

आत्मसाक्षात्कार
सत्य मैं असत्य भी,
उदय भी मैं, अस्त भी,
अंधकार मैं और रोशनी की रश्मि भी,
सृष्टि मैं, ध्वंस भी,
मिलन मैं, वियोग भी,
खुशी मैं, गम भी,
चंचल मैं, धीर गंभीर भी,
जीवन मैं तो मृत्यु भी,
मैं अनंत भी तो शून्य भी मैं,
गुरु मैं तो शिष्य भी,
सब में मैं हूं,
फिर कहां मैं अलग हूं,
सब मुझ में है,
मैं सब में हूँ,
चंचल यह मन खोज ना तू परम् शिवा को,
अलग-अलग इकाइयों में, कस्तूरी मृग में ज्यूं, ,
परम् बसता कण-कण में,
आगाज कर,
झांक अंतर्मन में, आत्मसाक्षात्कार हो जाएगा,
पूर्णता को तू पाएगा,
संपूर्ण तू हो जाएगा,
संपूर्ण तू हो जाएगा।
🙏
रश्मि सुराणा
23/08/2023




