




तीर्थंकर समवसरण नंदन वन मुंबई, महाराष्ट्र
तेरापंथ धर्म संघ के सरताज युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के पावन सानिध्य में जैन विश्व भारती के वार्षिक अधिवेशन पांच सितंबर 2023, मंगलवार को गुरुदेव महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री कीर्ति कुमारजी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए अपनी अमृतमयी वाणी से मंगल अभिसिंचन प्रधान करते हुए फरमाया,
आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने समय-समय पर इस संस्था को तपोवन आश्रम का उल्लेख कर एक ऐसा सुमन्य संसार बनाया जिसमें लोग आकर ने केवल शारीरिक स्वास्थ्य का लाभ लेते हैं अपितु आध्यात्मिक उद्यान का सहयोग भी बनता है, पूज्य प्रवर से निवेदन करना चाहूंगा कि आप श्री ने जैन विश्व भारती को जय गुंजन का नाम देकर बहुत ही ऊंचाई पर पहुंचाया जिससे जैन विश्व भारती एक हाथी की तरह विशाल एक रमणीय बहु उपयोगी और समस्त संस्था के रूप में है, न जाने इस एक शब्द में कितने आशीर्वाद आचार्य प्रवर ने प्रदान किया और उसी आशीर्वाद का प्रतिफल है आज जैन विश्व भारती निरंतर विकास कर रही है,
पूज्य प्रवर जैन समाज के अनेक संस्थान होंगे लेकिन हमें गर्व है कि जैन विश्व विद्यालय होने का एकमात्र गौरव जैन विश्व भारती को प्राप्त है और मैं यह मानता हूं कि आज देश में और विदेशों में भी जहां जहां जैन विश्व विद्यालय की बात चलती है तो वह जैन विश्व भारती की ही बात आती है।भंते, पच्चास साल का सफर किसी संस्था का होना अपने आप में बहुत बड़ी होती बात होती है, बहुत से ऐसे संस्थान होंगे तो पच्चास साल में निष्क्रिय हो जाते हैं, किंतु जैन विश्व भारती एक ऐसा संस्थान है जिसकी साख एक प्राणवान अनुशास्था से जुड़े हैं उसके कारण यह संस्था निरंतर गतिशील है, आचार्य प्रवर की ऊर्जा प्रेरणा आशीर्वाद संस्थान की हर समिति को निरंतर और नई ऊंचाइयां प्रदान करते रहे, गुरुदेव ने लाडनूं में 2026 में जैन विश्व भारती में योगक्षेम वर्ष प्रदान किया है, गुरुदेव आचार्य श्री तुलसी ने इक्कीस वर्ष पूर्व जैन विश्व भारती का योगक्षेम वर्ष का आयोजन किया था, उसी का पुनः इतिहास का गठन करते हुए आचार्य प्रवर ने यही ऐतिहासिक अवसर जैन विश्व भारती को प्रदान किया है, वह जैन विश्व भारती लाडनूं का बहुत ही गौरवशाली अवसर है इस संस्था पर आचार्य प्रवर का आर्शीवाद सदैव है और सदैव रहेगा। संस्था में प्रत्येक गतिविधि पर आचार्य प्रवर का ध्यान है, ऐसी कोई गतिविधि नहीं है जो आचार्य प्रवर के ध्यान में रहे बिना आगे बढ़ाई गई हो, प्रत्येक गतिविधियां का आचार्य प्रवर के अंगीत अनुसार ही आध्यात्मिक गतिविधियां होती हैं जिससे संस्था को पूज्य प्रवर का पोषण मिलता है आशीर्वाद मिलता है, उसी की प्रतिफल है कि जैन विश्व भारती संस्था नित नएं कीर्तिमान स्थापित कर रही है। मुनिश्री जी ने आगे फरमाया कि तेरापंथ धर्म संघ में जितनी भी संस्थाएं है उनका पूरा-पूरा सहयोग हमेशा जैन विश्व भारती संस्था को मिलता रहा है यहीं इस संस्था का संगठन है।
विशेषकर जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के द्वारा जैन विश्व भारती की प्रवृत्तियों को समाज तक पहुंचने में बहुत बड़ा सहयोग प्राप्त हो रहा है। जैन विद्या परीक्षाएं और जैन विश्व भारती का साहित्य जन जन तक पहुंचाने में जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा का पुरा पुरा सहयोग हमे प्राप्त होता रहा है, तेरापंथ युवक परिषद, महिला मंडल, टीपीएफ इनका भी अनेक कार्यों में सदैव सहयोग प्राप्त होता रहा है। वर्तमान अध्यक्ष अमरचंदजी लुंकड़, मंत्री सैलेश जी लोढ़ा की संपूर्ण टीम को गुरुदेव का आर्शीवाद हमेशा प्राप्त होता रहे, पूज्य प्रवर ने महत्ती कृपा कर योगक्षेम वर्ष जैन विश्व भारती लाडनूं में फरमाया है जो एक महाकुंभ है, उसे हर एक कार्यकर्ता पुरी निष्ठा के साथ पूज्य प्रवर के अंगित में रहकर कार्य करते रहें और सदैव आगे बढ़ते रहें।
इसी आशा के साथ ॐ अर्हम
समाचार प्रेषक : मुनिलाल पारख,




