🌸 महातपस्वी महाश्रमण ने खोली श्रद्धालुओं की तकदीर, चरणस्पर्श की कर दी घोषणा 🌸
-दो दिवसीय प्रवास के लिए कांदिवली स्थित तेरापंथ भवन में तेरापंथ गणराज का मंगल पदार्पण
-समय प्रबन्धन से जीवन का करें सदुपयोग : युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण
-नवदीक्षित मुनि ध्यानमूर्तिजी को आचार्यश्री ने प्रदान की बड़ी दीक्षा
29.11.2023, बुधवार, घोड़बंदर रोड, मुम्बई (महाराष्ट्र) : नन्दनवन में पंचमासिक चतुर्मास सुसम्पन्न कर मायानगरी मुम्बई के उपनगरों को पावन बनाने को गतिमान हुए अध्यात्म जगत के महासूर्य, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना संग कांदिवली में स्थित तेरापंथ भवन में द्विदिवसीय प्रवास हेतु पधारे तो क्षेत्रीय जनता ऐसा सौभाग्य प्राप्त कर आह्लादित हो उठी। चतुर्मास से पूर्व और चतुर्मास के पश्चात प्रवास का अवसर प्राप्त कर जनता निहाल हो रही थी कि शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने प्रथम दिन के मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में ही श्रद्धालुओं की चिरप्रतिक्षित प्रार्थना को स्वीकार करते हुए सभी के लिए रात्रि आठ बजे से 8.15 बजे तक चरणस्पर्श की घोषणा कर दी। यह घोषणा सुनते ही पूरा प्रवचन पण्डाल जयघोष से गुंजायमान हो उठा। इसकी त्वरित सूचना से देश-विदेश में स्थित श्रद्धालु भी खुशियों से झूम उठे। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2020 के कोरोनाकाल से ही तेरापंथ के ग्यारहवें अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी के चरणस्पर्श का क्रम प्रतिबंधित हो गया था। कोरोनाकाल की समाप्ति के बाद से आम व्यवस्थाएं तो सामान्य हो गईं, लेकिन चरणस्पर्श का प्रतिबंध जारी था। नन्दनवन में दीपावली के दिन आचार्यश्री महाश्रमणजी ने सर्वप्रथम आठ वर्ष के तक बालकों के भाग्य को जागृत किया और उन्हें चरणस्पर्श की अनुमति प्रदान की। इस अनुमति के बाद ही सभी श्रद्धालु जनता मंे अपने आराध्य के चरणस्पर्श की घोषणा की ललक मानों तीव्रता के साथ उत्पन्न हो गई थी। जब भी श्रद्धालुओं को सुअवसर मिलता, श्रद्धालु इसकी अर्ज अपने आराध्य के सामने रख देते। बुधवार को कांदिवली भवन में आयोजित मंगल प्रवचन में आचार्यश्री ने मानों सभी श्रद्धालुओं की अर्जी पर अपनी मर्जी की मुहर लगाई और रात्रि आठ बजे से सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए चरणस्पर्श किए जाने की घोषणा कर प्रत्येक श्रद्धालुओं की वर्षों की प्यास को तृप्ति प्रदान कर दी। इसके पूर्व बुधवार को प्रातः आचार्यश्री महाश्रमणजी मीरा रोड (ई.) के पटेल हाउस से मंगल प्रस्थान किया। अपने नगर में अपने आराध्य के दर्शन व अपने-अपने घरों, प्रतिष्ठानों के समक्ष अपने आराध्य के दर्शन कर आशीष प्राप्त करने को उत्सुक दिखाई दे रहे थे। विहार के दौरान राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाश्रमणजी से आचार्यश्री पद्मसागरजी से आध्यात्मिक मिलन हुआ। दो आम्नायों के आचार्यों का मिलन जैन समाज के श्रद्धालुओं को आह्लादित करने वाला था। आचार्यश्री लगभग आठ किलोमीटर का विहार कर भव्य स्वागत जुलूस के साथ कांदिवली के तेरापंथ भवन में पधारे। भवन परिसर में आयोजित मंगल प्रवचन में शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को समय का सम्यक प्रबन्धन कर अपनी दिनचर्या को अच्छा बनाने और समय का सदुपयोग करने की प्रेरणा प्रदान की। सात दिवस पूर्व नन्दनवन में 77 वर्षीय नवदीक्षित मुनि ध्यानमूर्तिजी को आचार्यश्री ने आर्षवाणी का उच्चारण करते हुए बड़ी दीक्षा (छेदोपस्थापनीय चारित्र) प्रदान की। नवदीक्षित मुनिजी ने आचार्यश्री को सविधि वंदन किया तो आचार्यश्री ने उन्हें मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने भी उपस्थित जनता को संबोधित किया। इस तेरापंथ भवन में इस वर्ष का चतुर्मास करने वाली साध्वी विद्यावतीजी (द्वितीय) अपने हृदयोद्गार व्यक्त किए। उनकी सहवर्ती साध्वियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। आचार्यश्री ने साध्वीजी को पावन आशीर्वाद प्रदान किया। श्री तुलसी फाउण्डेशन के अध्यक्ष श्री विनोद बोहरा, स्थानीय सभा के अध्यक्ष श्री पारसमल दूगड़ व श्री मनोहर गोखरू ने अपनी श्रद्धासिक्त अभिव्यक्ति दी। स्थानीय तेरापंथ समाज ने सामूहिक गीत का संगान किया।