

आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई खत्म
देश मे आयकर रिटर्न भरने के अंतिम दिन 31 जुलाई को काफी संख्या मे करदाताओ ने रिटर्न भरे।आयकर विभाग की वेबसाईट मे कोई भी समस्या नही हुई और टैक्स का भुगतान भी हो गया।
इस वित्तीय वर्ष 22-23 मे करीब 6.5 करोड़ से भी ज्यादा करदाताओ ने रिटर्न भर दिये है और उनमे से करीब 5.5 करोड़ के रिर्टन आयकर विभाग ने ई-वेरिफाई भी कर दिये है।
जिन लोगो ने रिटर्न भर दिये है यदि उन्हे लगे की कुछ गलती हो गई है या रिटर्न मे कुछ छूट गया है और संशोधन करवाना है वे सभी करदाता 31 दिसम्बर तक संशोधित आयकर रिटर्न भर सकते है।
ऑडिट की श्रेणी मे आने वाले करदाताओ के लिये रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर है।
अंतिम तारीख गुजरने के बाद करदाता लेट फीस या पेनल्टी के भुगतान के साथ रिटर्न फाइल कर सकेंगे।5 लाख रु तक की आय रखने वाले 1000 रु और उससे अधिक आय वाले 5000 रु की पेनल्टी के साथ 31 दिसम्बर तक रिर्टन भर सकते है।इसके अलावा उन्हे ब्याज भी देना होगा।
पिछले वित्तीय वर्ष मे आयकर विभाग को करीब 3100 करोड़ रु के राजस्व की प्राप्ति हुई थी।इस वर्ष करीब 4000 करोड़ रु के राजस्व की प्राप्ति का अनुमान है।
आश्चर्य की बात यह है कि करीब 150 करोड़ की जनसंख्या वाले देश मे सिर्फ कुछ करोढ़ लोग ही रिटर्न भरते है जो कि 10 प्रतिशत भी नही है।कई लोग लाखो कमाते है परंतु आय का प्रमाण ना होने और दूसरे कई कारणो की वजह से कर देना तो छोड़िये सरकार की गरीबो के लिये चलाई गई योजनाओ और बीपीएल,आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाओ का लाभ ले लेते है।
नागरिको को देश के प्रति अपनी जिम्मे दारी समझकर ईमानदारी से अपना आयकर भरना होगा।सरकार इसी तरह और अन्य स्त्रोतो से प्राप्त राजस्व से देश चलाती है जिसमे रक्षा,कई तरह की योजनाए,इन्फ्रास्ट्रकचर इत्यादि शामिल है।आपातकाल मे यही रिजर्व राशि देश पर खर्च की जाति है।
कर देने वाले दाताओ मे एक बड़ा वर्ग मध्यम श्रेणी से आता है और अपनी सीमित आय का कुछ हिस्सा सरकार को कर के रुप मे देता है इसके साथ ही वह दूसरे कई तरह के कर राज्य सरकार को भी देता है।उस पर अपने परिवार,बच्चो की देखभाल,चिकित्सा,शिक्षा,मनोरंजन,शादी ब्याह इत्यादि की जिम्मेदारी होती है।
सरकार को आगे बढ़कर कर देने वाले इस विशिष्ट वर्ग के दाताओ को कुछ विशेष सुविधाए देनी चाहिये।
इस मामले मे कुछ देशो मे प्रचलित माॅडल का अनुसरण संशोधन के साथ किया जा सकता है।लोगो से सुझाव भी मांगे जा सकते है।
पंकज गुप्ता
सहा. संपादक
KLT




