- सुरेंद्र मुनोत ऐसोसिएट एडिटर
- Key Line Times
- युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री कुलदीप कुमार जी ने कहा- आचार्य भिक्षु एक विलक्षण दूरदर्शी और आत्मार्थी व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपने प्रखर परिश्रम एवं सूझबूझ से तेरापंथ को मर्यादाओं की ऋचाओ से अभिमंत्रित कर विकास के शिखर पर पहुंचा दिया उनका तपोमय, ओजमय आदर्श जीवन सदियों तक लोकमानस के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगा। मुनि मुकुल कुमार जी ने कहा- मर्यादा सुरक्षा प्रगति और विकास की सर्जक है स्वयं को नियंत्रित रखने वाला कछुआ सदा सुरक्षित रहता है। दोनों तटो के बीच बहने वाली सरिता महासागर तक पहुंच जाती है। और जड़े जमाकर खड़े रहने वाला वृक्ष अद्भुतरूप से पुष्पित पल्लवित और विकसित होता है। गणविशुद्धिकरण हाजरी अपने आप में रहस्यगर्भित हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि श्री के मंगलमंत्रोंच्चार से हुआ। इस अवसर तेरापंथ मुंबई सभा के अध्यक्ष माणक जी धींग श्री तुलसी महाप्रज्ञ फाऊंडेशन कांदिवली के अध्यक्ष मेघराज जी धाकड़ ने अपने विचार व्यक्त किये। तेरापंथ सभा एवं तेरापंथ युवक परिषद के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक प्रस्तुति दी। तेरापंथी महिला मंडल की सामूहिक प्रस्तुति में सुमधुर संगायिका मीनाक्षी भूतोडिया ने गीत का संगान कर भावपूर्ण प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथ सभा मुंबई के मंत्री दिनेश जी सूतरिया ने किया। आभार ज्ञापन ते यू प कांदिवली के अध्यक्ष राकेश सिंघवी ने किया।
निवेदक
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा मुम्बई