आचार्य श्री महा श्रमण जी की सुशिष्या शासन श्री साध्वी मंजू प्रभा जी के पावन सानिध्य में तुलसी साधना केंद्र में 160 वा मर्यादा महोत्सव का आयोजन साध्वी श्री जी के नमस्कार महामंत्र से प्रारंभ हुआ व गुरू यशा जी द्वारा मंगलाचरण किया गया l शासन श्री साध्वी मंजु प्रभा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैसे समुद्र की अपनी मर्यादा होती है वह अपनी मर्यादा के साथ चलता है उसी प्रकार तेरापंथ धर्म संघ में भी आचार्य भिक्षु द्वारा जो मर्यादाएं लिखी गई उन मर्यादाओं के अनुसार ही तेरापंथ धर्म संघ निरन्तर विकास करता हुआ प्रगति के शिखर पर पहुंच रहा है l तेरापंथ धर्म संघ में खाने में पीने में सोने में बैठने में सभी में संविभाग होता है समर्पण का नाम है तेरापंथ
साध्वी संकल्प यशा जी ने महिला मंडल की बहिनों ने व सूरतगढ़ द्वारा पधारे गए गायक ने गीतिका के माध्यम से अपने अपने भावों की प्रस्तुती दी l साध्वी श्री जी व कन्या मण्डल की बालिकाएं द्वारा एक टाक शो के माध्यम से मर्यादाओं पर प्रकाश डाला गया l मंत्री रेणु बोथरा ने मर्यादा महोत्सव पर अपने विचार रखे l पारसमल जी छाजेड़ ने संघ के प्रति समर्पित रहते हुए संघ में रहकर कार्य करें कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी जयंतयशा जी ने किया।