सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर
Key Line Times
कोबा, गांधीनगर (गुजरात)
जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा प्रणेता, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने मंगलवार को ‘वीर भिक्षु समवसरण’ में उपस्थित जनता को ‘आयारो’ आगम के माध्यम से पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि आयारो आगम में बताया गया है कि आदमी अहंकार में चला जाता है। सामान्य आदमी तो क्या, अपरिपक्व साधु भी अहंकार में जा सकता है। किसी ने प्रशंसा कर दी, किसी ने उसकी विशेष बड़ाई कर दी तो वह अहंकार में जा सकता है। सुन्दरता का, ज्ञान का, बल का, वक्तव्य आदि-आदि किसी भी विषय का अहंकार हो सकता है। साधु में अपनी तपस्या की प्रशंसा सुनकर भी अहंकार हो सकता है। ज्ञान होने पर आदमी मौन रखे तो बड़ी बात होती है। बहुत पढ़ा-लिखा, अनेक विषयों का ज्ञान रखने वाला यदि मौन रहता है तो उसके ज्ञान की अच्छी उपलब्धि होती है। आदमी को अपने ज्ञान का दिखावा नहीं करना चाहिए, प्रशंसा पाने का प्रयास नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार शक्ति होने पर भी क्षमा का भाव रखना बहुत अच्छी बात होती है। दान देने वाले में भी प्रशंसा की इच्छा नहीं होनी चाहिए। ज्ञान होने पर भी मौन रखना, शक्ति होने पर भी क्षमा रखना और दान देकर भी दिखावा नहीं करना, ये तीनों बातें आदमी के बड़प्पन की द्योतक होती है।जो आदमी इन सभी चीजों में अहंकार करता है, वह आदमी मोह से मूढ़ हो जाता है। किसी आदमी के पास कोई पद प्राप्त हो जाए तो उसके भी अहंकार से बचने का प्रयास करना चाहिए। इस संसार में यदि किसी को सत्ता प्राप्त हो जाए, वर्तमान सरकार में मंत्री बन जाए तो भी उसे अहंकार से बचने का प्रयास करना चाहिए।आदमी के जीवन में सत्ता आए, बल आए, विद्या आए, धन आए अथवा रूप आदि आए, किसी भी प्रकार विशेषताओं के अहंकार से बचने का प्रयास करना चाहिए और यदि जो किसी भी प्रकार का अहंकार करता है, वह मानों महान मोह से मूढ़ हो जाता है। मोह की मूढ़ता से आदमी को बचने का प्रयास करना चाहिए। जिस प्रकार खाने भूख होती है, उसी प्रकार आदमी के भीतर प्रशंसा प्राप्त करने की भावना भी होती है, किन्तु प्रशंसा से अहंकार में चले जाना मूढता की बात हो जाती है। इससे आदमी को बचने का प्रयास करना चाहिए। आदमी को अपने जीवन में किसी प्रकार के अहंकार से बचने का प्रयास करना चाहिए।अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मण्डल द्वारा आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में आयोजित तत्त्व प्रचेता/तेरापंथ प्रचेता कार्यशाला के संदर्भ में आचार्य तुलसी शिक्षा परियोजना की निदेशक श्रीमती पुष्पा बैंगानी ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। इस संदर्भ में आचार्यश्री ने मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद द्वारा 17 सितम्बर को मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव का देश भर में आयोजन किया जा रहा है। इस संदर्भ में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रमेश डागा ने आचार्यश्री के समक्ष अपनी भावाभिव्यक्ति देते हुए इस संदर्भ में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्राप्त संदेश का वाचन भी किया।