दिल मेरा जिस से बहलता ,
कोई ऐसा ना मिला ।
इंसान तो बहुत से मिले ,
पर ख़ुदा जैसा कोई ना मिला ।
दिल ने हर मोड़ पर ढूंढा,
पर सुकून का ठिकाना ना मिला।
राहों में फूल भी थे बिछे,
पर वो मंज़िल का पता ना मिला।
हर चेहरा किसी कहानी सा लगा,
हर बात में एक झूठ छिपा मिला।
इंसान तो बहुत से मिले यहां,
पर सच्चाई का आईना ना मिला।
- सतविंदर कौर
जिराकपुर चंडीगढ़
पंजाब ।