
जब अँधियारा छा गया जग में,
नानक का प्रकाश हुआ मग में।
सच और दया की राह दिखाई,
मानव प्रेम की जोत जलायी।
हर प्राणी पर दया बरसाई,
टूटे दिलों को शक्ति दिलाई।
हर साँस, हर अरदास में वे,
हर सुबह नाम बसाया हवाओं में।
नदियों, धरती, दूर देशों में,
सत्य की बात कही सन्देशों में।
हर नगरी, हर चेहरे पर,
विश्वास के फूल खिले सुंदर।
“कोई ऊँचा, कोई नीचा नहीं,” कहा,
“एक ही ज्योति सबमें रहा।”
एकता का संदेश महान,
हर ध्वनि में शांति का गान।
उन्होंने प्रेम, न्याय सिखाया,
सेवा को जीवन का दीप बताया।
आज भी हर दिल की प्रार्थना में,
नानक का प्रकाश है भावना में।
उनके बोल मधुर, कोमल, प्यारे,
मन के तूफान को करें सहारे।
मोह के बंधन तोड़ दिए,
जग को दुखों से मुक्त किए।
नाम और सेवा में जो रम जाए,
वही सच्ची रौशनी पाए।
अमर, अनंत, वो वाणी रहे,
हर प्राणी में वो ज्योति बहे।
“नानक के वचन हैं राह हमारी,
प्रेम और दया ही पूजा हमारी।”
🙏 गुरु नानक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ।
कॉपीराइट © सतविंदर कौर

