✨ *दिनांक 22 जून 2024* शनिवार प्रातः 10:30 बजे से *साध्वीश्री डॉ. कुंदनरेखा जी ठाणा-3* के पावन सान्निध्य में ज्ञानशाला दिल्ली की नव गठित टीम की प्रथम बैठक का आयोजन अणुव्रत भवन के प्रांगण में किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी के मुखारविंद से नमस्कार महामंत्र द्वारा हुआ ।
तत्पश्चात
✨गांधीनगर ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने मंगलाचरण किया ।
✨साध्वीश्री जी ने फरमाया कि आचार्य श्री तुलसी की विशिष्टतम देन है *ज्ञानशाला*। प्रशिक्षिका स्वयं अध्ययन करें और बच्चों को अध्ययन करवाएं | बच्चों को अत्यंत प्यार एवं अपनत्व से समझाएं और उनमें अच्छे संस्कार का बीजारोपण करने का प्रयास करें | ज्ञानार्थियों की संख्या में वृद्धि हो इसका प्रयत्न करना है।
झूठ नहीं बोलना ,क्रोध नहीं करना और नमस्कार महामंत्र कम से कम 27 बार प्रतिदिन बोलने का संकल्प करवाया।
✨ ज्ञानशाला दिल्ली के नव नियुक्त संयोजक *श्री महिम बोथरा* ने स्वागत वक्तव्य में पधारे हुए ज्ञानशाला परिवार एवं समस्त आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा हमें अच्छे विचारों का विकास करना है। हमारे पास FD(focus- dedication)है , उस पर काम करें।
मंत्र दीक्षा ,ज्ञानशाला दिवस एवं अन्य आगामी कार्यक्रमों की विशेष सूचनाएं संप्रेषित कीं।
*श्री अशोक जी सेठिया* को ज्ञानशाला *परीक्षा व्यवस्थापक* नियुक्त किया गया।
✨ *दिल्ली सभा के महामंत्री श्री प्रमोद जी घोड़ावत* ने सम्पूर्ण दिल्ली ज्ञानशाला टीम को बधाई दी एवं आह्वान किया कि हमें ज्ञान की लालसा रखनी चाहिए। पाठ्यक्रम को रोचक बनाकर पढ़ाएं| अपनी प्रतिभा, ज्ञान, योग्यता से बच्चों को समझाएं ,पढ़ाएं। दिल्ली का प्रगतिमान स्वरुप है ज्ञानशाला | *महिम जी* को दोहरी जिम्मेवारी सौंपी है तदर्थ अच्छे से संचालन करें शुभकामनाएं प्रेषित की।
✨ ज्ञानशाला प्रकोष्ठ *केंद्रीय समिति सदस्या श्रीमती सरोज जी छाजेड़* ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा दायित्व सबके अपने हैं , सबको साथ लेकर चलना, व्यक्तिगत रूप से हम सबको सजग रहना है| आगे बढ़े, सपने देखें उत्कर्ष के ,संकल्प करें फिर उड़ान भरें।
✨ *दिल्ली ज्ञानशाला परामर्शक श्रीमान् रतनलालजी जैन* ने हार्दिक शुभकामनाएं दी।
उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा ज्ञान तब संस्कार बनता है , जब वह हमारे आचरण और स्वभाव में आ जाए।
*दिल्ली ज्ञानशाला परामर्शिका श्रीमती मनफूल जी बोथरा* ने जीवन निर्माण की आधारशिला ज्ञानशाला को बताया। शिक्षा और संस्कार मूल मंत्र है। शिक्षा कभी झुकती नहीं संस्कार कभी मिटते नहीं है।
🙏 *दिल्ली ज्ञानशाला सह-संयोजक श्री राजेश जी दुगड़* ने कागजी कार्य कम से कम हो तथा हम इस युग के अनुसार ज्ञानशाला में कैसे डिजिटल माध्यम से काम कर सकते है उस पर अपने विचार प्रस्तुत किए ।
✨ *परिचय सत्र* में सभी परामर्शक गण, सभी केंद्रीय पदाधिकारी गण , प्रशिक्षिकाओं एवं कार्यकर्ताओं ने अपना परिचय दिया ।
कुछ सदस्यों ने जिज्ञासाएं प्रस्तुत की, सभी की जिज्ञासाओं का समुचित समाधान संयोजक द्वारा प्रदान किया गया । अंत में *दिल्ली ज्ञानशाला के सह- संयोजक श्री राजेश जी दुगड़* ने परमाराध्य गुरूदेव एवं श्रद्धेया साध्वीश्री जी के प्रति कृतज्ञता एवं सभी पधारे स्वजनों का आभार ज्ञापन किया।
मंच का कुशल संचालन सह संयोजिका *श्रीमती श्वेता जी हिरावत* ने किया|