
गुजरात,आहवा-डांग:
दिनांक-29 : डांग जिले के मुख्यालय आहवा में आज जिला कांग्रेस समिति ने सिविल अस्पताल आहवा के निजीकरण के सरकार के विचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और वांसदा के विधायक अनंत पटेल के नेतृत्व में जिला कलेक्टर के माध्यम से गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री को अस्पताल का निजीकरण नहीं करने के बारे में एक आवेदन पत्र सौंपा।
कुछ दिन पहले डांग से जुड़े तापी जिले में सरकारी अस्पताल के निजीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था। तब डांग जिले में भी जिले के एकमात्र सिविल अस्पताल आहवा के निजीकरण की बात को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई और इसके खिलाफ प्रदर्शन करके एक आवेदन पत्र सौंपा। साथ ही आवेदन पत्र में कहा गया है कि डांग जिले में पूरी तरह से 96% आदिवासी आबादी है और भौगोलिक रूप से वर्तमान में एकमात्र सरकारी अस्पताल आहवा में स्थित है। जिसका लाभ सरकार के माध्यम से 311 गांवों के आदिवासी समाज और अन्य समाजों को मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार की ओर से घटती हुई सुविधाओं को खुद मुहैया कराना जरूरी है और वर्तमान परिस्थितियों में सरकार को इसका पूरा प्रबंधन करना चाहिए। यदि डांग में कोई अन्य सरकारी अस्पताल होता और ऐसा निर्णय लिया गया होता तो हम यह सवाल नहीं उठाते। लेकिन यह न तो स्वीकार्य है और न ही शोभा देता है कि एकमात्र सिविल अस्पताल का सरकार इसके प्रबंधन में असफल हो गया है,ऐसा हमारा मानना है। आवेदन के माध्यम से हमारी मांग थी कि सरकार सिविल अस्पताल को पर्याप्त स्टाफ, पर्याप्त सुविधाओं से सरकार खुद चलाये।जब स्वावलंबी मेडिकल कॉलेज की स्थापना करनी हो तो इस पर अलग से विचार करे साथ ही अगर सरकार की ओर से इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो हम 31 अक्टूबर को गांधी चिन्ध्य मार्ग से विरोध प्रदर्शन करेंगे।
