


बडौत,महा तपस्वी अनुत्तर सागर जी महाराज 46 वा अवतरण दिवस हर्षोल्लास से मनाया, कर चुके हैं 1850 उपवास
आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के शिष्य जैन मुनि श्री अनुत्तर सागर जी महाराज, जिनकी चर्चा आज पूरे विश्व मे हो रही है, का 46 वा अवतरण दिवस,बड़ौत नगर मे जैन श्रधालुओ द्वारा हर्षोल्लास से मनाया गया।
उपवास की साधना के लिए जैन मुनि का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज किया जा चुका है।उन्होंने 12 साल मे अभी तक 1850 उपवास किये हैं। वे उपवास जिसमे खाने की तो बात ही दूर पूरे 24 घंटे मे एक बूंद पानी भी नही लिया जाता।
मुनि श्री द्वारा,2020 मे 216 उपवास,2021 मे 226,2022 मे 256,और 2023 के बड़ौत के चातुर्मास मे 256 से अधिक उपवास का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त मुनि अनुत्तर सागर जी 1011 दिन की मौन तपस्या भी कर चुके हैं।
मुनि श्री का 3 रसों का आजीवन त्याग है।आप 9 राज्यो मे 26000 किलोमीटर की पद यात्रा कर चुके हैं और 76 से अधिक पंचकल्यानको मे अपना मंगल सानिध्य भी दे चुके हैं।मुनि श्री का जन्म भोपाल मे 6 अगस्त,1977 मे हुआ था।आपके पिता का नाम श्री जमना प्रसाद और माँ का नाम लक्ष्मी देवी जैन जी। आपने 8 नवंबर 2011 मे सागर, मध्य प्रदेश मे आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज से मुनि दीक्षा ली थी। तब से अभी तक आप निरन्तर आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के संघ मे रहकर,तप, त्याग और संयम की साधना कर रहे हैं। आपके और आचार्य विशुद्ध सागर जी संघ के चरण पड़ने से बड़ौत की धरा पवित्र हो चुकी हैं।जैन ही नही अजैनो मे भी आचार्य संघ के चातुर्मास के प्रति विशेष उत्साह है।
वरदान जैन
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