
कमल जैन (अनोखा कवि) वरिष्ठ संवाददाता
Key Line Times
बागपत,बागपत के बडौत से बड़ी खबर सामने आई है। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की अनुमति निरस्त होने के बाद अब आयोजक पूरी तरह बैकफुट पर नज़र आ रहे हैं। प्रशासनिक कार्रवाई के बाद महोत्सव स्थल—दिगम्बर जैन महाविद्यालय के ‘ए’ फील्ड—में पंडाल से ज्वलनशील थर्मोकोल को हटाने का अभियान तेज़ी से चल रहा है। कुछ ही दिनों में शुरू होने वाले इस विशाल धार्मिक आयोजन को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया था, जिसके बाद मामलों ने तेजी से करवट ली। मालूम हो कि पंडाल निर्माण में भारी मात्रा में थर्मोकोल का उपयोग किया जा रहा था, जो आग पकड़ने में सिर्फ कुछ सेकंड लेता है। हमारी खबर के बाद उठे सवालों और प्रशासन की जांच में सामने आई गंभीर सुरक्षा चूक के बाद अनुमति रद्द कर दी गई। इसके बाद आयोजक पूरी स्थिति संभालने में जुट गए और एसडीएम से वार्ता के बाद पंडाल के अंदर लगे सभी थर्मोकोल को हटाने का निर्णय लिया गया। अब थर्मोकोल हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है, ताकि दोबारा अनुमति मिलने की संभावनाएं बनी रहें।आयोजक समिति के सदस्य पंकज जैन का कहना है कि वे प्रशासन की हर गाइडलाइन का पालन करने के लिए तैयार हैं और महोत्सव को सुरक्षित रूप से आयोजित करने के लिए आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं। वहीं सुरक्षा को लेकर प्रशासन फिलहाल बेहद सतर्क है और किसी भी तरह की लापरवाही के लिए मौके पर टीम लगातार निगरानी कर रही है। 7 से 12 दिसंबर तक प्रस्तावित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव जैन समाज का अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। समाज के लोग बीते कई महीनों से इसकी तैयारियों में जुटे हैं। अनुमति निरस्त होने से समुदाय में चिंता की लहर जरूर है, लेकिन ज्वलनशील सामग्री हटाए जाने के निर्णय के बाद स्थिति सामान्य होने की उम्मीद दिखाई दे रही है। फिलहाल पंडाल में तेज़ी से बने हालात ने सभी की निगाहें प्रशासन और आयोजकों के अगले कदम पर टिकाए रखी हैं। जैन समाज आयोजन को लेकर पूरी कोशिशों में जुटा है, जबकि सुरक्षा को लेकर प्रशासन कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।

