






दक्षिण दिल्ली (ग्रीनपार्क) – साध्वी कुन्दनरेखा जी के सानिध्य में एवं तेरापंथ युवक परिषद् दिल्ली के तत्वाधान में ‘रक्षाबंधन कार्यशाला’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वी कुन्दन रेखा जी ने कहा- भारतीय संस्कृति में भाई-बहिन के प्रेम को अखंड रखने वाला त्यौहार है रक्षा बंधन। वैसे तो यह त्यौहार ब्राह्मण संस्कृति को उजागर करता है लेकिन समयानुसार त्यौहार की सीमाएं आगे बढ़ी और आज हर कोम रक्षाबंधन के त्यौहार को भाई के हाथ में ‘रक्षाकवच’ पहनाने वाली बहिन उसके दीर्घजीवन की कामना करती है। तेरापंथ युवक परिषद्’दिल्ली’ केन्द्र द्वारा निर्धारित कि राखी जैन संस्कार विधि से बांधी जाये तो सुरक्षाकवच इतना मजबूत बन सकता है, जिसे कोई तोड़ नहीं सकता ! साध्वी श्री ने आगे कहा सुसंस्कारों से सुसज्जित इंसान के पग पग पर निधान होता है। समाज की आवश्यकता के मध्य नज़र रख आचार्य तुलसी ने ‘जैन संस्कार विधी को अपनाने का आहवान किया। बर्तमान आचार्य महाश्रमण
इस विधिको विस्तार मिले ताकि जैन सूक्तों के द्वारा हम स्थायी आनन्द और शांति प्राप्त कर सके। अखिल भारतीय यूवक परीषद ‘जैन संस्कार विधि’ को विस्तार देने
में श्रम कर रही है
बहुत 2 मंगलकामना
संस्कारक श्री सुशीलजी डागा एवं अनिल जी सेठिया ने जैन मंत्रों को बोलकर कैसे राखी बांधे ? विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर एक डेमो के द्वारा विधी को समझाते हुए उन्होंने अष्ट मंगल भावना का संगान भी किया तथा श्री मान हीरालाल जी गेलडा अध्यक्ष के हाथ पर उनकी बहिन सोनिया दुगड़ ने मौली बाँधकर राखी बाँधने की रस्म अदा की ! तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष विकास चौरड़िया ने कहा, युवक परीषद की अनेको गतिविधियों में रक्षाबंधन कार्यशाला’ भी उनमें से एक है। उन्होंने कहा-हमारे संस्कारक इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं । इस विधि को न केवल जैन समाज बल्कि ब्राह्मण, मुसलमान आदि भी अपना रहे है, करुण
सेठिया ने आभार प्रदर्शन किया। विजय गीत द्वारा कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर तेरापंथ सभा दक्षिण दिल्ली के अध्यक्ष हीरालाल गेलडा, मंत्री यश वरमेचा, संजय चौरडिया, अरविंद दूगड़, सुरजीत पुगलिया, दिल्ली सभा के मंत्री संजय संचेती सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे ।




