साऊथ हावडा मे मुनि श्री जिनेशकुमार जी के सानिध्य मे भक्तामर, आयम्बिल जप अनुष्ठान एवं आयम्बिल तप महोत्सव का भव्य आयोजन…सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर,Key Line Times *आयंबिल स्वाद विजय की साधना – मुनिश्री जिनेश कुमारजी* साउथ हावड़ा युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेशकुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में भक्तामर आयंबिल जप अनुष्ठान एवं आयंबिल तप महोत्सव का भव्य आयोजन प्रेक्षा विहार में साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा- जैन धर्म में स्तव स्तुति, स्तोत्र का महत्त्वपूर्ण स्थान है। जैन धर्म में भक्तामर स्तोत्र का बहुत बड़ा महत्व है। यह सर्वमान्य स्तोत्र है। स्तोत्र काव्यों में भक्तामर उत्कृष्ट रचना है। यह भक्तिकाव्य का छलकता निर्भर है। इस स्तोत्र की रचना आचार्य मानतुंग ने भगवान ऋषभ की स्तुति में की। जिससे उनके बंधन टूट गए और वे कारागृह से मुक्त हो गए। इसके पाठ, जप एवं अनुष्ठान से कष्ट दूर होते हैं। यह स्तोत्र महामंगलकारी एवं महाकल्याणकारी है। इसका सभी को जप करना चाहिए। मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने भक्तामर एवं आयंबिल का जप अनुष्ठान सम्पन्न करवाया। आयंबिल महोत्सव के संदर्भ में विचार व्यक्त करते हुए मुनिश्री जिनेश कुमार जी ने कहा आयंबिल स्वाद विजय की साधना है। आयंबिल का अर्थ है-दिन में एक समय, एक बार, एक धान्य के अतिरिक्त कुछ नहीं खाना । इसमें नमक, मसाले, घी-तेल आदि कुछ भी दुसरा पदार्थ नहीं होना चाहिए। विगय-विकार से बचने के लिए आयंबिल एक अद्भुत उपाय है। आयंबिल की साधना से न रोग का भय और के ही भोग का भय रहता है। आयंबिल उदार विकारों में रामबाण औषधि है। इस तप से चिन्त प्रसन्न रहता है। यह तप अक्षय सुख निधि देने वाला, दुःख नाशक है। इस तप के महात्म्य को देखते हुए इसे अपना ने का प्रयत्न करना चाहिए। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी के मंगल संगान से हुआ। स्वागत भाषण साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष लक्ष्मीपत जी बाफणा के दिया। छोटी बालिका मायरा चिंडालिया ने अपने विचार व्यक्त किये। आभार ज्ञापन सभा मंत्री बसंत जी पटावरी ने व संचालन मुनिश्री परमानंदजी ने किया। अणुव्रत : समिति हावड़ा द्वारा अणुव्रत प्रबोधन प्रतियोगिता 2024 का बेनर अनावरण किया गया। प्रथम बार उपासक श्रेणी में प्रवेश प्राप्त करने पर मनीषा भंसाली का सभा द्वारा सम्मान किया गया। गत दिनों कर्नाटक में दिवंगत हुई साध्वी लावण्यश्री जी की स्मृति में चार लोगस्स का ध्यान किया गया। अनेक तपस्वियों ने तपस्या के प्रत्याख्यान किये। इस अवसर पर अच्छी संख्या में बृहत्तर कोलकाता के श्रद्धालुगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल तेरापंथ युवक परिषद, ते. प्रो. फो.आदि कार्यकर्ताओं का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
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2 months ago