम लिखे गए जो लगभग 2000 वर्ष से भी ज्यादा प्राचीन हैं । प्राकृत भाषा के विद्वानों और राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् की पिछले कई वर्षों से मांग थी कि इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा सरकार द्वारा दिया जाय ताकि इस भाषा का संरक्षण और संवर्धन किया जा सके । विद्वानों और राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के अनुरोध को स्वीकारते हुए भारत सरकार ने प्राकृत भाषा को शास्त्रीय दर्जा प्रदान करने की घोषणा कर अल्पसंख्यक वर्ग के जैन समुदाय को तोहफा प्रदान किया है । इसके साथ साथ उन्होंने पाली,असमिया,मराठी,बंगला भाषा को भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नेतृत्व वाली सरकार ने आरंभ से ही भारतीय भाषाओं के संरक्षण की मुहिम छेड़ रखी है । नई शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं को प्रमुखता प्रदान की गई है तथा अन्यान्य अनेक निर्णय इस पक्ष में लिए गए है । प्राकृत भाषा में ही प्रकाशित होने वाली प्रथम पत्रिका पागद – भासा के संपादक प्रो अनेकांत कुमार जैन ने बताया कि प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से अनुरोध किया जा सकेगा कि वह केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शास्त्रीय भाषाओं के लिए व्यावसायिक पीठें बनाए और शास्त्रीय भाषाओं के प्राचीन ग्रंथों के संरक्षण, दस्तावेजीकरण और डिजिटलीकरण के लिए रोजगार पैदा होगे l इस अवसर पर राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने बताया की प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से कई फायदे होगे खास तौर पर अकादमिक और शोध के क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर पैदा होगे और शास्त्रीय भाषाओं के प्रतिष्ठित विद्वानों के लिए हर साल दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाएंगे तथा शास्त्रीय भाषाओं के अध्ययन के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे l राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के पदाधिकारियों और प्रो अनेकांत कुमार जैन ने भारत सरकार द्वारा प्राकृत भाषा शास्त्रीय भाषा घोषित करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,अल्पसंख्यक कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन,राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, उपाध्यक्ष एवं राजस्थान प्रभारी केरसी कैखुशरु देबू,सदस्य धन्य कुमार जिनप्पा गुंडे,रिनचेन लम्हो ,सैयद शहजादी का आभार प्रकट करते हुए उनका इस कार्य के लिए धन्यवाद ज्ञापित है ।

संथारा साधिका श्रीमती सरोज जी टांटिया..कुसुम लुनिया, Key Line Times. संघ व संघपति के प्रति पूर्ण समर्पित उपासिका श्रीमती सरोज टांटिया नें मात्र 64 वर्ष की आयु में उच्च भावों से अमेरिका में संथारा स्वीकार करके आत्मकल्याण के पथ पर आगे बढी हैं, कुल पर कलश चढाया है।नये इतिहास का सृजन किया है। आचार्य श्री महाश्रमण की शिष्या समणी समत्व प्रभा जी एवं समणी अभय प्रभा जी ने श्रीमती सरोज टांटिया को गुरू आज्ञा से पुरे परिवार की सहमति से 6-10-2024 अमेरिका के समय अनुसार दोपहर 1 बजकर 13 मिनट ( अमेरिकन समय EST) पर चौविहार प्रत्याख्यान करवाया है ( जीवन भर के लिए अन्न जल ग्रहण करने का परित्याग )। जैन तेरापंथ के तत्वज्ञ श्रावक श्री धनराज जी टांटिया टमकोर निवासी व बैंगलार तथा अमेरिका प्रवासी , की धर्मपत्नि सरोज स्व दीपचन्द जी जीवणी देवी टांटिया की पुत्र वधु एवं स्व. रिद्धकरण जी लक्ष्मी देवी बैद की सुपुत्री हैं। साध्वी शशिप्रभा जी आपकी संसारपक्षीय भाभीजी महाराज हैं जो फलसुंड में विराजित साध्वी श्री सत्यवती के साथ हैं। श्रीमती सरोज टांटिया तत्वज्ञ श्राविका है जो बैगलोर – विजयनगर महिलामंडल की संस्थापक अध्यक्षा रही।धनराज जी और आपके सम्मिलित प्रयासों से 25 वर्षो तक ज्ञानशाला का सुचारू संचालन विजयनगर -बैगलोर स्थित आपके निवास में होता रहा। जब विजयनगर सभा भवन बना तब वंहा ज्ञानशाला शिफ्ट हुई तब भी प्रशिक्षिका के रूप में लगातार सेवाएं देती रहीं। 6 वर्ष पूर्व अकस्मात पता चला कि केंसर की बीमारी लास्ट स्टेज में है, बैंगलोर में ईलाज चला लेकिन बीमारी कन्ट्रोल नहीं हुई तब अमेरिका के डेलोवर स्टेट के बेर टॉउन में सुपुत्र नीरज लेकर आगया। पुत्रवधु आशा भी चित्तसमाधि में सहायक रही। अभी 5 दिन पहले तबियत बिगड गयी , संभवतः उन्हे अहसास होगया था कि अब अन्तिम समय नजदीक आगया है। आपने पुरी चैतन्य अवस्था में संलेखना प्रारम्भ कर दिया शनिवार को चौविहार उपवास किया और रविवार को उच्च भावों चौविहार संथारा स्वीकारा। ऐसी महान श्राविका के संथारा तप की बहुत बहुत अनुमोदना करते हैं, सुख साता पुछते हैं और बारम्बार खमत खावणा करते हैं 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Contact श्री धनराज टांटिया +91 8553229925

