🌸 अणुव्रत अनुशास्ता महाश्रमण की मंगल सन्निधि में अणुव्रत यात्रा सम्पूर्ति समारोह का शुभारम्भ 🌸
-पूज्य सन्निधि में पहुंचे भारत सरकार के पूर्व गृहमंत्री श्री शिवराज पाटिल
-अच्छी जीवनशैली के लिए अणुव्रत के नियम पालनीय : युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण
-आचार्यश्री की प्रेरणा व अणुव्रत के विचारों से एकता संभव : पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल
-कार्यकर्ताओं को अणुव्रत विश्वभारती की ओर से किया गया सम्मानित
-महाड़वासियों ने आज भी अपने आराध्य की अभिवंदना में दी भावनाओं की अभिव्यक्ति
10.03.2024, रविवार, महाड़, रायगड (महाराष्ट्र) : अणुव्रत आन्दोलन के 75 वर्ष की सम्पन्नता के संदर्भ में तेरापंथ धर्मसंघ ग्यारहवें अनुशास्ता युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अणुव्रत अमृत महोत्सव वर्ष के शुभारम्भ की घोषणा एक वर्ष पूर्व की थी। इस अणुव्रत अमृत महोत्सव वर्ष के संदर्भ में आचार्यश्री ने अपनी यात्रा को अणुव्रत यात्रा के रूप में भी घोषित किया था। रविवार को महाड़ के दो दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन त्रिदिवसीय अणुव्रत अमृत महोत्सव संपूर्ति समारोह का शुभारम्भ हुआ। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत के पूर्व गृहमंत्री व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्री शिवराज पाटिल भी पूज्य सन्निधि में उपस्थित हुए। कार्यक्रम का शुभारम्भ अणुव्रत अनुशास्ता युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के मंगल महामंत्रोच्चार के साथ हुआ। तदुपरान्त आचार्यश्री ने अणुव्रत गीत का संगान किया तो उपस्थित जनता ने भी आचार्यश्री के साथ गीत का संगान किया। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के महामंत्री श्री भीखमचंद सुराणा ने कार्यक्रम की जानकारी प्रस्तुत की। इस दौरान अणुव्रत के विभिन्न आयोजनों के संदर्भ में वीडियो की प्रस्तुति भी गई। अणुव्रत समिति-मुम्बई से जुड़े सदस्यों ने गीत का संगान किया। साध्वीवर्या सम्बुद्धयशाजी ने इस संदर्भ में उपस्थित जनता को उद्बोधित किया। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के अध्यक्ष श्री अविनाश नाहर, अणुव्रत अमृत महोत्सव के संयोजक श्री संचय जैन तथा सम्मान प्राप्तकर्ताओं की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए श्री भीखमचंद कोठारी व अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के प्रबन्ध न्यासी श्री तेजकरण सुराणा व श्रीमती खुशबू सेठिया ने अपनी-अपनी भावाभिव्यक्ति दी। पूज्य सन्निधि में उपस्थित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व गृहमंत्री, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्री शिवराज पाटिल ने अपने वक्तव्य में कहा कि मैं यहां पर आचार्यश्री महाश्रमणजी के विचारों को सुनने के लिए आया हूं। अणुव्रत के संदर्भ में काफी ग्रन्थों का निर्माण हुआ है। वे सभी पुस्तकें लगभग मेरे पास उपलब्ध हैं। उसमें जीवन में सुख-शांति प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, यह सारी बातें उसमें लिखी हुई हैं। उनके आधार पर जीवन जीने से सुख और शांति भी मिल सकती है। अणुव्रत के विचार से एकता बनी रह सकती है। ऐसा ही मार्ग हमारे आचार्यश्री महाश्रमणजी जनता को बता रहे हैं। सकुशल मानव जीवन के लिए एकता बहुत आवश्यक है। मुझे विश्वास है कि अणुव्रत के द्वारा ही एकता बनी रह सकती है। मेरा सौभाग्य है कि मैं आचार्यश्री के समक्ष एक अच्छे कार्यक्रम में उपस्थित हो पाया। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित जनता को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि मानव जीवन में कोई त्राण नहीं बन सकता। इस जीवन में मृत्यु, बीमारी और बुढ़ापा से कोई त्राण नहीं दे सकता। मानव का असली त्राण और शरण धर्म-अध्यात्म में प्राप्त हो सकता है। साधारण गृहस्थ भी अपने जीवनशैली को अच्छा बनाने के लिए अणुव्रत के नियमों का पालन करने का प्रयास करे। अणुव्रत के नियमों का पालन करने के लिए किसी धर्म, जाति, संप्रदाय आदि की आवश्यकता नहीं, यहां तक यदि कोई नास्तिक भी हो तो वह भी अणुव्रत के नियमों को अपने जीवन में उतार सकता है और अपनी जीवनशैली को अच्छा बना सकता है। अणुव्रत अमृत महोत्सव वर्ष चल रहा है। 12 मार्च को सम्पन्नता की बात है। परम पूज्य आचार्यश्री ने तुलसी ने अणुव्रत आन्दोलन का शुभारम्भ किया था। इसमें कितने-कितने लोगों ने श्रम, समय और शक्ति का नियोजन किया है और कर भी रहे हैं। आज शिवराजजी का भी आना हुआ है। आप तेरापंथ से वर्षों से जुड़े हुए हैं। अच्छा जीवन जीने का प्रयास हो। चुनाव में भी शुद्धता रहे। इसके लिए अणुव्रत विश्व भारती भी ध्यान दे सकती है। पूर्व के कार्यकर्ता व उनके परिवार के लोग आए हुए हैं। वे भी अपने पूर्वजों के दिखाए पथ पर आगे बढ़ने का प्रयास करें। इस कार्यक्रम के सहसंयोजक श्री लादूलाल गांधी ने आभार ज्ञापित किया। तदुपरान्त 50 कार्यकर्ताओं को अणुव्रत विश्वभारती की ओर से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अणुविभा के महामंत्री श्री भीखमचंद सुराणा व श्री मर्यादा कुमार कोठारी ने किया। इस दौरान महाड़ प्रवास के दूसरे दिन भी महाड़वासियों ने अपने आराध्य की अभिवंदना में अपनी प्रस्तुतियां दीं। इसमें महाड़ जैन समाज महिला मण्डल, महाड़ की बहन-बेंटियों ने स्वागत गीत का संगान किया। तेरापंथ कन्या मण्डल व तेरापंथ किशोर मण्डल ने अपनी संयुक्त प्रस्तुति दी। स्थानीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष श्री विक्रम गांधी व श्री गौतम बोहरा ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी।