



नवान्हिक आध्यात्मिक अनुष्ठान परिसंपन्न
शक्ति जागृत करने का उपाय है संकल्पशक्ति मुनिश्री जिनेश कुमार जी
साउथ कोलकाता
आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमारजी के सान्निध्य में नवान्हिक आध्यात्मिक अनुष्ठान हर्षोल्लास के साथ तेरापंथ भवन में परिसंपन्न हुआ। इस अवसर पर मुनिश्री जिनेशकुमारजी ने कहा, दुनियां में शक्ति का बहुत बड़ा महत्व है शक्ति के बिना व्यक्ति का मूल्य कम हो जाता है। शक्ति विहीन व्यक्ति पंगु के समान है। जिसके पास शक्ति नहीं होती है उसको सब डराते है वह स्वयं कायर होता है। अपने आपको दयनीय व असहाय भी अनुभव करता है। बाह्य शक्ति से आंतरिक शक्ति का अधिक मूल्य होता है। अध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है स्वाध्याय, जप, तप, ध्यान से। आचार्य श्री तुलसी ने आध्यात्मिक अनुष्ठान का एक नया उपक्रम प्रारंभ किया। जिसका उद्देश्य है आत्म शुद्धि व ऊर्जा का विकास। मुनिश्री ने आगे कहा, शक्ति जागृत करने का एक विशेष उपाय है संकल्प शक्ति। संकल्प शक्ति से असंभव कार्य प्रतीत होने वाला भी संभव प्रतीत होने लग जाता है। आरोग्य, बोधि लाभ व श्रेष्ठ समाधि व्यक्तित्व में निखार आता है। चैतन्य का विकास होता है। व्यक्ति हमेशा साधना के द्वारा जीवन को संवारता रहे। मुनिश्री कुणाल कुमारजी ने गीत का संगान किया। मुनिश्री परमानंदजी ने आध्यात्मिक अनुष्ठान कराया।