संथारा साधिका श्रीमती सरोज जी टांटिया..कुसुम लुनिया, Key Line Times. संघ व संघपति के प्रति पूर्ण समर्पित उपासिका श्रीमती सरोज टांटिया नें मात्र 64 वर्ष की आयु में उच्च भावों से अमेरिका में संथारा स्वीकार करके आत्मकल्याण के पथ पर आगे बढी हैं, कुल पर कलश चढाया है।नये इतिहास का सृजन किया है। आचार्य श्री महाश्रमण की शिष्या समणी समत्व प्रभा जी एवं समणी अभय प्रभा जी ने श्रीमती सरोज टांटिया को गुरू आज्ञा से पुरे परिवार की सहमति से 6-10-2024 अमेरिका के समय अनुसार दोपहर 1 बजकर 13 मिनट ( अमेरिकन समय EST) पर चौविहार प्रत्याख्यान करवाया है ( जीवन भर के लिए अन्न जल ग्रहण करने का परित्याग )। जैन तेरापंथ के तत्वज्ञ श्रावक श्री धनराज जी टांटिया टमकोर निवासी व बैंगलार तथा अमेरिका प्रवासी , की धर्मपत्नि सरोज स्व दीपचन्द जी जीवणी देवी टांटिया की पुत्र वधु एवं स्व. रिद्धकरण जी लक्ष्मी देवी बैद की सुपुत्री हैं। साध्वी शशिप्रभा जी आपकी संसारपक्षीय भाभीजी महाराज हैं जो फलसुंड में विराजित साध्वी श्री सत्यवती के साथ हैं। श्रीमती सरोज टांटिया तत्वज्ञ श्राविका है जो बैगलोर – विजयनगर महिलामंडल की संस्थापक अध्यक्षा रही।धनराज जी और आपके सम्मिलित प्रयासों से 25 वर्षो तक ज्ञानशाला का सुचारू संचालन विजयनगर -बैगलोर स्थित आपके निवास में होता रहा। जब विजयनगर सभा भवन बना तब वंहा ज्ञानशाला शिफ्ट हुई तब भी प्रशिक्षिका के रूप में लगातार सेवाएं देती रहीं। 6 वर्ष पूर्व अकस्मात पता चला कि केंसर की बीमारी लास्ट स्टेज में है, बैंगलोर में ईलाज चला लेकिन बीमारी कन्ट्रोल नहीं हुई तब अमेरिका के डेलोवर स्टेट के बेर टॉउन में सुपुत्र नीरज लेकर आगया। पुत्रवधु आशा भी चित्तसमाधि में सहायक रही। अभी 5 दिन पहले तबियत बिगड गयी , संभवतः उन्हे अहसास होगया था कि अब अन्तिम समय नजदीक आगया है। आपने पुरी चैतन्य अवस्था में संलेखना प्रारम्भ कर दिया शनिवार को चौविहार उपवास किया और रविवार को उच्च भावों चौविहार संथारा स्वीकारा। ऐसी महान श्राविका के संथारा तप की बहुत बहुत अनुमोदना करते हैं, सुख साता पुछते हैं और बारम्बार खमत खावणा करते हैं 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Contact श्री धनराज टांटिया +91 8553229925

14 अक्टूबर को दत्तोपंत ठेंगड़ी की पुण्यतिथि सामाजिक समरसता दिवस के रूप में भारतीय मजदूर संघ मनाएगा…. ब्यावर सतीशचंद लुणावत,जिला संवाददाता, Key Line Times ब्यावर 06 अक्टूबर रविवार को भारतीय मजदूर संघ की मासिक बैठक संपन्न हुई जिसमें आगामी सामाजिक समरसता दिवस को लेकर चर्चा की गई जिला मंत्री दिलीप कुमार जांगिड़ ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ अपने प्रमुख पर्वों में सामाजिक समरसता दिवस को हर वर्ष मुख्य रूप से मनाता है । समरसता दिवस भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक श्रधेय दतोपंत जी ठेंगड़ी की पुण्य तिथि को भारतीय मजदूर संघ सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि हम सब भारतीय हैं विविधता में एकता हमारा नारा है यहां किसी प्रकार का कोई जाति बंधन नहीं है हमारे संगठन में जात-पात का भेदभाव नहीं है हम सभी भारतवासी है पूर्व में त्रेता युग में भगवान श्री राम ने शबरी के झूठे बेर खाए थे इस प्रकार हमारा देश हमारे शास्त्र यही बताते हैं हम सब एक हैं भारतीय मजदूर संघ हर वर्ष यह पर्व शोषित पीड़ित वंचित जन के बीच में जाकर उनसे वार्ता कर उनके भोजन का प्रबंध के रूप में मनाता है। इस कार्यक्रम को मनाने के लिए संयोजक आदित्य गहलोत (विद्युत संघ )को एवं सहसंयोजक अजीत सिंह( सीमेंट संघ ) को बनाया गया है कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ ब्यावर जिला अध्यक्ष गोपाल सिंह ने की । मीटिंग में भारतीय मजदूर संघ की इकाइयों से विद्युत विभाग, श्री सीमेंट, अंबुजा सीमेंट, बांगड़ सीमेंट, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेम्पो यूनियन, टैक्सी यूनियन, नगर परिषद सफाई कर्मचारी संघ, पेंटर, बिल्डिंग, बारदाना, विश्वकर्मा काष्ठ कला संघ के पदाधिकारी उपस्थित हुए संरक्षक दिलीप सेन अध्यक्ष गोपाल सिंह जिला मंत्री दिलीप कुमार जांगिड़ भारतीय मजदूर संघ ब्यावर शंकर सिंह, मन्ना राम चौधरी ,गोपाल दास गोयर, दिलीप टांक, अजीत सिंह , राजेन्द्र कुमार चौहान, सोहन सिंह ,आदित्य गहलोत, रामकुवार,भूपेन्द्र सिंह राठौड़, सुरेश आदि रहे।

