* *आचार्य श्री तुलसी : पुण्य स्मरण” कार्यक्रम का आयोजन**युगद्रष्टा व युगस्रष्टा थे आचार्य श्री तुलसी – मुनिश्री जिनेश कुमार जी*उत्तर कोलकातायुगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेशकुमार जी ठाणा 3 के सान्निध्य में “आचार्य श्री तुलसी : पुण्य स्मरण” कार्यक्रम का आयोजन उत्तर कोलकाता श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा ओम् स्काईलार्क सोसायटी के कम्युनिटी हांल में किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा- महापुरुषों की श्रृंखला में एक स्वर्णिम नाम है. आचार्य श्री तुलसी जिन्होंने मौलिकता को सुरक्षित रखते हुए धर्मसंघ में परिवर्तन का अवकाश रखा। गुरुदेव तुलसी की दूरगामी सूझबूझ का ही परिणाम है कि आज तेरापंथ धर्मसंघ दूसरे संघों के लिए उदाहरण एवं आदर्श बना हुआ है। आचार्य श्री तुलसी की आँखों में अलौकिक तेज था, उनके कानों की लोर बुद्ध जैसी थी। वे प्रज्ञा के उत्तुंग शिखर थे। वे नैतिक मूल्यों के प्रति सजग थे। वे साधुचर्या व साधना के हर क्षेत्र में जागरूक थे। वे युगद्रष्टा व युग स्रष्टा थे। वे वज्र से कठोर थे हो तो फूल से भी अधिक कोमल थे। वे अप्रमत्त चेतना के धनी, सहिष्णुता के साधन थे। वे गीतकार, साहित्यकार, प्रवचनकार, मधुर संगायक, कुशल अनुशास्ता थे। उन्होंने आगम संपादन, अणुव्रत आंदोलन जैसे जनकल्याणकारी कार्यों से लाखों लोगों को मार्गदर्शन प्रदान किया । 23 जून 1997, गंगाशहर में उनका महाप्रयाण हो गया। वे देह से हमारे सामने नहीं है किंतु स्मृतियों, शिक्षाओं और संदेशों के माध्यम से वे सदा हमारे साथ है। उनका पुण्य स्मरण हमारी कर्मनिर्जरा में सहायक बन सकता है। आज स्मरण कर भावांजति अर्पित करता हूँ।
इस अवसर पर बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी सुमधुर गीत का संगान किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ युवक परिषद् उत्तर कोलकाता के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण उत्तर कोलकाता श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष विनोद जी बैद ने दिया। तेरापंथ महिला मंडल मध्य कोलकाता की बहनों ने सुमधुर गीत कर संगान किया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिका श्रीमती स्वाति हीरावत ने ज्ञानशाला बच्चों द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई । आभार ज्ञापन सभा के मंत्री हेमराज जी संचेती ने किया। ज्ञानशाला बच्चों को प्रमाण पत्र भी वितरण किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंदजी ने किया । इस अवसर पर अच्छी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।