आर.के.जैन,मुख्य संपादक
Key Line Times
दिल्ली,जाकिर हुसैन कॉलेज के विवेकानन्द अध्ययन केन्द्र और आंतरिक गुणवत्ता प्रशासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्त्वावधान में अहिल्याबाई होलकर पर केंद्रित एकदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित एक लघु नृत्यनाटिका की प्रस्तुति की।
अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. नरेन्द्र सिंह ने अहिल्याबाई के जीवन को आधुनिक समाज का प्रेरणास्रोत बताया।
विशिष्ट अतिथि डॉ. उपासना अरोड़ा ने इस अवसर पर अपने विचार रखे। डॉ. उपासना अरोड़ा स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक जाना-पहचाना भारतीय नाम है। डॉ. उपासना ने अपने वक्तव्य में आधुनिक समाज में स्त्री सशक्तिकरण की चुनौतियों को संबोधित किया। इस संदर्भ में उन्होंने पश्चिम के स्त्री संबंधी मानदंडों के बजाय भारतीय मूल्यों की कसौटी पर स्त्री जाति को समझने की कोशिश पर बल दिया। मुख्य अतिथि डॉ. अशोक त्यागी ने अहिल्याबाई के जीवन में प्रतिबद्धता और अनुशासन के महत्त्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने राष्ट्र और देश को समर्पित कार्यप्रणाली की सफल और समुचित व्यवस्था की थी। मुख्य वक्ता डॉ. ज्योति चौथाईवाले ने ‘पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर’ विषय पर अपनी बात रखते हुए अहिल्याबाई के जीवन का विस्तार से वर्णन किया। अहिल्याबाई के जीवन संदर्भ को वर्तमान के प्ररिप्रेक्ष्य में रखकर उन्होंने स्त्री शक्ति और स्त्री मुक्ति जैसे प्रश्नों पर गंभीर वक्तव्य रखे।
डॉ. चौथाईवाले ने अहिल्याबाई के जीवन के प्रमुख बिंदुओं और उनके लगभग 30 वर्ष के शासकीय व्यवस्था की विस्तार में विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई में निर्णय लेने की क्षमता, सामाजिक विकास में सहभागिता और राष्ट्र निर्माण में सहभागिता जैसे गुण कूट-कूट कर भरे हुए थे। दूसरे सत्र में रामपुर रज़ा पुस्तकालय के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्रा ने ‘आश्रम परंपरा की विश्वदृष्टि में नारी नेतृत्व’ विषय पर अपनी बात की। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी ज्ञान परंपरा को साधते हुए भारतीय मूल्यों के अनुसार सामाजिक विश्लेषण करने चाहिए न कि यूरोपीय मानदंडों के अनुसार। सत्र का धन्यवाद ज्ञापन प्रो. राजेन्द्र पांडेय ने किया।
एक सत्र में विभिन्न महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों के प्रतिभागियों ने अपने पर्चे पढ़े। इस सत्र में दर्शकों ने बढ़चढ कर भागीदारी की और प्रतिभागियों से प्रश्न पूछे। समापन सत्र में कॉलेज की शोध पत्रिका ‘सामंजस्य’ के प्रवेशांक का लोकार्पण डीन ऑफ कॉलेजेज , दिल्ली विश्वविद्यालय प्रो. बलराम पाणि के हाथों हुआ। इस अवसर पर पत्रिका की संपादकीय टीम उपस्थित थी। अतिथियों की उपस्थिति में अहिल्याबाई के सम्मान में कॉलेज में ‘अहिल्याबाई होलकर’ उद्यान का उद्घाटन भी किया गया। कार्यक्रम के धन्यवाद भाषण में विवेकानंद अध्ययन केंद्र, ज़ाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज के संयोजक डॉ. धीरज ने विद्यार्थियों को भविष्य जीवन की शुभकामनाएं दी। आयोजन के दौरान कॉलेज के विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी देखते को मिली। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।