14 अक्टूबर को दत्तोपंत ठेंगड़ी की पुण्यतिथि सामाजिक समरसता दिवस के रूप में भारतीय मजदूर संघ मनाएगा…. ब्यावर सतीशचंद लुणावत,जिला संवाददाता, Key Line Times ब्यावर 06 अक्टूबर रविवार को भारतीय मजदूर संघ की मासिक बैठक संपन्न हुई जिसमें आगामी सामाजिक समरसता दिवस को लेकर चर्चा की गई जिला मंत्री दिलीप कुमार जांगिड़ ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ अपने प्रमुख पर्वों में सामाजिक समरसता दिवस को हर वर्ष मुख्य रूप से मनाता है । समरसता दिवस भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक श्रधेय दतोपंत जी ठेंगड़ी की पुण्य तिथि को भारतीय मजदूर संघ सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि हम सब भारतीय हैं विविधता में एकता हमारा नारा है यहां किसी प्रकार का कोई जाति बंधन नहीं है हमारे संगठन में जात-पात का भेदभाव नहीं है हम सभी भारतवासी है पूर्व में त्रेता युग में भगवान श्री राम ने शबरी के झूठे बेर खाए थे इस प्रकार हमारा देश हमारे शास्त्र यही बताते हैं हम सब एक हैं भारतीय मजदूर संघ हर वर्ष यह पर्व शोषित पीड़ित वंचित जन के बीच में जाकर उनसे वार्ता कर उनके भोजन का प्रबंध के रूप में मनाता है। इस कार्यक्रम को मनाने के लिए संयोजक आदित्य गहलोत (विद्युत संघ )को एवं सहसंयोजक अजीत सिंह( सीमेंट संघ ) को बनाया गया है कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ ब्यावर जिला अध्यक्ष गोपाल सिंह ने की । मीटिंग में भारतीय मजदूर संघ की इकाइयों से विद्युत विभाग, श्री सीमेंट, अंबुजा सीमेंट, बांगड़ सीमेंट, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेम्पो यूनियन, टैक्सी यूनियन, नगर परिषद सफाई कर्मचारी संघ, पेंटर, बिल्डिंग, बारदाना, विश्वकर्मा काष्ठ कला संघ के पदाधिकारी उपस्थित हुए संरक्षक दिलीप सेन अध्यक्ष गोपाल सिंह जिला मंत्री दिलीप कुमार जांगिड़ भारतीय मजदूर संघ ब्यावर शंकर सिंह, मन्ना राम चौधरी ,गोपाल दास गोयर, दिलीप टांक, अजीत सिंह , राजेन्द्र कुमार चौहान, सोहन सिंह ,आदित्य गहलोत, रामकुवार,भूपेन्द्र सिंह राठौड़, सुरेश आदि रहे।

सेवा भारती समिति एवं नवरात्रि नवयुवक मंडल के तत्वावधान में कन्या पूजन किया गया….. बिजयनगर सतीशचंद लुणावत,जिला संवाददाता अजमेर राजस्थान, Key Line Times सेवा भारती समिति बिजयनगर के द्वारा भव्य पूजन कार्यक्रम नवरात्रि नवयुवक मित्र मंडल शिवाजी नगर के संयुक्त तत्वाधान में गरबा पाण्डाल इंदिरा कॉलोनी में किया गया जिसमें विधि विधान से 80 से अधिक मातृस्वरूपा कन्याओं का पूजन हुआ । विदित है कि सेवा भारती ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कन्या पूजन किया।समिति सदस्यों, बस्ती के 7 जोड़ो व उपस्तिथ प्रबुद्धजनों-मातृ शक्ति ने सर्वप्रथम कन्याओं के पैर धुलवाकर उनके रोली कुमकुम का तिलक कर चुनरी भेंट की ।उनका मुँह मीठा करवाकर उपहार दिया गया।पूजन के अंत मे महा आरती का आयोजन किया गया जिसमे प्रत्येक उपस्थित बंधु व भृगनी ने सामूहिक आरती कर माँ दुर्गास्वरूपा कन्याओं की आराधना की। अंत मे उपस्थित सभी को प्रसाद का वितरण किया गया।पूजन में 200 से अधिक बस्ती वासी उपस्तिथ थे।इसप्रकार का पुनीत कार्य पहली बार भव्य रूप में पाण्डाल में किया गया।जिसकी बस्तीवासियों ने भूरी भूरी प्रसंशा की है।पूजन में सेवा भारती के लोकेश वर्मा,लक्ष्मण लाल शर्मा,सूर्यप्रकाश बगेरवाल , सतीश मेघवाल,विश्वेश्वर शर्मा,ज्ञानदेव व्यास,कैलाश बैरवा,पूजा शर्मा ने कार्यक्रम में सहयोग करवाया।कार्यक्रम के अंत मे नवरात्रि नवयुवक मित्र मंडल द्वारा सभी समिति सदस्यों का उपरणा भेट कर अभिनंदन किया गया।

