रामदेव सजनाणी, रिपोर्टर आल इंडिया
Key Line Times
जोधपुर,फूलों से सजे स्टेज, रंग बिरंगी रोशनियों और लाइट्स की चका चौंध, सजे धजे मेहमान, लजीज पकवानों और मिष्ठानो की महक और विवाह गीतों के साथ दूल्हा दुल्हन के साथ खुशी के जश्न के फोटो खिंचवाते परिजन और मित्र। अगर किसी शादी समारोह की बात करे तो यक़ीनन हमारे दिलों दिमाग में कुछ इसी तरह का नजारा सामने आता है। लेकिन इन दिनों क्षेत्र में हो रहे विवाह समारोह की तस्वीरें बिलकुल उलट है और यह मुमकिन हुआ है शिक्षको की जागरूकता पहल के कारण, जिन्होंने अब विवाह समारोह में पर्यावरण संरक्षण सहित कुरीतियों के उन्मूलन को लेकर जागरूकता की अलख जगाई है। दअरसल, शिक्षकों की टीम द्वारा विवाह समारोह सहित अन्य आयोजनों पर पर्यावरण संरक्षण सहित कुरीतियों के उन्मूलन को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसका ऐसा ही एक नज़ारा दुल्हन कोमल व दूल्हा व्याख्याता विकास ईशरवाल के विवाह समारोह में देखने को मिला। जहां शिक्षकों की टीम ने मेहमानों से नशा छोड़ने,कुरीतियों को छोड़ने,बेटी पढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण का आशीर्वाद मांगा तथा शिक्षक पर्यावरण टीम ने तांम्बे का कलश हाथ में रखकर संकल्प दिलाया। शिक्षको की इस पहल के चर्चे चारों और हो रहे है और हर कोई इसकी न सिर्फ सराहना कर रहा है बल्कि सहयोग करने का वादा भी कर रहे है।शादियों की धूम के बीच समर्पित है पर्यावरण प्रेमी शिक्षकों की टीम :शिक्षक ओमप्रकाश कानासर के नेतृत्व में शिक्षकों द्वारा जागरूकता अभियान का बस एक ही लक्ष्य है कि हमारी धरती कचरा मुक्त हो,नशा मुक्त समाज हो,जुठन मुक्त भारत हो। इन दिनों शादियों की धूम मची हुई है और शिक्षकों की यह टीम अपने जागरूकता अभियान को लेकर लगातार सक्रिय है। दुल्हन कोमल के पिता एसई हजारी राम तेतरवाल निवासी चिड़ी मोटाई तथा दूल्हे के पिता शराजस्थान प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत वरिष्ठ अधिकारी किसनाराम ईशरवाल निवासी जैंसला ने विवाह में न किसी मेहमानों को साफा बंधाया, न नशे की मनुहार की,न प्लाष्टिक यूज हुआ,न डीजे इस्तेमाल हुआ और न मेहमानों ने जुठन छोड़ा। ऐसे में अब क्षेत्र की फिजा मानव कल्याण को लेकर जागरूक हो रही है।पर्यावरण प्रेमी शिक्षकों का संदेश :
पर्यावरण प्रेमी शिक्षकों की टीम नशा मुक्ति ,जुठन न छोड़ने प्लाष्टिक प्रयोग न करने, कचरा मुक्त धरती ,जल बचाओ,बेटी पढ़ाओ,बालविवाह रोको,जैविक खेती अपनाओ,पेड़ लगाओ आदि मानव कल्याण के संदेश को लेकर अभियान चला रही है।
