(दक्षिण दिल्ली ग्रीनपार्क – आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी डॉ कुन्दन रेखा जी (ठाणा 4) के पावन सान्निध्य में एवं तेरापंथ सभा दक्षिण दिल्ली के तत्वाधान में ‘चन्द्रप्रज्ञप्ति सूत्र’ का प्रभावक मंत्र ‘नमिऊण कल्प’ का वृहदत्तम कार्यक्रम आयोजित किया गया। सैंकड़ों भाई-बहिनों की उपस्थिति में साध्वी कुन्दन रेखा ने कहा- मंत्र’ उस शक्ति का नाम है, जिनका स्मरण कर, चिंतन और मनन से आत्मा में शांति, चित्त की प्रफुल्लता, , अभीष्ट पदार्थों की उपलब्धि आसान हो सकती हैं। नमिऊण कल्प की साधना आत्म आराधना को प्रशस्त करती है। साध्वी श्री ने कहा की जप के साथ तेले की तपस्या इस मंत्र के प्रभाव को शतगुणित कर देती है। प्रत्येक चेतना का लक्ष्य उन्नत रहें, आत्मा की परिक्रमा करता हुआ लक्ष्य नज़र आये, यह काम्य है भय की दुनियाँ में अभय की चेतना को जागृत करने वाले इस जप की साधना आधप्रवर्तक आचार्य भिक्षु तथा श्रीमद् जयाचार्य द्वारा
की गई – ऐसा इतिहास बताता है। साध्वीश्री ने
नमिऊण संपूर्ण मंत्र को विधि के अनुसार अभिप्सु साधकों को करवाया इसमें साध्वी सौभाग्य यशा, साध्वी कल्याण यशा तथा साध्वी कर्त्तव्ययशा की भी भूमिका रही
वास्तु विशेषज्ञ श्री उमेदजी दुगड भी इस कार्यशाला के प्रेरक और संचालक थे। उन्होंने कहा- ‘मंत्र’ जप करने वाला साधक एकाग्र बने और पूरी निष्ठा के साथ तप के साथ जप में जुड़े तभी फलदायी होता है जप ।श्री उमेद जी दुगड़ ने नमीऊण’ के अतिरिक्त अन्य अनेक मंत्रों की भी चर्चा की, जो जीवन के लिए अनिवार्य है। नमिऊण अनुष्ठान के अन्तर्गत कुछ विशेष मुद्राओं का भी प्रयोग किया गया, जिससे नमीउण कार्यशाला काफी प्रभावी रही ।
दक्षिण दिल्ली सभा अध्यक्ष श्री मान हीरालाल जी गेलडा ने श्री उमेद जी दुगड़ सहित सभी श्रावक समाज का स्वागत किया और आभार भी,
उन्होंने सभा की तरफ से उमेद जी दुगड़ को मोमंटो भेंट कर सम्मानित किया।