सेवा भारती समिति एवं नवरात्रि नवयुवक मंडल के तत्वावधान में कन्या पूजन किया गया….. बिजयनगर सतीशचंद लुणावत,जिला संवाददाता अजमेर राजस्थान, Key Line Times सेवा भारती समिति बिजयनगर के द्वारा भव्य पूजन कार्यक्रम नवरात्रि नवयुवक मित्र मंडल शिवाजी नगर के संयुक्त तत्वाधान में गरबा पाण्डाल इंदिरा कॉलोनी में किया गया जिसमें विधि विधान से 80 से अधिक मातृस्वरूपा कन्याओं का पूजन हुआ । विदित है कि सेवा भारती ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कन्या पूजन किया।समिति सदस्यों, बस्ती के 7 जोड़ो व उपस्तिथ प्रबुद्धजनों-मातृ शक्ति ने सर्वप्रथम कन्याओं के पैर धुलवाकर उनके रोली कुमकुम का तिलक कर चुनरी भेंट की ।उनका मुँह मीठा करवाकर उपहार दिया गया।पूजन के अंत मे महा आरती का आयोजन किया गया जिसमे प्रत्येक उपस्थित बंधु व भृगनी ने सामूहिक आरती कर माँ दुर्गास्वरूपा कन्याओं की आराधना की। अंत मे उपस्थित सभी को प्रसाद का वितरण किया गया।पूजन में 200 से अधिक बस्ती वासी उपस्तिथ थे।इसप्रकार का पुनीत कार्य पहली बार भव्य रूप में पाण्डाल में किया गया।जिसकी बस्तीवासियों ने भूरी भूरी प्रसंशा की है।पूजन में सेवा भारती के लोकेश वर्मा,लक्ष्मण लाल शर्मा,सूर्यप्रकाश बगेरवाल , सतीश मेघवाल,विश्वेश्वर शर्मा,ज्ञानदेव व्यास,कैलाश बैरवा,पूजा शर्मा ने कार्यक्रम में सहयोग करवाया।कार्यक्रम के अंत मे नवरात्रि नवयुवक मित्र मंडल द्वारा सभी समिति सदस्यों का उपरणा भेट कर अभिनंदन किया गया।

नवरात्रि पर्व के पर दुर्गा वाहिनी ने निकाला पथ संचलन ….सतीश चंद लुणावत, जिला संवाददाता अजमेर बिजयनगर दुर्गा वाहिनी सदस्याओं ने श्वेत वस्त्र व केसरिया साफा व दुपट्टा ओढ़े परिवेश में शस्त्रो के साथ पथ संचलन निकाला । विश्व हिन्दू परिषद व मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी प्रखंड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दुर्गा वाहिनी पथ संचलन का शुभारंभ तेजा चौक स्थित त्रिवेणी माताजी मंदिर से शुरू हुआ। पथ संचलन मुख्य मार्गों से होकर होटल एन चंद्रा पहुंचा। पथ संचलन में मातारानी की झांकियो के साथ निकाला । इस संचलन में दुर्गा वाहिनी की अतिथि के रुप में पालिकाध्यक्ष अनिता मेवाड़ा, समाजसेवी आशीष सांड, बाड़ी माताजी तीर्थ धाम की मुख्य उपासिका कृष्णा टाक थे। दुर्गा वाहिनी सदस्याओं ने भारतीय मातृशक्ति का जज्बा प्रदर्शित करते हुए दुर्गा वाहिनी सदस्याओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई। इस दौरान दुर्गा वाहिनी विभाग की अजमेर विभाग संयोजिका पूजा साहू, क्षेत्रीय संयोजिका अभिलाषा यादव, प्रखंड संयोजिका तमन्ना, विश्व हिन्दू परिषद के जिला उपाध्यक्ष धनराज कांवड़या, प्रखंड अध्यक्ष अरुण शर्मा, महेन्द्र शर्मा, रुपसिंह, किशन सिंह के अलावा दुर्गा वाहिनी की मधु चौहान, अन्नपूर्णा चौहान, योगिता शर्मा, गवरी देवी, देवकी तोलानी, वंदना, गीता सोनगरा सहित अन्य सदस्याओं ने हिस्सा लिया।

