




विश्वसंत पुष्कर मुनिजी की जयंती पर मुम्बई में हुआ विराट कवि सम्मेलन”
पुष्कर गुरु गुणों के आगार और ज्ञान के सागर थे…
-डाॅ. स्नेहप्रभा
परम गुरु थे पुष्कर मुनि -कवि “हर्षदर्शी”
उदयपुर,
साधना के शिखर पुरुष, विश्वपूज्य उपाध्याय श्री पुष्कर मुनि की 114वां अवतरण-दिवस पर मुम्बई महानगरी के विरार में जैन कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । साध्वी डाॅ. श्री स्नेहप्रभा जी म. सा. आदि ठाणा की शुभनिश्रा व जैनदर्शन व हास्य-व्यंग्य कवि जगदीप जैन “हर्षदर्शी” के काव्यमयी संयोजन-संचालन में *वर्धमान स्थानकवासी जैन नवयुवक मंडल-विरार द्वारा किया गया ।
संयम-साधक, साधना के शिखर पुरुष उपाध्याय *श्री पुष्करमुनिजी* के जीवन की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए डाॅ. स्नेहप्रभाजी म. सा. ने कहा- “पूज्य गुरुदेव गुणों के आगार, ज्ञान के सागर थे ।
इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि श्री कैलाश जैन “तरल” उज्जैन ने “नर-तन मिला माटी के मोल, अरिहंत-अरिहंत बोल… गीत सुनाकर मंगलाचरण किया । उदयपुर के कवि जगदीप जैन “हर्षदर्शी” ने गुरु पुष्कर का काव्य-गुणानुवाद करते हुए “गुरु पुष्कर के चरणों में मेरा वन्दन है, जिनके सुमिरन कट जाते भव के बंधन है । जो जलाएगा दीप श्रद्धा से अंतर में उनका जीवन बना देते गुरु चंदन है… सुनाया तो पुष्कर मुनि के जयकारों से सभागार गूँज उठा । कवि मनोज मनोकामना, झाबुआ ने गुरु पुष्कर पर प्रतिकात्मक सुन्दर गीत “दो नयन आपके हमको भाने लगे, आप हरपल हमें याद आने लगे…. सुनाकर भावविभोर कर दिया । रतलाम के प्रसिद्ध कवि ब्रजराज ब्रज ने “सम्यग् दर्शन ज्ञान चारित्र की सौगंध दिलाने आया हूँ, जागो-जागो जिनसाधकों मैं तुम्हें जगाने आया हूँ.. सुनाकर धर्माचरण का संदेश दिया । डाॅ. लोकेश जडिया-धार ने सभी को खूब हँसाया । कवि “हर्षदर्शी” ने अपने चिर-परिचित शैली में शिष्ट हास्य-व्यंग्य रस बरसाते हुए आधुनिक बूफे भोजन में अन्न के अपमान पर “टाई पहनी गर्दन में, पहने देखो सूट, उभो-उभो जीमे है, ज्यूँ रेगिस्तानी ऊँट, फरतो चरतो जावे, पेट ने भरतो जावे… अपनी प्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य कविता सुनाकर लोटपोट कर दिया । वरिष्ठ गीतकार कैलाश जैन ‘तरल’ ने गुरु पुष्कर की महिमागान करते हुए गीत पढ़ा । आपने दान के महत्व को रूपायित करते हुए सुमधुर कंठ से गीत सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया । पूज्य गुरुदेव के जीवन पर आधारित नाटिका का सुन्दर मंचन किया गया ।
नवयुवक मंडल के अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कवियों को सफल आयोजन करने के लिए धन्यवाद दिया । संघ के अध्यक्ष लक्ष्मीलाल कच्छारा ने अतिथियों व समस्त पुष्कर गुरुभक्तों का आभार व्यक्त किया ।




