सुरेंंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर
Key Line Times
धानिन, राजसमंद (राजस्थान) ,जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ की उद्गमभूमि मेवाड़ में अपनी धवल सेना के विहरणमान जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान देदीप्यमान महासूर्य, अखण्ड परिव्राजक आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अपनी अखण्ड परिव्राजकता का जो अदम्य दृश्य श्रद्धालुओं को दिखाया है, वह युगों तक उनके पास पर अंकित रहेगा। समस्त श्रद्धालु क्षेत्रों को स्पर्श करने तथा तेरापंथ धर्मसंघ के उद्गमस्थल से जुड़े हुए उन सभी ऐतिहासिक स्थलों पर पधारने के लिए महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अद्भुत महाश्रम किया है। अहमदाबाद चतुर्मास की सुसम्पन्नता के उपरान्त गतिमान अखण्ड परिव्राजक आचार्यश्री महाश्रमणजी ने प्रायः प्रतिदिन दो या दो से अधिक विहार कर मेवाड़ भूमि को पावन बनाया है।बुधवार को प्रातःकाल युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने केलवा में स्थित भिक्षु विहार से मंगल प्रस्थान किया तो ग्यारहवें अनुशास्ता सर्वप्रथम केलवा के उस अंधेरी ओरी में पहुंचे जहां तेरापंथ धर्मसंघ के आद्य अनुशास्ता आचार्यश्री भिक्षु ने तेरापंथ के आचार्य के रूप में प्रथम चतुर्मास किया था। महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी उस स्थान पर विराजमान भी हुए जहां उनके आद्य अनुशास्ता चतुर्मास के दौरान विराजमान होते थे। यह दृश्य श्रद्धालुओं को भावविभोर करने वाला रहा। वहां श्रद्धालुओं को मंगल प्रेरणा प्रदान करने के उपरान्त आचार्यश्री आगे बढ़े। आज के विहार के दौरान विहार मार्ग में प्रेक्षाध्यान में संभागी बनने के लिए विदेशी धरती से पहुंचे संभागियों ने आचार्यश्री के दर्शन कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। विदेशी नागरिक भी आचार्यश्री की इस यात्रा में संभागी बने व कुछ दूर तक जैन ध्वज को थामकर भी चले। मार्ग में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं पर अपने दोनों कर कमलों से आशीषवृष्टि करते हुए लगभग बारह किलोमीटर का विहार कर पड़ासली मंे स्थित में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पधारे।विद्यालय परिसर में आयोजित मुख्य मंगल प्रवचन कार्यक्रम में उपस्थित जनता को युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि दुनिया में अनेक दृष्टिकोण वाले आदमी हो सकते हैं। कुछ मनुष्य जो मिथ्यादृष्टि वाले भी होते हैं तो कुछ मनुष्य सम्यक्दृष्टि वाले भी होते हैं। दोनों ही कार्य करते हैं और प्रवृत्ति करते हैं, किन्तु दोनों के कार्य में अंतर देखने को मिल सकता है। आज मार्गशीर्ष शुक्ला त्रयोदशी है। शुक्ला त्रयोदशी परम पूज्य आचार्यश्री भिक्षु की जन्म तिथि भी है और शुक्ला त्रयोदशी को उनका महाप्रयाण भी हुआ था। आषाढ़ शुक्ला त्रयोदशी जन्मतिथि व भाद्रव शुक्ला त्रयोदशी उनके महाप्रयाण से जुड़ी हुई है। हम वर्तमान में आचार्य भिक्षु जन्म त्रिशताब्दी वर्ष मना रहे हैं। आज सुबह हम केलवा में थे, जो उनसे जुड़ा हुआ क्षेत्र है। आगे बगड़ी, सिरियारी व कंटालिया भी जाना है।आचार्यश्री भिक्षु ने एक दृष्टि दी मिथ्यात्व की करणी। इस दृष्टि में जैनों कुछ भेद भी है। मिथ्यात्वी भी धर्म करता है और सम्यक्त्वी भी धर्म करता है, लेकिन दोनों की करणी में अंतर होता है। सारे मिथ्यात्वी भी एक सामन नहीं होते। कोई मिथ्यात्वी भी यदि भक्ति भावना से धर्म का कार्य करता है तो उसे भी पुण्य का लाभ और निर्जरा का लाभ प्राप्त हो सकता है। मोक्ष की दिशा की ओर ले जाने वाली हो सकती है। सम्यक्त्वी को उसका अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है। धर्म की करणी जो भी करेगा, उसे धर्म का लाभ मिलता ही है। हां, यह हो सकता है कि सम्यक्त्वी को ज्यादा लाभ प्राप्त हो सकता है और मिथ्यात्वी को थोड़ा कम लाभ प्राप्त हो सकता है। इस प्रकार आचार्यश्री ने त्रिशताब्दी वर्ष के संदर्भ में मिथ्यात्वी करणी विषय को व्याख्यायित किया।आचार्यश्री ने कहा कि आज पड़ासली में आना हुआ है। यहां श्रावक लोगों का आना हुआ है। विद्यालय पढ़ने वाले विद्यार्थियों व लोगों में अच्छा धार्मिक विकास होता रहे। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी ने समुपस्थित जनता को उद्बोधित किया। स्थानीय तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री अनिल बड़ाला व सभा के संरक्षक श्री गुणसागरजी ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। स्थानीय तेरापंथ महिला मण्डल ने आचार्यश्री के स्वागत में गीत का संगान किया।आचार्यश्री ने मंगल प्रवचन के उपरान्त कुछ समय पश्चात ही संबोधि उपवन की ओर प्रस्थित हुए। आचार्यश्री का संबोधि उपवन में स्वल्पकालिक प्रवास हुआ। पुनः अखण्ड परिव्राजक आचार्यश्री महाश्रमणजी गतिमान हुए और धानीन में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पधारे। धानीन से जुड़े श्रद्धालुओं ने महातपस्वी का भावभीना स्वागत किया। इस प्रकार महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी ने महाश्रम करते हुए एक दिन मंे लगभग बीस किलोमीटर की पदयात्रा की। जीवन के सातवें दशक में इतना श्रम देख जन-जन के मन के आह्लाद, श्रद्धा से भरा हुआ नजर आ रहा था।


