सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर
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कोलकाता, 21 सितम्बर। जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) कोलकाता द्वारा नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित क्षमोत्सव समारोह ने इतिहास रच दिया। इस विराट आयोजन में 8,000 से अधिक श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लेकर जैन समाज की एकता, संस्कार और क्षमा की महान परंपरा को जीवंत कर दिया।कार्यक्रम का शुभारंभ अभिलाषा बाठिया के मधुर और भावपूर्ण भजनों से हुआ। उनके सुरों ने उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं के मन को भक्ति और आत्मीयता से भर दिया। मंच पर विराजित परम पूज्य आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी मुनिराज की पावन उपस्थिति ने कार्यक्रम को आलोकित किया। समाजबंधुओं ने उनसे मन, वचन और काया से क्षमा याचना की। इसी क्रम में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी, परम श्रद्धेय डॉ. आदर्शचंद्र जी महाराज, परम पूज्य डॉ. अक्षय ज्योति महासती जी एवं नवकीर्ति महासती जी, गणिनी आर्यिका 105 सुयोग्य नंदनी माताजी, तथा परम पूज्य डॉ. प्रियरंजना श्री जी सहित सभी विराजित चरित्रात्माओं के समक्ष समाज के लोगों ने क्षमा याचना कर आत्मशुद्धि की। इस अवसर पर रतन जी दुगड़ ने कोलकाता जैन समाज के समस्त श्रावक-श्राविकाओं, आगंतुकों, महानुभावों एवं जीतो प्रतिनिधियों से सहृदय क्षमा याचना करवाई सभी के हृदयों को भावविभोर कर दिया। इस भव्य क्षमोत्सव में जीतो चेयरमैन धर्मेंद्र जी जैन, सुमित कोठारी सहित जीतो की संपूर्ण टीम उपस्थित रही। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में अनेक प्रमुख आगंतुकों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। इस अवसर पर ललित जी डांगी, कमलेश सोजातिया, बुधमल जी लुनिया, भंवरलाल जी बैद, अजय भंसाली, कल्पना जी बैद, सुरेश जी गोयल, कुंज बिहारी अग्रवाल, सरदारमल काकड़िया, पवन मोदी, निर्मल बिंदायका, राजकुमार जी सेठी, संतोष सेठी, संजय जैन (CA), संजय काला (Ispat), सुरेश सेठी (कांकी), अशोक सेठी, सनत जैन, ललित सारावगी, दीपक पाटनी, सुमित बागड़ा, अमित जैन, पवन जैन, सुनील पहाड़िया, अशोक पहाड़िया, सौरभ जैन, धनपाल जैन, दिनेश जैन, पंकज जैन, अशोक जैन,विशाल छाबड़ा , महावीर जैन (टेंघरिया), चिराग जैन, विशाल जैन, मोहित जैन, दिनेश गंगवाल, कमल नयन जैन, संजीव जैन, बिनोद संचेती, ललित सरावगी, ऋषभ नाहटा, नेहा बड़जात्या , अमन जैन,सुनीता सेठीया अनीता गंगवाल, डोली जैन, ललिता सेठी, सपना पहाडिया , मंजू पांडया , मूलचंद डागा, कन्हैया लाल कोठारी, सुरेन्द्र मुनोत , जयसिंह डागा, बिनोद दुगड़, सीतल दुगड़ सहित समाज के अनेक सदस्य एवं महिलाएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। यह आयोजन न केवल जैन समाज की आस्था और परंपरा का प्रतीक रहा, बल्कि क्षमा धर्म की महिमा का अनुपम संदेश भी देता रहा। कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि क्षमा ही धर्म है, क्षमा ही जीवन की सबसे बड़ी साधना है।भव्य क्षमोत्सव ने कोलकाता जैन समाज को नई ऊर्जा, नई प्रेरणा और क्षमा-भाव की अनुपम अनुभूति से सराबोर कर दिया। यह जानकारी महावीर जैन ने दी।