नवरात्रि पर्व के पर दुर्गा वाहिनी ने निकाला पथ संचलन ….सतीश चंद लुणावत, जिला संवाददाता अजमेर बिजयनगर दुर्गा वाहिनी सदस्याओं ने श्वेत वस्त्र व केसरिया साफा व दुपट्टा ओढ़े परिवेश में शस्त्रो के साथ पथ संचलन निकाला । विश्व हिन्दू परिषद व मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी प्रखंड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दुर्गा वाहिनी पथ संचलन का शुभारंभ तेजा चौक स्थित त्रिवेणी माताजी मंदिर से शुरू हुआ। पथ संचलन मुख्य मार्गों से होकर होटल एन चंद्रा पहुंचा। पथ संचलन में मातारानी की झांकियो के साथ निकाला । इस संचलन में दुर्गा वाहिनी की अतिथि के रुप में पालिकाध्यक्ष अनिता मेवाड़ा, समाजसेवी आशीष सांड, बाड़ी माताजी तीर्थ धाम की मुख्य उपासिका कृष्णा टाक थे। दुर्गा वाहिनी सदस्याओं ने भारतीय मातृशक्ति का जज्बा प्रदर्शित करते हुए दुर्गा वाहिनी सदस्याओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई। इस दौरान दुर्गा वाहिनी विभाग की अजमेर विभाग संयोजिका पूजा साहू, क्षेत्रीय संयोजिका अभिलाषा यादव, प्रखंड संयोजिका तमन्ना, विश्व हिन्दू परिषद के जिला उपाध्यक्ष धनराज कांवड़या, प्रखंड अध्यक्ष अरुण शर्मा, महेन्द्र शर्मा, रुपसिंह, किशन सिंह के अलावा दुर्गा वाहिनी की मधु चौहान, अन्नपूर्णा चौहान, योगिता शर्मा, गवरी देवी, देवकी तोलानी, वंदना, गीता सोनगरा सहित अन्य सदस्याओं ने हिस्सा लिया।

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का अन्तिम दिन मनाया गया जीवनविज्ञान दिवस के रूप में…. कुसुम लुनिया 7-10-2024 शाहदरा, दिल्ली अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा उद्घोषित, अणुव्रत विश्व भारती द्वारा निर्देशित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अन्तिम दिन जीवन विज्ञान दिवस पर विचार व्यक्त करते हुए विदुषी साध्वी श्री संगीत श्री जी ने कहा कि जीवन विज्ञान के रूप में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने मानवता की जडों को सिंचन का अभिनव प्रयोग दिया। आचार- विचार- संस्कार के परिष्कार की परिकल्पना प्रस्तुत की।इस के द्वारा अणुव्रत के छोटे छोटे नियमों से संकल्पित होकर, प्रेक्षाध्यान से दिमाग को प्रशिक्षित करके विधार्थियों का सर्वागींण विकास किया जा सकता है।इस प्रकार जीवन विज्ञान जीवन जीने की कला है । आगम वाचन करते हुए आपने कहा कि अणुव्रत की मूल आत्मा संयम है। संयम की साधना बहुत उपयोगी होती है, हम संयम किसका करें? आहार का, विचारों का ,चलने का, फिरने का, बोलने का और अब तो मोबायल उपयोग काभी संयम जरूरी है।शाहदरा सभा के चातुर्मास स्थल ओसवाल भवन विवेक विहार में श्रद्धालुओं को अनुष्ठान के पश्चात साध्वीश्री जी के इन विचारो से परीषद पल्लवित हो गई। साध्वी श्री कमलविभा जी ने कहा कि कलापूर्ण जीवन जीने का नाम ही जीवन विज्ञान है। सभी क्रियाएं हमारे मस्तिष्क से संचालित होती है। रीजनिंग मांइड बुद्धि का विकास करता है और इमोशनल माईडं चरित्र को शुद्ध करता है।जीवन में सफलता पाने के लिए दोनो मस्तिष्क का संतुलन आवश्यक है। जीवन विज्ञान हमारी शारीरिक मानसिक व भावनात्मक विकास का महत्वपूर्ण उपक्रम है। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह की राष्ट्रीय संयोजिका डॉ कुसुम लुनिया ने इस अवसर पर बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अविनाश जी नाहर एवं महामंत्री श्री भीखम सुराणा के मार्गदर्शन में सहसंयोजकों के सहयोग और अणुव्रत कार्यकर्ताओ के समर्पण से भारत और नेपाल में सैकडों स्थानो पर हजारों कार्यकर्ताओं ने अपने श्रम का सफल नियोजन किया और लाखों लोग लाभान्वित हुए और विगत छह दिनों का सफल आयोजन हुआ। डॉ. लुनिया ने आगे बताया कि जीवन विज्ञान एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से बच्चों का भावनात्मक पक्ष मजबूत करके उनके सर्वागींण व्यक्तित्व विकास का मार्ग प्रशस्त किया जासकता है।आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा विकसित इस विधा का अणुविभा के जीवन विज्ञान विभाग के पास पुरा कोर्स बना हुआ है।सैंकडों सर्टिफाई प्रशिक्षक हैं, इनके द्वारा हजारों विधालयों व लाखों विधार्थियों मे सफल प्रयोग हो रहे हैं। इस अवसर जैन श्वे. तेरापंथ सभा शाहदरा अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंघी, मंत्री श्री सुरेश भंसाली, सहमंत्री श्री महेन्द्र चोरडिया ,ओसवाल समाज के अध्यक्ष श्री आनन्द बुच्चा एवं भारतभूषण जी सिंघल की विशेष उपस्थिति रही। विशेष ज्ञातव्य रहे कि साध्वीश्री संगीत श्री जी, साध्वीश्री शान्तिप्रभाजी, साध्वीश्री कमल विभाजी और साध्वीश्री मुदिताश्री जी चारो साध्वियां वर्षो से संयम आधारित एकान्तर तप का प्रयोग करते हुए जनता को प्रतिबोधित कर रही हैं।

