


प्रवचन 5-9-23
गुरुभक्ति से मुक्ति- आचार्य विशुद्ध सागर
दिगम्बर जैनाचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ने ऋषभ सभागार मे धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि- जो गुरु सन्निधि में रहता है, गुरु आज्ञा का पालन करता है, जो गुरु उपदेशों के अनुसार जीवन जीता है, उस शिष्य को विद्यायें सिद्ध हो जाती हैं। गुरु एवं शिष्य का श्रधा- श्रद्धेय सम्बंध होता है। गुरु जहाज की तरह होते हैं, जो शिष्य को भव-समुद्र से पार लगाते हैं। संसार में कल्याण का उपदेश देने वाले गुरु ही एक शरणभूत हैं।
प्रभु की पवित्र वाणी(दिव्य-ध्वनि) सुनकर भव्य- जीव वैराग्य प्राप्त कर, आत्म-कल्याण के मार्ग पर चलते हैं। जिसे आत्म- कल्याण करना है, उसे जगत् के प्रपंचों से दूर रहना चाहिए। भजन एवं भोजन के समय व्यक्ति को अपना चित्त प्रसन्न रखना चाहिए। भोजन तथा भजन के समय उत्साह, उमंग होना चाहिए। भोजन स्वादिष्ट, मधुर, पौष्टिक, सुन्दर एवं उत्साह बढ़ाने वाला होना चाहिए। जैसा भोजन होगा, वैसा ही चित्त, चर्चा एवं चर्या होगी। भोजन से प्राणों की रक्षा होती है।
छात्र विनय का श्रृंगार करे और गुरू अभ्यास का मीठा सेवन करके आए, तो आनन्द-ही-आनन्द आता है। नारी श्रृंगार करे तो पति को प्रसन्नता होती हैं और पति बलवान हो तो नारी संतुष्ट होती है। ऐसे ही जो छात्र विनय, विवेक, लगनशील, जागरूक, अध्ययनशील होता है, तो और गुरुकुल गौरवान्वित होते हैं। लौकिक एवं पारलौकिक दो प्रकार के गुरू होते हैं। आचार्य, उपाध्याय, मुनि, अरिहंत और सिद्ध ये पंच परम- शुरु होते हैं।
विवेकपूर्वक जीवन जीना सीखो, विवेक पूर्वक क्रिया करो, विवेकपूर्वक चर्चा करो, विवेक पूर्वक चलो और विवेक पूर्वक भोजन करो। विवेक के अभाव में कोई भी कार्य सिद्ध नहीं होता है। जीवन को सुखद बनाना है, तो नैतिकतापूर्ण जीवन जीना सीखो। जैसे घर की सफाई करते हो, वैसे ही स्वयं के चित्त को स्वच्छ रखो। घर में कूड़ा-कचरा भरकर मत रखो, ऐसे ही चित्त को कषायों से मलिन मत करो। शिक्षा प्राप्त करो, शिक्षित बनो और शिक्षकों का सम्मान करो। सोच को पवित्र करो।
सभा का संचालन पंडित श्रेयांस जैन ने किया। सभा में प्रवीण जैन, विनोद जैन एडवोकेट, दिनेश जैन, वरदान जैन ,अतुल जैन, मनोज जैन, शुभम जैन ,पुनीत जैन अनुराग मोहन, अशोक जैन आदि उपस्थित थे।
मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया की आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का रविवार 10 सितंबर को, मंगल प्रवचन लोहिया बाजार में, जैन मिलन बड़ोत के सौजन्य से होगा। इसके अतिरिक्त 11 सितंबर से 15 सितंबर तक आचार्य श्री का मंगल प्रवचन शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कैनाल रोड पर होगा।
वरदान जैन मीडिया प्रभारी
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