
प्रसिद्ध लेखिका सतविंदर कौर जी की अनुपम कृति
आर.के.जैन,मुख्य संपादक
Key Line Times
ग़ज़ल
दिल ने दिल को पुकारा, ये कसक भी क्या चीज़ है,
इश्क़ ने आशिक़ी को पुकारा, ये धड़क भी क्या चीज़ है।
दोस्त ने दोस्ती को पुकारा, फ़ासलों में भी साथ है,
दिमाग़ ने ज़िंदगी को पुकारा, हर मोड़ पे नई बात है।
मजबूरियों ने हालात को पुकारा, फिर भी हिम्मत मुस्काई,
झूठ की कशमकश ने बुराई को पुकारा, फिर सच्चाई ही जीत आई।
हर मोड़ पे जब ढह जाती दुनिया, इंसान को इंसानियत संभाले,
सच ने दिल से इंसानियत को पुकारा, और रौशन हो गई हवाले।
शब्दों में उजाला भरने को, हर दर्द को गीत बनाने को—
आख़िर में ख़ुदा ने फिर “Satwinder Kaur” को पुकारा।
Copyright @Satwinder Kaur