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का अन्तिम दिन मनाया गया जीवनविज्ञान दिवस के रूप में…. कुसुम लुनिया 7-10-2024 शाहदरा, दिल्ली अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी द्वारा उद्घोषित, अणुव्रत विश्व भारती द्वारा निर्देशित अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अन्तिम दिन जीवन विज्ञान दिवस पर विचार व्यक्त करते हुए विदुषी साध्वी श्री संगीत श्री जी ने कहा कि जीवन विज्ञान के रूप में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने मानवता की जडों को सिंचन का अभिनव प्रयोग दिया। आचार- विचार- संस्कार के परिष्कार की परिकल्पना प्रस्तुत की।इस के द्वारा अणुव्रत के छोटे छोटे नियमों से संकल्पित होकर, प्रेक्षाध्यान से दिमाग को प्रशिक्षित करके विधार्थियों का सर्वागींण विकास किया जा सकता है।इस प्रकार जीवन विज्ञान जीवन जीने की कला है । आगम वाचन करते हुए आपने कहा कि अणुव्रत की मूल आत्मा संयम है। संयम की साधना बहुत उपयोगी होती है, हम संयम किसका करें? आहार का, विचारों का ,चलने का, फिरने का, बोलने का और अब तो मोबायल उपयोग काभी संयम जरूरी है।शाहदरा सभा के चातुर्मास स्थल ओसवाल भवन विवेक विहार में श्रद्धालुओं को अनुष्ठान के पश्चात साध्वीश्री जी के इन विचारो से परीषद पल्लवित हो गई। साध्वी श्री कमलविभा जी ने कहा कि कलापूर्ण जीवन जीने का नाम ही जीवन विज्ञान है। सभी क्रियाएं हमारे मस्तिष्क से संचालित होती है। रीजनिंग मांइड बुद्धि का विकास करता है और इमोशनल माईडं चरित्र को शुद्ध करता है।जीवन में सफलता पाने के लिए दोनो मस्तिष्क का संतुलन आवश्यक है। जीवन विज्ञान हमारी शारीरिक मानसिक व भावनात्मक विकास का महत्वपूर्ण उपक्रम है। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह की राष्ट्रीय संयोजिका डॉ कुसुम लुनिया ने इस अवसर पर बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अविनाश जी नाहर एवं महामंत्री श्री भीखम सुराणा के मार्गदर्शन में सहसंयोजकों के सहयोग और अणुव्रत कार्यकर्ताओ के समर्पण से भारत और नेपाल में सैकडों स्थानो पर हजारों कार्यकर्ताओं ने अपने श्रम का सफल नियोजन किया और लाखों लोग लाभान्वित हुए और विगत छह दिनों का सफल आयोजन हुआ। डॉ. लुनिया ने आगे बताया कि जीवन विज्ञान एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से बच्चों का भावनात्मक पक्ष मजबूत करके उनके सर्वागींण व्यक्तित्व विकास का मार्ग प्रशस्त किया जासकता है।आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा विकसित इस विधा का अणुविभा के जीवन विज्ञान विभाग के पास पुरा कोर्स बना हुआ है।सैंकडों सर्टिफाई प्रशिक्षक हैं, इनके द्वारा हजारों विधालयों व लाखों विधार्थियों मे सफल प्रयोग हो रहे हैं। इस अवसर जैन श्वे. तेरापंथ सभा शाहदरा अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंघी, मंत्री श्री सुरेश भंसाली, सहमंत्री श्री महेन्द्र चोरडिया ,ओसवाल समाज के अध्यक्ष श्री आनन्द बुच्चा एवं भारतभूषण जी सिंघल की विशेष उपस्थिति रही। विशेष ज्ञातव्य रहे कि साध्वीश्री संगीत श्री जी, साध्वीश्री शान्तिप्रभाजी, साध्वीश्री कमल विभाजी और साध्वीश्री मुदिताश्री जी चारो साध्वियां वर्षो से संयम आधारित एकान्तर तप का प्रयोग करते हुए जनता को प्रतिबोधित कर रही हैं।

