*
सतीश चंद लुणावत, राष्ट्रीय संवाददाता
Key Line Times
बांदनवाड़ा,बिजयनगर के समीप बांदनवाड़ा कस्बे के 34 वर्षीय प्रिंस (लोढा) जैन समाज सेवा के प्रति अपने जुनून के लिए जाने जाते हैं। इसी लगन के चलते वे छोटी सी उम्र में वे कई सेवा संगठनों से जुड़े हैं। उनकी सक्रियता को देखते हुए कई बार उन्हें संगठनों में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली। प्रिंस (लोढा) जैन ने ‘रक्तदान पक्षी दाना नंदी गौशाला’ नामक ग्रुप की स्थापना 14 मई 2021 को की गई थी। इसका उद्देश्य युवाओं को रक्तदान और गो सेवा के लिए प्रेरित करना है। ग्रुप के माध्यम से अब तक करीब 3500 जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध करवाया जा चुका है। बीते 4 वर्षों में भारत विकास परिषद, स्थानीय निकायों, परिवारों और संस्थाओं के सहयोग से 30 रक्तदान शिविर लगाए गए। इन शिविरों में कुल 4500 यूनिट रक्त संग्रह किया
गया। भीलवाड़ा के ब्लड बैंकों में भेजा गया। अब तक के सभी शिविरों में सबसे अधिक 463 यूनिट रक्त गत वर्ष एक शिविर में एकत्र हुआ। यह शिविर प्रिन्स(लोढा) जैन के पितामह(दादासा) स्व. रतनलाल लोढ़ा सिंगावल की पुण्य स्मृति में आयोजित किया गया था। यह ग्रुप 24 घंटे सेवा के लिए तैयार रहता है। ग्रुप के 935 सदस्य हैं। रोजाना 2 से 3 जरूरतमंद ब्लड के लिए डिमांड करते हैं। उन्हें जैन और ग्रुप के सदस्य संबंधित अस्पताल में रक्त उपलब्ध करवाते हैं। ग्रूप रक्तदान के साथ-साथ नेत्रदान, पक्षी दाना और गोसेवा में भी सक्रिय है। जैन खुद नंदी गोशाला में नियमित सेवा देते हैं। गोवंश के लिए आर्थिक सहयोग और खाद्य सामग्री जुटाते हैं। लंपी संक्रमण के दौरान उन्होंने औषधीय लड्डू बनवाकर गायों तक पहुंचाए। वे युवाओं को जन्मदिन पर गायों को हरा चारा और गुड़ खिलाने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रिंस (लोढ़ा)जैन का जन्म 14 मई 1991 को सिंगावल के रिखबचंद (लोढा)जैन व्यवसायी परिवार में हुआ। वे पढ़ाई पूरी करने के बाद व्यापार के उद्देश्य से बांदनवाड़ा आए। कुछ ही वर्षों में कुशल व्यवसायी के रूप में उन्होंने पहचान बनाई। मृदुभाषी स्वभाव और सामाजिक सक्रियता के कारण क्षेत्र में अलग पहचान बनी। वे भारत विकास परिषद, नंदी गो शाला, रक्तदान ग्रुप, पक्षी दाना और नेत्रदान जैसे संगठनों से जुड़े हैं।गोसेवा – नेत्रदान के लिए भी पेश की मिसाल, कई सम्मान मिलेप्रिंस (लोढ़ा)जैन की सेवा भावना और समर्पण को देखते हुए कई बार उन्हें सम्मानित किया गया है। स्थानीय और जिला स्तर पर समाजसेवा के लिए सराहा गया है। वे कहते हैं कि यह सम्मान उन्हें और अधिक सेवा कार्यों के लिए प्रेरित करता है। बांदनवाड़ा में प्रिंस (लोढ़ा)जैन को प्रेरणा के रूप में देखा जाता है। युवा उन्हें आदर्श मानते हैं। वे व्यापार में सफल होने के साथ ही समाजसेवा में भी अग्रणी हैं। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि इच्छा हो तो कम उम्र में भी बड़ा काम किया जा सकता है।’ उनका मानना है कि समाजसेवा ही सच्चा धर्म है। वे कहते हैं कि जरूरतमंद की मदद से जो संतोष मिलता है, वह किसी और काम में नहीं मिलता। उनका सपना है कि हर युवा समाजसेवा से जुड़े।समाजसेवी भंवर सिंह राठौड़ ने बताया कि प्रिंस (लोढ़ा)जैन ऊर्जावान एवं सक्रिय कार्यकर्ता है जो संगठन के सभी सदस्यों से निरंतर संपर्क बनाए रखते हैं। समाजसेवी किशन गोपाल परिहार ने कहा कि प्रिंस(लोढ़ा) जैन एक समर्पित कार्यकर्ता हैं जो सेवा कार्यों के लिए सहज उपलब्ध एवं तत्पर रहते हैं।