13 सभाओं का” शपथ ग्रहण समारोह “का भव्य, आयोजन
पद को भार नहीं उपहार समझे-मुनि श्री जिनेश कुमारजी
बेलुर मठ
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में वृहत्तर – कोलकाता क्षेत्र की 13 श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभाओं का शपथ ग्रहण समारोह बेलूर मठ ऑडिटोरियम में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा बाली बेलूर द्वारा आयोजित – किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति युवक रत्न गौतम जी चोरड़िया व गरिमामय उपस्थिति में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के महामंत्री विनोद बैद थे।
इस अवसर पर “हमारा धर्मसंघ हमारा दायित्व विषय पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेशकुमार जी ने कहा – संघ गति है, शरण है, प्रतिष्ठा है, प्राण है। आलम्बन है। संघ शक्ति का विलक्षण स्रोत हो – संघ में रहकर व्यक्ति अपनी साधना को तेजस्वी बना सकता है । मुनि श्री ने आगे कहा-संघ की श्री वृद्धि में नेतृत्व वर्ग का योगदान रहता है नेतृत्व करने वालों में संवेदनशीलता, श्रमशीलता, सहिष्णुता, स्वार्थ त्याग सामञ्जस्य, श्रद्धा, समर्पण, नशामुक्ति व संघ हितैषिता का भाव होना चाहिए। प्रशासक में क्रूरता नहीं होनी चाहिए। सबसे बड़ा गुण संवेदन शीलता है। मन में करुणा का भाव होना चाहिए करुणा शील व्यक्ति अन्याय नहीं कर सकता। प्रशासक को श्रमशील होना चाहिए। सुविधावादी मनोवृत्ति का त्याग करना चाहिए।सहिष्णुता आत्मा का विशेष गुण है जो सहना जानता है सबको साथ लेकर चलता है वह अच्छा नेतृत्व दे सकता है। प्रशासक के मन में सामञ्जस्य का भाव होना चाहिए। खींचातान नहीं होनी चाहिए। स्वार्थ से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए। आज 13 सभाओं का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ। सभी सभाध्यक्ष एवं पदाधिकारी तथा कार्यकारिणी सदस्यों के यशस्वी कार्यकाल के प्रति आध्यात्मिक मंगल कामना करता हूँ। सभी पद को भार नहीं उपहार समझकर संघ समाज की सेवा करें एवं अपने दायित्व के प्रति जागरुक रहते हुए अपने कार्य काल को सफल बनाए।
इस अवसर पर बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गोतमजी चोरड़िया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा- आचार्य श्री तुलसी द्वारा रचित तेरापंथ प्रबोध तेरापंथ की छोटी भागवत गीता है। इसमें तेरापंथ के सिद्धान्त निरूपित किये गये हैं। इसमें कहा गया है-अपनी आत्मा ही अपनी पहरेदार हो अर्थात स्वयं के पहरेदार स्वयं बनो जिससे आप गलत कार्य व पाप से बच सकोगे। संघ- की सेवा करने वालों को सबसे पहले स्वयं को सुधारना चाहिए। आने वाला युग शुचिता का युग है इसलिए दायित्व निर्वहन में शुचिता पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
इस अवसर पर महासभा के महामंत्री विनोद जी बैद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा सभा अपने स्थान पर मुख्य संस्था के रूप में कार्य करती है। सभा का अध्यक्ष अपने क्षेत्र का प्रथम पुरुष होता है जिसकी कार्यप्रणाली को पूरा श्रावक समाज देखता है इसलिए अध्यक्ष अपने दायित्वों के प्रति सजग रहे। नई टीम समरसता के साथ समाज में कार्य संपादित करने का प्रयास करें। सभा संचालन मार्गदर्शिका व श्रावक संदेशिका ये दो पुस्तकें हमारा नैतिक संविधान है। उनका पूर्ण सम्मान करते हुए उसका पालन करें।
कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ । श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन न्यायमूर्ति गोतम जी चोरडिया ने किया। स्वागत भाषण पूर्व अध्यक्ष अरुण जी नाहटा ने दिया। अतिथि परिचय राकेश सिंघी ने दिया। इस अवसर पर सभा एवं ते.यु.प. सदस्यों ने गीत का संगान किया।
इस अवसर पर महासभा महामंत्री विनोद जी बैद ने 13 सभाओं के अध्यक्ष एवं उनकी कार्यकारिणी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, कोलकाता के अध्यक्ष अजय जी भंसाली, दक्षिण कलकत्ता सभा के अध्यक्ष विनोदजी चोरडिया, उत्तर हावड़ा सभा के अध्यक्ष जुगल किशोर जी बोथरा, सॉल्टलेक सभा के अध्यक्ष जयसिंह जी डागा, टांलीगंज सभा के अध्यक्ष अशोक जी पारख, बेहाला सभा के अध्यक्ष अशोक जी सिंघी, उत्तर कोलकाता सभा के अध्यक्ष विनोद जी बैद, मध्य-उत्तर कोलकाता सभा के अध्यक्ष पारस जी सेठिया, लिलुआ सभा के अध्यक्ष अनिल जैन, उत्तरपाड़ा सभा के अध्यक्ष निकेश सेठिया, हिंदमोटर सभा के अध्यक्ष पंकज पारख, रिषड़ा सभा के अध्यक्ष प्रदीप मणोत, बोली- बेलूर सभा के अध्यक्ष विवेक दूगड़ ने अपनी कार्यकारिणी
की घोषणा करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर अतिथियों व सभी अध्यक्षों का बाली बेलूर सभा द्वारा बैज व पचरंगी पट्टे द्वारा सम्मान किया गया। आभार ज्ञापन सभा अध्यक्ष विवेक जी
दुगड़ व कार्यक्रम का संचालन मुनि श्री परमानंद व सम्मान का संचालन केवल सिंघी ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गणउपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यकर्ताओ का महत्वपुर्ण योगदान रहा।