उत्तर कर्नाटक तेरापंथ सेवा समिति का स्वर्ण जयंती समारोह बल्लारी में हुआ आयोजित
कैसे हो श्रावकत्व का विकास
तेरापंथी श्रावक गुरु इंगित की आराधना करने वाला होता है – डॉ मुनिश्री
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी नचिकेता मुनि आदित्य कुमारजी की मंगल सन्निधि में उत्तरी कर्नाटक के 41 से अधिक तेरापंथी क्षेत्रों की संगठित संस्था उत्तर कर्नाटक तेरापंथ सेवा समिति के स्वर्ण जयंती समारोह का कार्यक्रम के ई बी फंक्शन हॉल बल्लारी में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में बेंगलुरु से पधारे महासभा के ट्रस्टी शासनसेवी श्री मूलचंद नाहर तथा महासभा कार्यकारिणी सदस्य श्री प्रकाश लोढ़ा मुख्य अतिथि के रूप में तथा वशिष्ठ अतिथि के रूप में पश्चिम महाराष्ट्र तेरापंथ सभा अध्यक्ष उत्तमचंद पगारिया, मलनाड तेरापंथ क्षेत्रीय समिति के पूर्व अध्यक्ष तेजकरण सिपानी वर्तमान अध्यक्ष महावीर भंसाली आदि की गरिमामय उपस्थिति थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जयंतीलाल चोपड़ा मंत्री पुष्पराज बाफना ने उपस्थित सभी अतिथियों का शाब्दिक एवं मोमेंटो से स्वागत सम्मान किया। स्वर्ण जयंती समारोह का शुभारंभ मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र उच्चारण से हुआ। मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल बल्लारी ने किया। बल्लारी सभा अध्यक्ष कमलचंद छाजेड़, पन्नालाल सुराणा मांगीलाल तातेड रमेश संचेती सुरेश कोठारी अमृतलाल कोठारी महावीर बागरेचा राजेन्द्र जीरावला पारसमल खिमेसरा वेलचंद जीरावला महेंद्र कोठारी भावना बाफना शर्मिला छाजेड़ राजेश्वरी तातेड के साथ उपसिका बहने रुचिका कोचर तथा नचिकेता मुनि आदित्य कुमारजी आदि अनेक वक्ताओं ने गीत एवं वक्तव्य के माध्यम से विचार प्रस्तुत किये।कार्यक्रम के प्रथम चरण में कैसे हो श्रावकत्व का विकास विषय पर डॉ मुनिश्री पुलकित कुमारजी ने कहा श्रावक वह होता है जो संस्कृति समाज और परिवार को सुरक्षित रखता है। तेरापंथी श्रावक की विशेषता होती है कि वह गुरु इंगित की विशेष आराधना करता है। तेरापंथ धर्मसंघ का प्रत्येक श्रावक श्रद्धावन ज्ञानवान क्रियावन और योगदान देने वाला बने। मुनिश्री ने प्रेरणा देते हुए आगे कहा यह वर्ष आचार्यश्री महाश्रमण दीक्षा कल्याण महोत्सव वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें उत्तरी कर्नाटक के प्रत्येक परिवार के सभी सदस्य संकल्प पत्र अवश्य भरें तथा तप – जप के द्वारा स्वर्ण जयंती मनाने का प्रयास करें। कार्यक्रम के दूसरे चरण में UKTS संस्थापक अध्यक्ष स्व.श्री राणमलजी जीरावला की विशेष सेवाओं को स्मरण करते हुए उनके पुत्र सोहनलाल जीरावला तथा संस्था के पूर्व अध्यक्ष मंत्रियों का मोमेंटो द्वारा अभिनंदन किया गया। ज्ञानशाला दिवस के संदर्भ में ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी बच्चों ने आकर्षक प्रस्तुतियां दी। आगामी 1- 2 अक्टूबर को बल्लारी में आयोजित उत्तरी कर्नाटक ज्ञानशाला संस्कार निर्माण शिविर के बैनर का अनावरण भी किया गया। स्वर्ण जयंती समारोह में उत्तर कर्नाटक के हुब्बली, हिरियूर चित्रदुर्गा,बेलगांव, डावणगेरे गूंटकल, चल्लकेरे, कुक्कनूर, सौदत्ती, होसदुर्गा कोप्पल, गदग होसपेट, कून्नूर गंगावती सिंधनुर करनूल हावेरी, मानवी, रायचूर, कंपली, यादगीर, शोरापुर, शाहपुर, गोवा तथा गुलबर्गा आदि तेरापंथी क्षेत्रों से लगभग पांच सौ से ज्यादा श्रावक श्राविकाऐं उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेरापंथ सभा महिला मंडल एवं तेरापंथ युवक परिषद बल्लारी के सभी कार्यकर्ताओं ने विशेष योगदान दिया।
समाचार प्रेषक मुनिलाल पारख, हुबली (नोखा)