प्रवचन 04/10/2023 बड़ौत
परमानन्द प्राप्ति का उपाय- आचार्य विशुद्ध सागर
‘दिगम्बर जैनाचार्य श्री विशुद्धसागर जी गुरुदेव ने अजितनाथ सभागार मे धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि- ” संसार में सभी जीव सुख चाहते हैं और दुःखों से दूर रहना चाहते हैं। कष्ट कोई नहीं चाहता, सभी इष्ट- संयोग चाहते हैं।”
जो प्रातः उठकर प्रभु-भक्ति, गुरूसेवा करता है, साहित्य- अध्यन करता है, शुद्ध-प्रासुक भोजन करता है, परिणाम शांत रखता है, वह अंत समय तक स्वस्थ रहकर आनन्दपूर्ण जीवन जीता है। उत्साह उमंग के साथ जीवन जियो।
वृद्ध अवस्था खण्डहर के समान उपेक्षा पूर्ण होती है। जीर्ण-शीर्ण देह, रुग्न अवस्था में दुनिया के लोग उपेक्षा करते हैं।’ उपेक्षा से बचना है, तो वृद्धावस्था में मौन रहना सीखो। अपेक्षायें कम करो। वृद्धावस्था सुखद बनाना है, तो धर्म से जुड़ो। धर्म ही मंगल है, धर्म ही उत्तम है, धर्म ही शरण है। धर्म ही पर-भव में सुख-शांति प्रदान करने वाला है।
विपत्ति के क्षणों में धैर्य धारण करो । धैर्यवान् विपत्ति में भी सम्पत्ति प्राप्त करता है। धैर्य से ही कार्य सिद्धि होती है। अधीर व्यक्ति के बने कार्य भी बिगड़ जाते हैं। कार्य समय पर ही होगा, फिर हम अधीर होकर अपना काम क्यों बिगाड़ें? संकटों में भी धर्म नहीं छोड़ना। दुनिया साथ छोड़ दे, पर तुम प्रभु का द्वार मत छोड़ना।
जब अशुभ- कर्म का उदय आता है, तो सर्व-ओर से कर्म पीड़ा देता है। अशुभ के दिनों में अपने सगे भी शत्रु बन जाते हैं। संभल-संभलकर जियो। कब क्या हो जाए, क्या पता? (पुण्य की रक्षा करो, बल, बुद्धि की सुरक्षा करो। जीवन का यल क पल महत्त्वपूर्ण है। चित्त प्रसन्न हो, परिणाम विशुद्ध हों, धर्म के प्रति आस्था हो, आत्म कल्याण का भाव हो, परोपकार की दृष्टि हो, यही परमानन्द है।सभा का संचालन वरदान जैन ने किया।मंगलाचरन अमित जैन ने किया। चित्र अनावरन जिनेंद्र जैन द्वारा किया गया
मीडिया प्रभारी वरदान जैन ने बताया कि 6 अक्टूबर को आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सुशिष्य मुनि श्री प्रणेय सागर, मुनि श्री प्रणव सागर,मुनि श्री सौम्य सागर, मुनि श्री सारस्वत सागर,मुनि श्री संजयंत सागर जी महाराज का दीक्षा दिवस दोपहर 2.45 से अजितनाथ सभागार मे धूमधाम से मनाया जायेगा।
सभा मे सुभाष जैन, प्रमोद जैन, अशोक जैन, हंस कुमार जैन, सुधीर जैन, मुकेश जैन, राकेश जैन, जिनेंद्र जैन,विनोद जैन, सुनील जैन, आदि उपस्थित थे।
वरदान जैन मीडिया प्रभारी