
शोभायात्रा में अनेक संत, महंत, पदाधिकारी, स्वयंसेवक, मंत्री सहित श्रद्धालु शामिल हुए।
गुजरात,आहवा-डांग
आहवा: दिनांक: 14: संस्कृति, संस्कार और सत्संग को बढ़ावा देने के आह्वान के साथ लोगों को प्रभु श्री राम के बारे में जागरूक करना प.पू. बालयोगी पीर गणेशनाथजी नाथ दलीचा नवनाथ मठ त्र्यंबकेश्वर नासिक के पीर महाराजश्री ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन प्रसंगों से प्रेरणा लेते हुए, अनमोल मानव जन्म को सार्थक बनाने की अपील की।
अपने अध्यक्षीय प्रवचन में प.पू. बालयोगी पीर गणेशनाथजी ने महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में भगवान श्री राम और माता शबरी की कथा में वर्णित भावना और प्रेम को समझने की अपील की तथा रामायण की महिमा का वर्णन किया। शबरी मिलन समारोह की गहन घटनाओं का सरल शब्दों में वर्णन किया है, जो ऊंच-नीच, जाति और धर्म के बीच के भेद को तोड़ता है। प.पू.बालयोगी पीर गणेशनाथजी ने सनातन हिंदू संस्कृति के अनुरूप प्रकृति एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कार्य करने की अपील की।
शबरी धाम के स्वामी श्री असीमानंदजी ने महाराष्ट्र से आए श्रद्धालुओं का विशेष अभिनंदन करते हुए देशभर में गूंज रही भगवान श्री राम के नाम की महिमा का वर्णन किया और कहा कि जिस भक्ति भावना से देश में आस्था है, उसी भक्ति भावना से दंडकारण्य से अयोध्या तक जागृति लाने वाले डांग के माता शबरी के वंशज भी भक्ति और आस्था की अर्पण कर रहे हैं। इसके साथ ही श्री असीमानंदजी ने डांग जिले में धर्मजागरण द्वारा शुरू किए गए कार्यों और शबरी धाम की स्थापना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
वर्ष 2006 में शबरीधाम में आयोजित कुंभ मेले का वर्णन करते हुए संघ के नेता श्री शरदराव ढोले और श्री सुरेश कुलकर्णी ने लोगों से धार्मिक जागृति की ज्योति जलाने की अपील की।
प्रदेश के आदिजाती मंत्री श्री कुबेरभाई डिंडोर ने मां शबरी के वंशजों को वंदन अभिवादन देते हुए दंडकारण्य की पावन भूमि की गरिमा और विरासत तथा यहां की सनातन संस्कृति के सामर्थ्य से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि यद्यपि अनेक आक्रांताओं ने इस भूमि को नष्ट करने के नापाक प्रयास किए हैं, लेकिन यह भूमि आज भी अमर है। सनातन हिन्दू संस्कृति, सनातन संस्कृति अपने सिद्धांतों के साथ जीवित है।
रामायण जैसे महाकाव्यों की रचना सहित सम्पूर्ण रामायण में जनजातीय समुदाय के योगदान का उल्लेख करते हुए मंत्री ने शबरी धाम और पंपा सरोवर के महत्व को बताया। भगवान श्री राम और शबरी के मिलन की कथा सुनाते हुए, मंत्री ने रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों के साथ-साथ पुराणों में वर्णित आदिवासी पात्रों की क्षमताओं का परिचय दिया।जहां हजारों वर्षों की परम्परा के अनुसार आदिवासी समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य व केन्द्र सरकार विभिन्न कदम उठा रही है, वहीं मंत्री श्री कुबेरभाई डिंडोर ने सभी से एकजुट होकर आदिवासी समाज को गुमराह करने वाले तत्वों के खिलाफ जागरूकता लाने का आह्वान भी किया।
डांग विधायक एवं गुजरात विधानसभा के नायब दंडकश्री विजयभाई पटेल ने अपने प्रासंगिक वक्तव्य में में कहा कि ‘राम’ आदिवासी समाज की संस्कृति में ही रचे-बसे हैं। तब शबरी माता के सभी वंशजों से अपील की कि वे सनातन संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन करें, सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले आदिवासी समुदाय को उन लोगों की भ्रामक कहानियों में न फंसाएं जो उन्हें गुमराह करते हैं ।
इस दौरान राज्य सरकार के पूर्व मंत्री श्री नरेशभाई पटेल ने शबरी धाम और उसके महत्व को रेखांकित किया तथा आदिवासी समुदाय की आस्था और भक्ति से परिचित कराया।
इस अवसर पर शबरी माता पर लिखित तथा बच्चों के लिए उपयोगी शबरी माता के जीवन वृतान्त पर आधारित पुस्तिका ‘शबरी की प्रेरक माला’ का विमोचन किया गया। इसके साथ ही पंपा सरोवर से शबरीधाम तक निकाली गई शोभायात्रा में भी गणमान्य लोग शामिल हुए।
शबरीधाम में आयोजित ‘श्री राम-शबरी मिलन समारोह’ में महाराष्ट्र से हजारों श्रद्धालुओं के साथ शामिल हुए प.पू. बालयोगी पीर गणेशनाथजी नाथ दलिचा नवनाथ मठ त्रबकेश्वर नासिक पीर महाराज, स्वामी श्री असीमानंदजी, संघ के सर्वे श्री शरद राव ढोले, श्री सुरेश कुलकर्णी, श्री पी.पी. स्वामीजी, कैबिनेट मंत्री श्री कुबेरभाई डिंडोर, विधानसभा नायब दंडक श्री विजयभाई पटेल, गणदेवी विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री नरेशभाई पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निर्मलाबेन गाइन, आहवा तालुका पंचायत अध्यक्ष श्री सुरेशभाई चौधरी, वाघई तालुका पंचायत अध्यक्ष श्री चंदरभाई गावित, सुबीर तालुका पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रविनाबेन गावित, वासुर्णा राजवी श्री धनराजसिंह सूर्यवंशी,शबरी धाम मंदिर के ट्रस्टी, डांग भाजपा संगठन प्रभारी श्री राजेशभाई देसाई, डांग भाजपा पार्टी प्रमुख श्री किशोरभाई गावित, भाजपा महामंत्री श्री हरिरामभाई सावंत, श्री दिनेशभाई भोये सहित अन्य पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में भक्तगण इस अवसर पर उपस्थित थे।