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का अंतिम दिन जीवन विज्ञान दिवस के रूप में समायोजित….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत (गुजरात) , गुजरात राज्य के औद्योगिक शहर सूरत में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता, अहिंसा यात्रा प्रणेता, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी का चतुर्मास अब भले ही पूर्णता की ओर अग्रसर हो रहा है, किन्तु सूरतवासियों की भक्तिभावना और मानों प्रबलता को प्राप्त हो रही है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु सूर्योदय से पूर्व ही अपने आराध्य की निकट सन्निधि में उपस्थित होकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं, जो क्रम देर रात तक चलता रहता है। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से संघबद्ध रूप में अभी भी दर्शनार्थियों के आने का तांता लगा हुआ है। वर्तमान में पूरे विश्व में शक्ति की आराधना का महापर्व नवरात्र प्रारम्भ तो आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में आध्यात्मिक अनुष्ठान का क्रम गतिमान है। इस क्रम में सोमवार को भी युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी महावीर समवरण में उपस्थित भक्तिमान श्रद्धालु जनता को अपनी अमृतवाणी का रसपान कराने से पूर्व आध्यात्मिक अनुष्ठान से जोड़ा, जो क्रम लगभग आधे घंटे तक चला। तदुपरान्त अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने समुपस्थित जनता को पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि आयारो आगम में बताया गया है कि तुच्छ कौन होता है? जो नीच, हल्का अथवा जिसमें कमी होती है, वह तुच्छ होता है। जिस गृहस्थ के पास धन का अभाव होता है, वह तुच्छ हो सकता है तो दूसरी ओर जिस साधु में साधना की कमी होती है, वह तुच्छ हो सकता है। जो तुच्छ होता है, वह बोलने में भी ग्लानि का अनुभव करता है। तीर्थंकरों की आज्ञा का पालन नहीं करने वाला साधु तुच्छता की श्रेणी में आ जाता है। आचार का पालन करने वाले साधु की वाणी में भी मानों साधना मुखर होती है। ज्ञानी और साधक होना बहुत अच्छी बात होती है। इसके लिए यहां प्रेरणा दी गयी कि जीवन में सम्यक् ज्ञान के साथ सम्यक् आचार भी हो तो विशेष बात हो सकती है। ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप रूपी चतुरंगी मार्ग है, जिसे तीर्थंकरों ने प्राप्त किया है। ज्ञान से जानता है, दर्शन से श्रद्धा करता है, चारित्र से कर्मों का निग्रह करता है और तप से विशोधि करता है। सम्यक् ज्ञान, सम्यक् दर्शन, सम्यक् चारित्र मोक्ष का मार्ग है। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतिम दिन उपस्थित जनता को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि हमारे गुरुदेव आचार्यश्री तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन का शुभारम्भ किया था। उसका पचहत्तरवां वर्ष भी मना लिया गया है। आज अंतिम दिन जीवन विज्ञान दिवस के समायोजित है। यह शिक्षा जगत के लिए है। शिक्षा में ज्ञान बढे तो यह तो अच्छी बात होती ही है, इसके शिक्षा संस्कारों से युक्त हो तो बहुत ही सुन्दर बात हो सकती है। जीवन कैसे जीना, श्वास कैसे लेना, चलना, बोलना, बैठना, व्यवहार करना आदि सभी में कलात्मक रूप में हो। विद्यार्थियों में भाव और विचार अच्छे हों, इसका प्रयास हो। जीवन सादगी और संयम से युक्त हो। सद्विचार और सदाचार जीवन में आ गया तो जीवन का विज्ञान जीवन में आ सकता है। आचार्यश्री ने समुपस्थित विद्यार्थियों को सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति की प्रेरणा देते हुए इनके संकल्प भी स्वीकार कराई। आचार्यश्री ने विद्यार्थियों को महाप्राण ध्वनि का प्रयोग कराया। आचार्यश्री ने समुपस्थित मुनि भव्यकीर्तिसागरजी को साधना का अच्छा क्रम चलाने की प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में चल रहे प्रेक्षाध्यान शिविर के समापन कार्यक्रम भी समायोजित हुआ। इसमें श्री सुनील गुलगुलिया, श्रीमती श्वेता पीपाड़ा व श्रीमती रेणु नाहटा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। इस संदर्भ में आचार्यश्री ने पावन आशीर्वाद प्रदान किया। जीवन विज्ञान दिवस के संदर्भ में उपस्थित विद्यार्थियों जीवन विज्ञान गीत का संगान किया। श्री संजय बोथरा ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के सातदिवसीय कार्यक्रम की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत किया। अणुव्रत समिति-सूरत के अध्यक्ष श्री विमल लोढ़ा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। भगवान महावीर इण्टरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने अपनी विभिन्न प्रस्तुतियां दीं। भगवान महावीर युनिवर्सिटि के प्रेसिडेंट श्री संजय जैन तथा अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के अध्यक्ष श्री अविनाश नाहर ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी।

