सतविंदर कौर,ऐसोसिएट एडिटर (पंजाब)
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चंडीगढ़,रू-ब-रू कार्यक्रम,साहित्य विज्ञान केंद्र, चंडीगढ़ द्वारा टी.एस. सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी के सहयोग से प्रसिद्ध शायर, चिंतक और आलोचक डॉ. दविंदर सैफी जी का रू-ब-रू कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती परमजीत परम जी, डॉ. दविंदर बोहा जी, डॉ. शिंदरपाल सिंह जी, दीपक चनार्थल जी और श्री दर्शन सिंह सिद्धू जी ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत में श्री गुरु गोबिंद साहिब जी के साहिबजादों की शहादत को मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी और शुशील दुसांझ जी की माता जी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती परमजीत परम जी ने कार्यक्रम की रूपरेखा और डॉ. दविंदर सैफी जी के साहित्यिक सफर के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. अवतार सिंह पतंग जी ने छोटे साहिबजादों की शहादत और इसके कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. दविंदर सैफी जी ने अपने जीवन की कड़वी सच्चाइयों और साहित्यिक यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘मुहब्बत ने कहा’ में से दो लोकप्रिय रचनाएँ ‘श्रद्धा अंदर लिपटे बेदावे’ और ‘जो मुहब्बत नहीं करते’ बहुत खूबसूरत अंदाज़ में सुनाईं। उन्होंने कहा कि मुहब्बत सृजन का नाम है, और दुनिया जीतने के लिए हथियारों की जगह मुहब्बत के बोलों की आवश्यकता है। कार्यक्रम में दविंदर कौर ढिल्लों, सिमरजीत कौर गरेवाल, रमनदीप रमनिक और सरबजीत सिंह खमानो ने डॉ. सैफी जी की पुस्तक से सुंदर गीत प्रस्तुत किए, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा। श्रीमती हरभजन कौर ढिल्लों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए धार्मिक गीत पेश किए। दीपक चनार्थल जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम आजकल ग्रंथ पढ़ते हैं लेकिन उन्हें समझते नहीं। उन्होंने कहा कि डॉ. सैफी जी को कई बार देखा है, लेकिन समझ आज आया। उन्होंने साहित्य विज्ञान केंद्र के सभी सदस्यों को बधाई दी। डॉ. दविंदर बोहा जी ने केंद्र की पूरी टीम को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि 2024 में सभी कार्यक्रम सफल रहे हैं, लेकिन आज का कार्यक्रम सबसे अधिक सफल रहा। डॉ. शिंदरपाल जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. दविंदर सैफी जी सहजवाद काव्यधारा को विस्तार देने वाले कवि हैं। कार्यक्रम के अंत में डॉ. दविंदर सैफी जी को साहित्य विज्ञान केंद्र, चंडीगढ़ के सदस्यों द्वारा सम्मान पत्र, फुलकारी और शाल देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में गुरमेल सिंह मोजोवाल, भरपूर सिंह, लाभ सिंह लहिली, वरिंदर चट्ठा, कंवलदीप कौर, अमरजीत कौर, पाल अजनबी, भूपिंदर मलिक, राजबीर कौर, रतन बाबक वाला, किरणजीत कौर, गुरतरन सिंह, हरमिंदर कालड़ा, परमजीत सिंह, मनदीप कौर, सुखविंदर कौर, तरसेम राज, जलौर सिंह खीवा, गुलाब सिंह, चरणजीत सिंह बराड़, कमलजीत कौर, सुखविंदर मान, मदन पाल, परलाद सिंह, यतिंदर माहल, सुभाष चंद्र, हरजीत सिंह और सुखमिंदर सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन श्री दर्शन सिंह सिद्धू जी ने बखूबी किया।