

लखनऊ, उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। उत्तर प्रदेश में दो चरणों में नगर निगम, नगर निकाय, नगर परिषद एंव नगर पंचायत के चुनाव होंगे। पहले चरण मे मतदान चार मई और दूसरे चरण का मतदान 11 मई को होगा, जबकि 13 मई को नतीजे आएंगे।
नगर पालिका और नगर पंचायत के पदों पर बैलट पेपर से मतदान होगा। इसके अलावा चुनाव आयोग ने संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त पुलिस लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही निकाय चुनाव की प्रक्रिया की शुरुआत हो गयी है। अब सभी पार्टियां निकाय चुनावों में अपना जोर दिखाने में जुट गई हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 762 नगरीय निकायों पर चुनाव होने हैं। ये चुनाव दिसंबर 2022 में होने वाले थे इन निकायों का कार्यकाल 12 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच खत्म हो चुका है। बात ओबीसी आरक्षण पर अटकने के कारण अब तक चुनाव नहीं हो सके थे। 30 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण का ड्राफ्ट जारी कर दिया था। अभी 762 में से 760 नगर निकायों में चुनाव होगा। इनमें से 205 सीटें ओबीसी के लिए रिजर्व रखी गईं हैं। उत्तर प्रदेश में 17 महापालिकाओं के मेयर, 199 नगर पालिकाओं के अध्यक्ष और 544 नगर पंचायत के अध्यक्ष चुने जाने हैं। महापौर की 17 में से 9 सीटों को आरक्षित किया गया है। इनमें आगरा सीट एससी (महिला), झांसी एससी, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद ओबीसी (महिला), सहारनपुर और मेरठ ओबीसी और लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद को महिला के लिए आरक्षित किया गया है। जबकि वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या और मथुरा-वृंदावन अनारिक्षित सीटें हैं।
सीमा विस्तार होने से नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत की संख्या बढ़ गई है। कुल मिलाकर अब 17 नगर निगम, 200 नगर पालिकाएं और 545 नगर पंचायत हैं। हालांकि, इनमें से 760 पर ही चुनाव होने हैं। पिछली बार यानी 2017 के चुनाव में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका और 438 नगर पंचायत थीं। यानी, इस बार एक नगर निगम, 2 नगर पालिका और 107 नगर पंचायतें बढ़ गईं।
2017 में जब नगर निकाय के चुनाव हुए थे, तो उसमे बीजेपी ने 16 में से 14 नगर निगमों पर कब्जा कर लिया था। पिछली बार 1300 में से 597 पार्षद बीजेपी के थे। वहीं, 198 नगर पालिकाओं में से 70 में और 438 नगर पंचायतों में से 100 में बीजेपी की जीत हुई थी। कांग्रेस एक भी नगर निगम नहीं जीत पाई थी। कांग्रेस सिर्फ 9 नगर पालिका और 17 नगर पंचायत जीत सकी थी। बहुजन समाज पार्टी ने 2 नगर निगमों पर कब्जा कर लिया था।

