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गुलाबपुरा
सतीशचंद लुणावत
जैन स्थानक में आचार्य हीराचंद जी मसा की 62वीं दीक्षा जयंती साध्वी रत्न स्नेहलता म सा के सानिध्य में त्याग व तपस्या से मनाई। सामूहिक एकासना उपवास आयंबिल तप से मनाई। गुरु के गुना का गुणगान करते हुए कहा कि गुरुदेव दीर्घ दृष्टा, संगठन की मजबूती निस्वार्थ जिन शासन की सेवा प्रभावना समर्पण भाव कुशल मार्गदर्शन विनयवान है।रांका परिवार के नन्हे से बालक आरव राकेश ने गीतिका प्रस्तुत कर गुरु के गुणगान किये। इस चातुर्मास में गुलाबपुरा निवासी नौरतमल चपलोत ने 35वें एकासना का संकल्प लिया। 32 साल से आचार्य दायित्व निभा रहे हैं। 62 साल दीक्षा पर्याय से वर्तमान में 86 वर्ष की आयु में सबसे मिलना मांगलिक देते हैं। गुरुमुख से सो दीक्षा संपन्न हो चुकी है। व्यसनमुक्त रहने का संदेश दिया स्वयं प्रशासन की अनुशासन गुरु हीरा का संदेश सामायिक स्वाध्याय जरूरी हो व्यसनमुक्त जीवन हो। सेवा छोटे संतों की भी करते हैं।पीपाड़ शहर में जन्म मोहिनी मां के मोतीलाल गांधी के पुत्र कोहिनूर हीरा का जन्म हुआ। जो स्वयं भी संयम के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। धर्म सभा में संरक्षक वीरेंद्र सिंहसंचेती, अध्यक्ष रतनलाल चोरड़िया, मंत्री लक्ष्मीलाल धम्मानी, कोषाध्यक्ष शांतिलाल डांगी विजयनगर से निहालसांड, लक्ष्मीलाल देसरला, गजेन्द्र बुरड़, पारसमल खटोड़, भंवरलाल कोठारी उपस्थित थे। सामूहिक एकासना का भोजन राजेंद्रकुमार राकेशकुमार मुकेशकुमार रांका (आगूचा वाले) की तरफ से गौतम प्रसादी रखी गई। एक सौ पच्चीस से अधिक एकासना हुए। गुलाबपुरा चातुर्मास में विराज रही साध्वी रत्न स्नेहलता यशप्रभा भक्तिप्रभा ने भी गुरु का गुणगान किया। आगूंचा, विजयनगर, खारी का लांबा, बेंगलुरु मुंबई व रम्य प्रभा के परिवार उपस्थित हुए। गुलाबपुरा चातुर्मास प्रवास कर रहे महासतिया जी से बिजयनगर संघ के प्रेमराज बोहरा, प्रकाश चंद्र बड़ौला ज्ञान सिंह सांखला ने विजयनगर में पधारने की विनती प्रस्तुत की।