विवाह समारोह में भव्य पर्यावरण संरक्षण प्रदर्शनी व स्टॉल लगाकर मेहमानों को तांम्बे के लोटों से जल पिलवाया जा रहा है।बहुआयामी मुहिम :टीम का संकल्प है कि जहां नशे की मनुहार ,प्लाष्टिक का इस्तेमाल, मृत्युभोज होगा,वहां टीम न सेवा देगी न ही भोजन करेंगे। इसी कड़ी में स्टेड अवार्डी शिक्षक व पर्यावरण प्रेमी शिक्षक ओम प्रकाश विश्नोई , पर्यावरण प्रेमी,शिक्षक मदन पलीना ,जसराज ईशरवाल, बस्तीराम ख़िलेरी,हडमान राम ईशरवाल, सहीराम,से नि शिक्षक बाबूलाल बेनीवाल ,भागीरथ ईशरवाल, पूनमचंद ईशरवाल, राजाराम गोदारा,शा शिक्षक जगदीश नोखड़ा,शिवलाल जंवर,सेव लालूराम ईशरवाल बज्जू आदि शिक्षकों व पर्यावरण सेवकों ने पर्यावरण प्रेमी शिक्षक टीम जिला फलौदी (स्वच्छ भारत अभियान )के बैनर तले भव्य पर्यावरण संरक्षण प्रदर्शनी लगाकर समारोह में मेहमानों को भव्य पर्यावरण संरक्षण प्रदर्शनी लगाकर बड़े ही जोश के साथ तांम्बे के लोटों से जल पिलवाया तथा पूरे परिसर को प्लाष्टिक,नशा व जुठन मुक्त रखा। इस अवसर मंत्री जसवंतसिंह विश्नोई,विधायक पब्बाराम विश्नोई,पूर्व विधायक किसनाराम विश्नोई,राजगढ़ विधायक मांगीलाल मीणा,एसडीम भंवरलाल जंवर,मलखानसिंह,पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी, जपी करीर प्रधान प्रतिनिधि,मदन तेंतरवाल सहित सैकड़ो जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों,प्रशासनिक अधिकारियों, जन समुदाय ने इस मुहिम की सराहना कर जनसमुदाय से सफल बनाने की अपील की। कई राज्यों में चलाई जा रही है मुहिम :यह मुहिम वर्षों पहले पर्यावरण प्रेमी शिक्षक ओम प्रकाश कानासर के नेतृत्व में शिक्षक पर्यावरण टीम फलौदी द्वारा जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने,मानव व धरती की सेहत बचाने हेतु नशा,जुठन ,प्लास्टिक,बाल विवाह मुक्ति के लिए, तांम्बे के लोटों से जलपान की शुरुआत हुई। यह टीम कई वर्षों से पूरे भारतवर्ष में राजकीय अवकाश के सदुपयोग में टीम प्रभारी शिक्षक ओम प्रकाश कानासर की पहल पर स्वच्छ भारत अभियान के बैनर तले प्लास्टिक हटाओ,नशा छोड़ो,जुठन त्यागों, बेटी पढ़ाओ,बाल विवाह रोको ,मृत्यु भोज बन्द करो,जैविक खेती अपनाओ,संस्कृति बचाओ,पेड़ लगाओ, अपनी धरोहर व गौमाता बचाओ,कपड़े की थैली रखो आदि बहुआयामी मुहिम चलाती है तथा मेलों,खेलों, विवाह समारोह,शिक्षा सेमिनारों आदि राजकीय व सामाजिक,धार्मिक उत्सवों में पर्यावरण संरक्षण प्रदर्शनी लगाकर जनसमुदाय को निःशुल्क व निःस्वार्थ भाव से तांम्बे के लोटों से जलपान तथा दूल्हा दुल्हन को पेड़,तांम्बे का कलश व कपड़े की थैली भेंट करते है तथा पर्यावरण संरक्षण व समाज सुधार का संकल्प दिलाते हैं। आज यह मुहिम बहुत लोकप्रिय हो चुकी है । कई नामी लोग इनकी प्रेरणा से इस मुहिम को कई जिलों व राज्यों में आगे चला रहें है।अभी तक यह टीम 36 कॉम में कई राज्यों में 2000 हजार से अधिक कार्यक्रम में सेवा देकर जनसमुदाय को जागरूक किया है। अभी तक 10 लाख से अधिक लोगों के लिए भोजन बचाया। 20 लाख से अधिक युवाओं को नशे आदि सामाजिक कुरूतियों से सावधान किया। सैकड़ो टन सिंगल यूज प्लाष्टिक के दुरूपयोग को रोका । इनकी प्रेरणा से हर कार्यक्रम में पौधारोपण से 2 लाख से अधिक पौधारोपण हुए है।