



प्रवचन 7.8.2823
बडौत,समय पर करो कार्य: यही सफलता का मूलमंत्र- आचार्य विशुद्ध सागर
दिगम्बर जैनाचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ने धर्म सभा में सम्बोधन करते हुए कहा कि- मानव जन्म उन्हीं का श्रेष्ठ है जो परोपकारपूर्ण जीवन जीते हैं। धन उन्हीं का उत्तम है, जो दान देते हैं। यौवन उन्हीं का प्रशंसनीय है, जो तप करते हैं। ज्ञान उन्हीं का स्तुत्य है जो कल्याणकारी हो। नयन वही उत्तम हैं, जो प्रभु को निहारें । हाथ उन्हीं के श्रेष्ठ है, जो दूसरों की सेवा कर सकें। तप उन्हीं का श्रेष्ठ है, जो मुक्ति में सहायक हो। उपदेश उन्हीं का अनुकरणीय है, जो हितकारी हो।
समय पर किया गया कार्य ही श्रेष्ठ एवं सिद्धि दायक होता है। समय निकलने पर कुछ भी नहीं बचता है। जो समय को नहीं समझ पाता, वह जीवन भर पछताता है। समय पर कार्य करो, उचित समय पर उचित बात बोलो। उचित समय सोओ, उचित समय पर उठो, समय पर भोजन करो। समय मूल्यवान है, समय को समझो। असमय में किया गया कार्य अशांति कारक होता है। जो समय पर समय को जानकर, समय पर सही काम करता है, वही सत्कार, पुरुषकार और प्रशंसा का पात्र बनता है।
कुछ लोगों का जीवन भी ऐसा ही होता है, वह श्रम तो करते हैं, पर सफलता प्राप्त नहीं कर पाते। जो समय के अनुसार जीते हैं, समय अनुसार स्वयं को ढालना जानते हैं, वह निश्चित ही आनन्द का जीवन जीते हैं।
श्रम करो, पर विवेकपूर्वक । मित्रता करो, पर जानकर। भोजन करो, शोधकर। बोलो, बोधकर। विवेक के अभाव में किया गया कार्य श्रेष्ठ- फल नहीं देता है। बच्चे ही बड़े होते हैं, इसलिए बच्चों को भी प्रोत्साहन देना सीखो। बीज ही अंकुरित टोकरी वृक्ष बनते हैं, वहीं दुनिया को खाया और फल देते हैं। छोटी का भी सम्मान करो। सबके दिन एक-से नहीं होते। किसी का अपमान मत करो।
सभा का संचालन पंडित श्रेयांस जैन ने किया।पाद प्रक्षालन का सौभाग्य ग्लोबल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमुना लाल हवालात जी मुंबई ,सुरेश सिन्वी बांसवाड़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अर्चना जैन राष्ट्रीय मंत्री संयुक्त, और संदीप जैन बडौत को प्राप्त हुआ।
सभा मे प्रवीण जैन, अतुल जैन, सुनील जैन, मनोज जैन, वरदान जैन, राकेश सभासद आदि थे
वरदान जैन मीडिया प्रभारी
9719640668



