गुरु तेग बहादुर: हिंद की चादर….सतविंदर कौर,ऐसोसिएट एडिटर
Key Line Times
हिंद की चादर, वीरता का नाम,
जुल्मों के आगे भी रखा सम्मान।
कुर्बानी की मिसाल, जो कहती कहानी,
धर्म की रक्षा हेतु दी अपनी जवानी।
मतीदास, सतीदास, दयाला भी शहीद,
हमारे गुरु ने दिखाया सच्चाई का बीज।
मुगलों के जुल्मों के आगे झुके नहीं,
धर्म के मार्ग में कभी रुके नहीं।
बालक गुरु गोबिंद ने शिक्षा दी पाई,
अनाखी राहों पर हौसला दिलाई।
कहते, “पिता जैसा और कौन हो सकता,
जो इतिहास को सच्चा प्रेरणा दे सकता।”
गुरु ने सिखाया सच्च का प्यार,
मन में रखो सतगुरु का आधार।
ना डरो किसी जुल्म से, ना झुको कभी,
सदा सच और अनाखी के मार्ग पर चलो सभी।
आओ सलाम करें उस चादर को,
जिसने धर्म बचाया इस संसार को।
गुरु तेग बहादुर, शहीदों के सिरमौर,
हिंदू धर्म के रक्षक, असली जोर।
हिंद की चादर की महक सदा रहे,
सच और सहनशीलता का जलवा सदा रहे।
सतविंदर कौर कहतीं, “यह सच का मार्ग,
गुरु के चरणों में है सबसे बड़ा आधार।”
सतविंदर कौर
ज़ीरकपुर, चंडीगढ़, पंजाब।