अणुव्रत भवन-
अर्हम्-
नई दिल्ली
25 जुलाई 2024 बृहस्पति
साध्वी कुन्दन रेखा के सान्निध्य में तप अनुमोदन)
का कार्यक्रम रखा गया। इस अवसर पर साध्वी कुन्दनरेखा
ने कहा आत्मशोधन का सरल एवं सुन्दर मार्ग है तपस्या। जब आसक्ति परास्त होने लगती है । अन्तर्चेतना में 1 आनन्द की अभिव्यक्ति होने लगती है, तभी तपस्या का करने बाल रूप निखरता है। वृत्ति शोधन एवं कषाय प्रमार्जन के साथ की गई तपस्या की निष्पत्ति कर्मों की निर्जरा है। बहिन श्री मति खुशबू नाहटा ने सात दिनों की तपमय खुशबू से स्वयं को तो सौर भमय बनाया ही है इस तपस्या की खुशबू ने अन्य अनेक भव्य चेतनाओं को तप प्रेरणा के रूप में भी भूमिका निभाई है। साध्वी श्री ने आगे कहा – तप आत्मशुद्धि का मार्ग हैं। कषाय मुक्ति का साधन है। सम्यग्दर्शन की प्राप्ति का भी निमित्त बनता है। साध्वी श्री ने इस अवसर पर श्री मति खुशबू नाहटा को तप का प्रत्याख्यान करवाया तेरापंथ सभी के अध्यक्ष श्री सुखराज सेठिया ने कहा विरले इंसान होते हैं तो तप का आलिंगन कर सर इस भव एवं अगले भवों को सुन्दर बना लेते हैं। भगवान ने मोक्ष के चार मार्ग में एक तपस्या भी कहा है। हमारे धर्म संघ में कितने साधु-साध्वियां तपस्या कर कर्मों की श्रृंखला को तोड़ कर आत्मशोधन के मार्ग पर बढ़ते हुए जन कल्याण करते हैं। आज मेरे परिवार की पुत्रवधु श्री मति खुशबू नाहटा ने 7दिन की तपस्या कर न केवल कुल पर कलश चढ़ाया है।
धर्मशासन की तप कड़ी में अपना नाम भी दर्ज करवाया है। इस अवसर पर श्रीमान मांगीलाल सेठिया, गोविन्द नाहटा, निर्मल कोठारी, सभा अध्यक्ष सुखराज सहित अनेको’ गणमान्य महानुभाव उपस्थित थे। सभी ने बहिन को आचार्य महाश्रमण जी का फोटो एवं पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया।
साध्वी सौभाग्य यशां एवं साध्वी कल्याण यशा ने भी तप अनुमोदना में तपस्या गीत का संगान किया। श्री ऋषभ नाहटा की धर्म प्रा पत्नि खुशबू नाहटा को साध्वी श्री द्वारा पारण में खाद्य संयम की प्रेरणा भी दी गई ।