सुरेंद्र मुनोत,ऐसोसिएट एडिटर, संपूर्ण भारत (पश्चिम बंगाल)
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चेन्नई,तमिलनाडु हिंदी एकेडमी की तीसरी व्याख्यानमाला आभासी तौर पर 9 अगस्त 2025 के दिन 6:30 बजे श्रीदेवी के प्रार्थना से प्रारंभ हुई।आज के मुख्य वक्ता थे डॉक्टर एन श्रीनिवासन जिन्होंने सूर और पेरी अलवार के वात्सल्य भक्त पर अपना वक्तव्य दिया। वासुदेवन शेष ने पटल पर उपस्थित सभी महानुभावों का विधिवत स्वागत किया और अशोक कुमार जैन ने संचालन के साथ साथ आमंत्रित वक्ता का परिचय दिया।अपने वक्तव्य में डॉक्टर एन श्रीनिवासन जी ने बहुत सुंदर ढंग से सूर और पेरी आलवार के वात्सल्य भक्त का परिचय देते हुए दोनों का तुलनात्मक व्याख्यान किया। ढेर सारे उदाहरणों को देते हुए उन्होंने बखूबी के साथ उनके भक्ति भावनाओं का मंच पर प्रकट किया।भक्ति से पूर्ण श्रीनिवासनजी के वक्तव्य ने उपस्थित सभी को कुछ क्षण के लिए भक्ति के सागर में डुबो दिया। परिचर्चा में आदरणीय बी एल आच्छा थे, जिन्होंने अपने विचार व्यक्त किए। फलस्वरूप श्री विजय मोहन जी ने भी अपने अमूल्य वचनों से शुभकामनाएं दी।पटल में सरला, विजय सिंह सरल जी भी थी। जमुना कृष्णराज, वेंकटेश जी, डाॅ पूर्णिमा एवं ढेर सारे प्राध्यापक गण थे। उनके अतिरिक्त छात्र छात्राएँ उपस्थित रहे। अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉक्टर ए भवानी ने घोषित किया कि शीघ्र ही अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व डॉक्टर विवेक मणिक त्रिपाठी जी का चीन से व्याख्यानमाला इसी महीने के अंत में रखने का उद्देश्य है। उन्होंने यह भी प्रकट किया कि अधिक से अधिक संख्या इस व्याख्यान माला से जुड़े और उसे सफल बनाए।अंत में डॉ। पूर्णिमा ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यक्रम को एक विराम दिया।
आर. श्री देवी, चेन्नई