पुरुषार्थ परम लक्ष्य की सीढ़ी है – डाॅ. मंजू लोढ़ा
जैन कवि संगम ज्ञान गुरुद्वारा है -कवि हर्षदर्शी
मुम्बई,
प्रसिद्ध साहित्यकार-कवयित्री, जैन कवि संगम की संरक्षिका डाॅ. मंजू-मंगलप्रभात लोढ़ा की उनके निजी आवास मुम्बई में जैन कवि संगम के संरक्षक कैलाश तरल, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीप जैन “हर्षदर्शी” व राष्ट्रीय महामंत्री मनोज मनोकामना के साथ बैठक हुई ।
समाजसेविका डाॅ. लोढ़ा ने जैन कवि-साहित्यकारों के लिए जैन कवि संगम द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा- “पुरुषार्थ परम लक्ष्य की सीढ़ी है । पवित्र मन और भावना से बढ़ाया हुआ कदम निश्चित ही चरम लक्ष्य की ओर पहुँचता है । जैन कवि संगम के इस मिशन को आगे बढ़ाने में मेरा भरपूर सहयोग रहेगा ।* राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि हर्षदर्शी ने जैन कवि-साहित्यकारों के उत्थान-उन्नयन एवं उत्कर्ष के लिए कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि बहुआयामी साहित्यिक श्रृंखलाबद्ध आयोजन शीघ्र ही देश भर में आयोजित किए जा रहे हैं । भारत के विभिन्न प्रदेशों में संचालित इकाईयां विशिष्ट अवसरों पर विद्वद् संगोष्ठी, कवि सम्मेलन, एकल काव्यपाठ, परिचर्चा, साहित्यकार-सम्मान समारोह, समस्यापूर्ति काव्य प्रतियोगिता आदि आयोजन करने का आह्वान किया गया है । राष्ट्रीय महामंत्री मनोज मनोकामना ने बताया कि दीपावली पश्चात् केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित कर समस्त साहित्यिक आयोजनों के लिए रूपरेखा बनाकर शीघ्र क्रियान्वयन किया जाएगा ।
भामाशाह सम्मान
समाजसेविका श्रीमती लोढा का जैन कवि संगम की ओर से कवि तरल-हर्षदर्शी- मनोकामना ने शाल, संरक्षिका उपरणा ओढ़ाकर व माला, मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर भावभीना स्वागत कर “भामाशाह-सम्मान” प्रदान किया ।
डाॅ. लोढा ने सुन्दर आतिथ्य सत्कार के साथ समस्त पदाधिकारियों का भावभीना अभिनंदन किया ।