




गुरु दर्शन कर हुब्बली पधारे, संघ के लाभार्थि परिवार,
पूज्य माताश्री स्व: सुरजदेवी, पिताश्री स्वं : किशनलालजी बागचार, के स्मृति में गुरु दर्शन यात्रा,
हुब्बली, कर्नाटक,
जैन तेरापंथ सभा हुब्बली के तत्वाधान में युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी दर्शनाथ घोड़बंदर मुंबई दर्शन के लिए
हुब्बली से 130 लोगों का 08/10 को एवं तेरापंथ सभा बायतु के तत्वाधान में 90 लोगों का संघ 07/10 को मुम्बई में गुरु दर्शन के लिए रवाना हुआ, हुब्बली से संघ 8 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे ट्रेन द्वारा तेरापंथ सभा के अध्यक्ष अमोलकचंद एवं उपाध्यक्ष नैनमल जी कोठारी व सभी 130 धर्म प्रेमी सदस्यों के साथ सकुशल रवाना होकर मुंबई में गुरूदेव के सानिध्य में तीन दिवसीय रहवास बहूत ही सकुशल एवं शानदार रहा।
इस बार हुब्बली एवं बायतु से इस संघ के लाभार्थी, हुब्बली जैन तेरापंथ समाज के सेवा भावी, हमारे आपके सबके चहते उद्धार ह्रदय, प्ररैणा स्रोत, हसमुख, विचारवान, धैर्यशाली, मिलनसार, शांत सरल, सहज, हुबली समाज के कर्मठ कार्यकर्ता दिनेश कुमार, मुकेश कुमार बागचार को संघपति के रुप में हुबली रेलवे स्टेशन पर एवं नंदनवन के पेडाल परिसर में समाज के सभी वरिष्ठ सद्स्यों ने मिलकर साफा, शाल एवं माला पहनाकर बागचार परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर स्वागत किया और बहुत बहुत शुभ कामनाएं दी।
मुकेश भाई आप संघ में समर्पित होकर आगे भी हमेशा धर्मलाभ लेते रहें। बायतु से तेरापंथ सभा अध्यक्ष एवं संघपति बड़े भाई राकेश बागचार रहे। हुबली रेलवे स्टेशन व्यवस्था समिति के सदस्यों एवं समाज के सभी सदस्यों ने समाज की तरफ़ से दोनों भाईयों का सम्मान बड़े ही हर्षोल्लास साफा पहनाकर एवं माला शाल पहना कर किया। बागचार परिवार ने जो रास्ते में आते जाते समय वहा तीन दिवसीय संघ में समाज के लिए व्यवस्था की सेवा दी है, वह काबिले तारीफ है, हमेशा के लिए यह एक अनोखे संघ के रुप में यादगार रहेगा, बागचार परिवार हमेशा से ही धर्म संघ के प्रति समर्पित रहा है,
संघपति को सफल और आदर्शी प्रयास के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएँ! हुब्बली से तेरापंथ समाज को गुरुदेव के दर्शन करवाने के लिए उनका संघर्ष और समर्पण सराहनीय है। उनका यह उद्देश्य समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और हम सभी को गर्व है कि आप धर्म संघ में सम्पूर्ण समर्पित हैं। पुनः संघपति को बहुत बहुत शुभकामनाएँ एवं हार्दिक हार्दिक बधाई। संघपति के साथ हुब्बली से सुरेश, सी, जैन की संघ में तीन दिवसीय विषेश उपस्थिति रही।
यह जानकारी मुनिलाल पारख ने दी ।






