🌸 लोभ का मोह छोड़ करें अध्यात्म की दिशा में गति : शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण 🌸
-चेम्बूर प्रवास के दूसरे दिन अध्यात्म से जुड़ने की दी प्रेरणा
-चेम्बूरवासियों ने अपने आराध्य के समक्ष अपनी भावनाओं को किया अभिव्यक्त
29.12.2023, शुक्रवार, चेम्बूर, मुम्बई (महाराष्ट्र) :
मुम्बईवासियों को अध्यात्म से भावित बनाने को व जन-जन में मानवता को जागृत करने के लिए जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान अधिशास्ता, मानवता के मसीहा आचार्यश्री महाश्रमणजी वर्तमान समय में पंचदिवसीय प्रवास के चेम्बूर में प्रवास कर रहे हैं। इन पंचदिवसीय प्रवास के दौरान आचार्यश्री सन् 2024 के शुभारम्भ का मंगलपाठ भी सुनाएंगे। इस मंगलपाठ का आयोजन मुख्य प्रवचन कार्यक्रम के दौरान 11.21 मिनट पर पूर्व घोषित है। इस अवसर पर देश भर से श्रद्धालु उपस्थित होंगे। अड़सठ वर्षों के बाद मिले चतुर्मास के बाद मुम्बईवासियों का सौभाग्य है, जो वर्ष 2024 के शुभारम्भ का मंगलपाठ भी उन्हें अपने महानगर में प्राप्त हो रहा है। इसे लेकर मुम्बई की जनता हर्षोल्लास का वातावरण छाया हुआ है।
चेम्बूर प्रवास के दूसरे दिन मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में उपस्थित जनता को महातपस्वी, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि आदमी के जीवन जैसे-जैसे लाभ की प्राप्ति होती है, वैसे-वैसे लोभ भी बढ़ता जाता है। मानों ऐसी स्थिति बनती है कि यदि आदमी को स्वर्ण का पहाड़ भी प्राप्त हो जाए तो उसका लोभ समाप्त नहीं हो सकता है। आचार्यश्री ने एक कथानक के माध्यम से अभिप्रेरित करते हुए कहा कि यदि आदमी की दिशा बदल जाए तो जीवन की दशा भी बदल सकती है। मनुष्य का चिंतन इतना प्रशस्त हो जाए कि उसकी दिशा लोभ से बदलकर अध्यात्म की ओर हो जाए तो जीवन की दशा भी बदल सकती है। भगवान के नाम का स्मरण हो, जप, ध्यान, साधना आदि में प्रवृत्ति हो जाए तथा विषयों के प्रति राग और प्रेम से विरक्ति हो जाए। विवेकावान होकर अपने आराध्य के चरणों में प्रीति कर ले तो उसकी आत्मा का कल्याण हो सकता हे। आदमी का बाह्य आकर्षणों से मोह भंग हो और भीतर की ओर आकर्षण हो जाए तो आदमी के जीवन का कल्याण हो सकता है।
मंगल प्रवचन के उपरान्त मुनि जागृतकुमारजी व मुनि अभिजितकुमारजी ने भी अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। इसके पश्चात आरम्भ हुआ चेम्बूरवासियों द्वारा अपने आराध्य के अभिनंदन का कार्यक्रम। चेम्बूर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री जुगराज बोहरा, श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री मूलचंद लोढ़ा, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष श्री विनीत पटावरी व मुम्बई चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री मदनलाल तातेड़ ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। तेरापंथ कन्या मण्डल ने गीत का संगान कर अपनी प्रस्तुति भी दी व अपने आराध्य के चरणों में संकल्पों का उपहार अर्पित किया तो आचार्यश्री ने उन्हें निरवद्य संकल्पों का त्याग कराया। तेरापंथ किशोर मण्डल के सदस्यों ने गीत का संगान किया तथा किशोर मण्डल के निवेदन पर आचार्यश्री ने सदस्यों को जीवन भर के लिए ड्रग्स व ड्रिंक्स से मुक्त रहने का संकल्प कराया। अणुव्रत समिति-चेम्बूर की टीम ने भी गीत का संगान किया।
आचार्यश्री के स्वागत में उपस्थित स्थानीय नगरसेवक श्री अनिल पाटणकर ने कहा कि मैं परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी का तहेदिल से स्वागत करता हूं। धर्म और राष्ट्र की सेवा के लिए आपने जो हजारों किलोमीटर की पदयात्रा की है, यदि उसमें हम भी चार कदम चल पाएं तो हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात होगी। आज ऐसे महासंत के दर्शन कर मन हर्षित हो रहा है। आपका आशीर्वाद हम सभी को मिलता रहे।