
मौहम्मद हयात गैसावत, जिला ब्यूरो चीफ नागौर
Key Line Times
नागौर,इस कलाम में सिर्फ नेक़ी की तालीम नहीं, बल्कि जिंदगी का पूरा निज़ाम छुपा है। जब हम किसी और के बच्चे के लिए ख़ैर का रास्ता खोलते हैं। उसकी पढ़ाई, उसकी इज़्ज़त, उसकी मुश्किलें—तो असल में हम अपनी औलाद के लिए रहमतों का दरवाज़ा खोल रहे होते हैं। क्योंकि अल्लाह का वादा है कि नेकी लौटकर आती है। लेकिन इसी वादे का दूसरा पहलू भी है, और यहीं असल इबरत है। अगर कोई इंसान दूसरों के बच्चों के लिए परेशानियाँ खड़ी करता है,किसी मासूम के लिए रास्ते तंग कर देता है,उसके हक़ में रोड़े अटकाता है,उसे रुलाता है, डराता है, या उसके भविष्य को चोट पहुंचाता है,तो ऐसा इंसान यह बात याद रखे कि अल्लाह का निज़ाम बेहद न्यायपूर्ण है।जैसा वह दूसरों के बच्चों के साथ करेगा, वैसा ही अंजाम उसकी अपनी औलाद के सामने आ सकता है—क्योंकि अल्लाह के यहां देर है, अंधेर नहीं।हयात की नज़र में, सबसे बड़ा इमान यही है कि इंसान दूसरों के बच्चों को अपनी औलाद समझकर उनका भला सोचे।
क्योंकि आज तुम किसी के बच्चे की राह आसान करोगे,
तो कल अल्लाह तुम्हारे बच्चों के लिए ऐसे आसानियाँ पैदा करेगा,जिन्हें देखकर तुम्हारा दिल सज्दा में गिर पड़ेगा।और अगर तुम किसी बच्चे के लिए मुसीबत बनोगे,
तो यह जान लो अल्लाह किसी ज़ुल्म को बिना जवाब के नहीं छोड़ता।
✍️मोहम्मद हयात गैसावत
जिला ब्यूरो चीफ की लाइन टाइम्स न्यूज़ दिल्ली मकराना

