🌸 अज्ञान के आवरण को हटाता है ज्ञान : युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण 🌸
-जीवन विज्ञान दिवस पर आचार्यश्री ने दिया पावन प्रतिबोध
-मंगलभावना समारोह के प्रथम दिन मुम्बईवासियों ने व्यक्त की आस्थासिक्त भावनाएं
25.11.2023, शनिवार, घोड़बंदर रोड, मुम्बई (महाराष्ट्र) :
68 वर्षों बाद मुम्बईवासियों का भाग्योदय हुआ तो जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें देदीप्यमान महासूर्य, युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ मायानगरी में पंचमासिक चतुर्मास के लिए पधारे। अरब सागर के तट पर बसे इस महानगर में आचार्यश्री ने एक स्थान से पांच महीने तक ज्ञान की ऐसी गंगा प्रवाहित की, जिसने मुम्बईवासियों को ही नहीं, अपितु देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मानसपटल को आध्यात्मिक अभिसिंचन प्रदान किया। चतुर्मास की सम्पन्नता में तीन दिन ही शेष मुम्बईवासियों ने मंगलभावना समारोह में अपने आराध्य के सम्मुख अपनी आस्थासिक्त भावनाओं को व्यक्त किया।
शनिवार को तीर्थंकर समवसरण में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी नौ बजे ही पधार गए। आज आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में मुम्बईवासियों द्वारा मंगलभावना समारोह का समायोजन भी था और जीवन विज्ञान दिवस का भी समायोजन था। सर्वप्रथम आचार्यश्री के मंगल महामंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। मंगलभावना समारोह में सुश्री रिंकल व स्विटी लोढ़ा, श्रीमती सीमा बाफना व श्री शांतिलाल दूगड़ ने पृथक्-पृथक् गीत का संगान किया। तेरापंथ महिला मण्डल-मुम्बई की अध्यक्ष श्रीमती विमला कोठारी, श्री प्रकाश धाकड़, प्रेक्षा प्रशिक्षक श्री पारसमल दूगड़, आचार्य तुलसी महाप्रज्ञ फाउण्डेशन के अध्यक्ष व भोजनशाला संयोजक श्री विनोद बोहरा, चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल बाफना, श्री अमृत खटेड़, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री भंवरलाल कर्णावट, श्री चांदरतन दूगड़, चिकित्सा प्रभारी श्री नरेन्द्र तातेड़, श्री अर्जुन कच्छारा, आवास संयोजक श्री संदीप कोठारी, मार्गसर्वे संयोजक श्री किशनलाल डागलिया, पंडाल संयोजक श्री भूपेश कोठारी, श्री दिलीप सरावगी, अणुव्रत समिति-मुम्बई के अध्यक्ष श्री रोशनलाल मेहता, शॉपिंग सेंटर संयोजक श्री नरेश चपलोत, विहार सेवा संयोजक श्री विमल सोनी, सोशल मीडिया संयोजक श्री समकित पारख, निर्माण समिति संयोजक श्री वीसी भलावत ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी।
तदुपरान्त युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने उपस्थित जनता को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि अंग आगमों में पांचवें स्थान पर आने वाला भगवती सूत्र एक विशाल आगम है। इसमें तीर्थंकरों की पवित्र वाणियां प्राप्त होती हैं। संयम, चरित्र और तप की बात प्राप्त होती है। इस चतुर्मास में मैंने भगवती सूत्र आगम के आधार पर व्याख्यान का प्रयास किया। श्रावक कैसा होना चाहिए, तत्त्वज्ञान, जीव-अजीव, जाने कितना-कितना ज्ञान इससे प्राप्त किया जा सकता है। आज इस भगवती सूत्र को श्रद्धापूर्वक विदाई दी जा रही है। आज के दिन मुम्बईवासियों द्वारा मंगलभावना समारोह भी रखा गया है तो मैं भी आगम को मंगलभावना के साथ ससम्मान एकबार के लिए विदाई दे रहा हूं।
आज के दिन परम पूज्य गुरुदेव तुलसी ने मुनिश्री नथमलजी स्वामी (टमकोर) को महाप्रज्ञ सम्मानयुक्त अलंकरण विशेष अलंकरण गंगाशहर चतुर्मास में प्रदान किया। महाप्रज्ञजी के नाम का मूल आज का दिन है। बाद में राजलदेसर में आयोजित मर्यादा महोत्सव में आचार्यश्री तुलसी ने उन्हें युवाचार्य पद प्रदान करने के साथ ही उनके अलंकरण को ही उनका नामकरण कर दिया। आज के दिन को जीवन विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह शिक्षा जगत का गैर साम्प्रदायिक कार्यक्रम है। जीवन विज्ञान का प्रयोग शिक्षा संस्थानों में कराया जाता है। जीवन में शिक्षा का कितना महत्त्व होता है। शिक्षा के माध्यम से अज्ञानता पर प्रहार किया जाता है। शिक्षा का आगमन होता है तो अज्ञानता का आवरण हट जाता है। शिक्षा के दो उद्देश्य लर्निंग और उसके बाद अर्निंग की होती है। इसके साथ बच्चों को अच्छे संस्कार भी देने का प्रयास किया जाए तो जीवन अच्छा हो सकता है। शैक्षिक, शारीरिक विकास के साथ मानसिक और भावात्मक विकास भी हो तो जीवन अच्छा हो सकता है। जीवन विज्ञान के माध्यम से बच्चों का भावात्मक विकास किया जा सकता है। आचार्यश्री ने इस दौरान उपस्थित जनता को महाप्राण ध्वनि का प्रयोग भी कराया। आचार्यश्री ने आगे कहा कि कषायों की मंदता तो सभी के लिए कल्याणकारी होती है। भावात्मक शुद्धता का विकास हो और आज के दिन से लोगों अच्छी प्रेरणा भी प्राप्त हो। आचार्यश्री ने ‘पूज्यवर महाप्रज्ञ भगवान’ गीत का आंशिक संगान भी किया। जीवन विज्ञान और अणुव्रत समिति की ओर से श्रीमती माला कातरेला ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। जीवन विज्ञान के नवीन संशोधित संस्करण की पुस्तकों को श्रीचरणों में लोकार्पित भी किया गया। इस संदर्भ में आचार्यश्री ने पावन आशीर्वाद प्रदान किया। मंगलभावना समारोह कार्यक्रम का संचालन चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के महामंत्री श्री महेश बाफना ने किया।