



बडौत,श्रेयांस नाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक बनाया, मुनियों को आहार देने के लिए मची होड़
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर, आज आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में नगर में श्रेयांश नाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। जैन श्रद्धालुओं ने श्रेयांस नाथ भगवान की पूजन की और भगवान को निर्वाण लाडू समर्पित किया।
आज रक्षाबंधन पर जैन श्रद्धालुओं में ,आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ को आहार देने के लिए होड लगी रही।आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज को आहार देने का सौभाग्य मोहित जैन रामबाग कॉलोनी को प्राप्त हुआ।जबकि बड़ी संख्या मे जैन श्रधालु उन्हे आहार देने के लिए लालायित थे। रक्षाबंधन के अवसर पर ऋषभ सभागार में दिगंबर जैन समाज समिति द्वारा आयोजित धर्म सभा में मंगल प्रवचन देते हुए आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि आज के दिन मुनि विष्णु कुमार ने अकंपनाचार्य आदि 700 मुनियों का उपसर्ग दूर किया था।
राजा बली ने जिस स्थान पर मुनि संघ ठहरा था, वहाँ चारो और कांटेदार बागड बंधवा कर उसे नरमेध यज्ञ का नाम दे, उसमे हड्डी, मास आदि डालकर यज्ञ किया।इससे मुनियों को दुरगंध से परेशानी होने लगी और सांस लेना मुश्किल हो गया।इस विपत्ति से नगरवासियों ने भी अन्न जल त्याग दिया।जब विष्नुकुमार मुनि को इस उपसर्ग का पता चला, तो वे राजा बलि के पास पहुँचे और उससे 3 पग जमीन मांगी और एक पग मे सुमेरु पर्वत और दूसरे पग मे माणुशोत्तर् पर्वत माप दिया तीसरा पग जब बलि पर रखने लगे तो उसने शमा मांगी और मुनियों के उपसर्ग को दूर कर दिया।सभी श्रावको ने मुनियों की सेवा की और उन्हे आहार कराने के बाद खाना खाया।यह दिन श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था। इस दिन को याद रखने के लिए लोगो ने हाथ मे सूत के डोरे बांधे।तभी से यह पर्व रक्षाबंधन पर्व के रूप मे मनाया जाने लगा।
सभा का संचालन पंडित श्रेयांस जैन ने किया। सभा मे प्रवीण जैन, अतुल जैन, विनोद जैन, सुनील जैन, वरदान जैन, वीरेंदर जैन, दिनेश जैन,राकेश जैन आदि थे
वरदान जैन मीडिया प्रभारी











