*सर्वोत्तम जीवनशैली समृद्ध एवं बहुउपयोगी ग्रन्थ*
आर.के.जैन,मुख्य संपादक
Key Line Times
नई दिल्ली,माननीय कानून एवम् न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय संयोजक अणुव्रत संसदीय मंच को जानी मानी साहित्यकार डॉ. कुसुम लुनिया उनके जन्मदिवस के मौके पर अपना महत्वपूर्ण ग्रन्थ “सर्वोत्तम जीवन शैली “डॉ धनपत लुनिया के संग उपहृत किया। जैन विश्व भारती संस्थान ,लाडनू द्वारा प्रकाशित, अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सानिध्य में लोकार्पित, 351 पृष्ट के इस शौध ग्रन्थ की सराहना करते हुए उन्होने कहा कि श्रमण संस्कृति भारतीय दर्शन की एक समृद्ध परंपरा है, जिसमें जैन दर्शन का विशेष योगदान रहा है। भगवान महावीर ने कर्म और गुण के आधार पर मानव मूल्यांकन का संदेश दिया, जिसे आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन के माध्यम से आगे बढ़ाया। डॉ. कुसुम लुनिया ने अपने ग्रंथ “सर्वोत्तम जीवनशैली” में जैन श्रमण व श्रमणोपासक जीवन पद्धति का शोधपरक और जनोपयोगी विश्लेषण प्रस्तुत किया है। यह कृति ज्ञान, दर्शन, चरित्र, तप व संयम आधारित जीवन मूल्यों को सशक्त रूप से उजागर करती है। उन्होने अणुव्रत से जुडे अपने जीवन के संस्मरणों को साझा करते हुए इस ग्रंथ को शोधार्थियों, जिज्ञासुओं और विद्वानों के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।लेखिका को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाईयां दी। उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाओं से वर्धापित किया।