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का अंतिम दिन जीवन विज्ञान दिवस के रूप में समायोजित….सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times वेसु, सूरत (गुजरात) , गुजरात राज्य के औद्योगिक शहर सूरत में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता, अहिंसा यात्रा प्रणेता, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी का चतुर्मास अब भले ही पूर्णता की ओर अग्रसर हो रहा है, किन्तु सूरतवासियों की भक्तिभावना और मानों प्रबलता को प्राप्त हो रही है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु सूर्योदय से पूर्व ही अपने आराध्य की निकट सन्निधि में उपस्थित होकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं, जो क्रम देर रात तक चलता रहता है। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से संघबद्ध रूप में अभी भी दर्शनार्थियों के आने का तांता लगा हुआ है। वर्तमान में पूरे विश्व में शक्ति की आराधना का महापर्व नवरात्र प्रारम्भ तो आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में आध्यात्मिक अनुष्ठान का क्रम गतिमान है। इस क्रम में सोमवार को भी युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी महावीर समवरण में उपस्थित भक्तिमान श्रद्धालु जनता को अपनी अमृतवाणी का रसपान कराने से पूर्व आध्यात्मिक अनुष्ठान से जोड़ा, जो क्रम लगभग आधे घंटे तक चला। तदुपरान्त अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने समुपस्थित जनता को पावन प्रतिबोध प्रदान करते हुए कहा कि आयारो आगम में बताया गया है कि तुच्छ कौन होता है? जो नीच, हल्का अथवा जिसमें कमी होती है, वह तुच्छ होता है। जिस गृहस्थ के पास धन का अभाव होता है, वह तुच्छ हो सकता है तो दूसरी ओर जिस साधु में साधना की कमी होती है, वह तुच्छ हो सकता है। जो तुच्छ होता है, वह बोलने में भी ग्लानि का अनुभव करता है। तीर्थंकरों की आज्ञा का पालन नहीं करने वाला साधु तुच्छता की श्रेणी में आ जाता है। आचार का पालन करने वाले साधु की वाणी में भी मानों साधना मुखर होती है। ज्ञानी और साधक होना बहुत अच्छी बात होती है। इसके लिए यहां प्रेरणा दी गयी कि जीवन में सम्यक् ज्ञान के साथ सम्यक् आचार भी हो तो विशेष बात हो सकती है। ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप रूपी चतुरंगी मार्ग है, जिसे तीर्थंकरों ने प्राप्त किया है। ज्ञान से जानता है, दर्शन से श्रद्धा करता है, चारित्र से कर्मों का निग्रह करता है और तप से विशोधि करता है। सम्यक् ज्ञान, सम्यक् दर्शन, सम्यक् चारित्र मोक्ष का मार्ग है। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतिम दिन उपस्थित जनता को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि हमारे गुरुदेव आचार्यश्री तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन का शुभारम्भ किया था। उसका पचहत्तरवां वर्ष भी मना लिया गया है। आज अंतिम दिन जीवन विज्ञान दिवस के समायोजित है। यह शिक्षा जगत के लिए है। शिक्षा में ज्ञान बढे तो यह तो अच्छी बात होती ही है, इसके शिक्षा संस्कारों से युक्त हो तो बहुत ही सुन्दर बात हो सकती है। जीवन कैसे जीना, श्वास कैसे लेना, चलना, बोलना, बैठना, व्यवहार करना आदि सभी में कलात्मक रूप में हो। विद्यार्थियों में भाव और विचार अच्छे हों, इसका प्रयास हो। जीवन सादगी और संयम से युक्त हो। सद्विचार और सदाचार जीवन में आ गया तो जीवन का विज्ञान जीवन में आ सकता है। आचार्यश्री ने समुपस्थित विद्यार्थियों को सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति की प्रेरणा देते हुए इनके संकल्प भी स्वीकार कराई। आचार्यश्री ने विद्यार्थियों को महाप्राण ध्वनि का प्रयोग कराया। आचार्यश्री ने समुपस्थित मुनि भव्यकीर्तिसागरजी को साधना का अच्छा क्रम चलाने की प्रेरणा प्रदान की। आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में चल रहे प्रेक्षाध्यान शिविर के समापन कार्यक्रम भी समायोजित हुआ। इसमें श्री सुनील गुलगुलिया, श्रीमती श्वेता पीपाड़ा व श्रीमती रेणु नाहटा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। इस संदर्भ में आचार्यश्री ने पावन आशीर्वाद प्रदान किया। जीवन विज्ञान दिवस के संदर्भ में उपस्थित विद्यार्थियों जीवन विज्ञान गीत का संगान किया। श्री संजय बोथरा ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के सातदिवसीय कार्यक्रम की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत किया। अणुव्रत समिति-सूरत के अध्यक्ष श्री विमल लोढ़ा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। भगवान महावीर इण्टरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने अपनी विभिन्न प्रस्तुतियां दीं। भगवान महावीर युनिवर्सिटि के प्रेसिडेंट श्री संजय जैन तथा अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के अध्यक्ष श्री अविनाश नाहर ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी।

शेरगढ़ मुख्यालय पर किसान कौम के आराध्य लोकदेवता वीर तेजाजी महाराज की नव निर्मित मूर्ति अनावरण…..मदाराम,जिला संवाददाता जोधपुर, Key Line Times शेरगढ, शेरगढ मे वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम के उपलक्ष में 12 अक्टूबर की शाम को आयोजित एक शाम वीर तेजाजी महाराज के नाम भजन संध्या व 13 अक्टूबर की सुबह मूर्ति अनावरण कार्यक्रम का पोस्टर विमोचन रालोपा सुप्रीमों व नागौर सांसद आदरणीय हनुमान जी बेनीवाल के नागौर उनके कर कमलों से किया गया|इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजन कमेटी के सदस्यों ने नेताजी को कार्यक्रम में पधारने का निमंत्रण दिया जो उन्होनें सहर्ष स्वीकार करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित होने का भरोसा दिलाया|

शेरगढ़ मुख्यालय पर किसान कौम के आराध्य लोकदेवता वीर तेजाजी महाराज की नव निर्मित मूर्ति अनावरण…..मदाराम,जिला संवाददाता जोधपुर, Key Line Times शेरगढ, शेरगढ मे वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम के उपलक्ष में 12 अक्टूबर की शाम को आयोजित एक शाम वीर तेजाजी महाराज के नाम भजन संध्या व 13 अक्टूबर की सुबह मूर्ति अनावरण कार्यक्रम का पोस्टर विमोचन रालोपा सुप्रीमों व नागौर सांसद आदरणीय हनुमान जी बेनीवाल के नागौर उनके कर कमलों से किया गया|इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजन कमेटी के सदस्यों ने नेताजी को कार्यक्रम में पधारने का निमंत्रण दिया जो उन्होनें सहर्ष स्वीकार करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित होने का भरोसा दिलाया|

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