Surendra munot, Associate editor all india {west Bengal}
Key Line Times
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*चिन्तन प्रवाह (६०७)*
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*वह अमृतपान होगा*
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जब गुरुजी ने यह बात कही
कि
रोज एक शुभ काम किया करो,
जैसे किसी जरूरतमंद की
मदद ही करो।
तब एक जिज्ञासु ने
बड़ी उत्सुकता ने पूछा,
गुरुवर! एक आदमी की
सहायता करने से
कौन सा संसार बदल जाएगा?
गुरुजी का सटीक जवाब था,
*सही है इतने बड़े संसार में*
*एक आदमी की मदद करने से*
*संसार तो नहीं बदलेगा,*
*पर जरा गौर करो ,*
*उस एक आदमी का*
*संसार अवश्य बदल जाएगा।*
*वह तो निहाल हो जाएगा।*
*तुम्हारे पर मन ही मन*
*शुभेच्छाओं की*
*बौछार करता नहीं थकेगा।*
*वह तुम्हारे उस दिन का*
*अमृतपान होगा।*
बनेचन्द मालू